रांची में स्मार्ट पुलिसिंग के प्रयास विफल, पुलिस सहायता केंद्रों में लटके हैं ताले

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Published : Nov 23, 2022, 8:24 PM IST

Smart policing efforts fail in Ranchi

रांची में स्मार्ट पुलिसिंग विफल (Smart policing efforts fail in Ranchi) है. रांची पुलिस ने चौक-चौराहों पर पुलिस सहायता केंद्र खोला, ताकि आमलोग आसानी से पुलिस तक पहुंच सके. लेकिन पिछले छह माह से केंद्रों में ताला लटका है.

रांचीः राजधानी में स्मार्ट पुलिस के कॉन्सेप्ट को अपनाते हुए आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस सहायता केंद्र बनाए गए, ताकि थानों पर काम का बोझ कम हो और लोग आसानी से पुलिस तक पहुंच सके. लेकिन अभी एक साल भी नहीं हुए हैं और अधिकतर पुलिस सहायता केंद्रों में ताला लटका है. स्मार्ट पुलिसिंग (Smart policing efforts fail in Ranchi) का यह पूरी तरह विफल है.

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तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने अरगोड़ा, डीबडीह, बहू बाजार, धुर्वा और कांटाटोली आदि इलाकों में पुलिस सहायता केंद्र खोले गए थे. पुलिस सहायता केंद्र में एक सब इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी की तैनाती की थी. अगले 6 महीने तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चला. लेकिन धीरे-धीरे पुलिस सहायता केंद्रों में ताले लगने शुरू हो गए. कुछ दिनों तक दिन में एक से दो घंटे तक केंद्र खुले भी रहते थे. लेकिन अब 24 घंटे ताला लटका रहता है.

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अरगोड़ा थाना क्षेत्र के सहजानंद चौक पर उच्च तकनीक का पुलिस सहायता केंद्र बनाया गया था. लेकिन वर्तमान समय में पुलिस सहायता केंद्र ही सहजानंद चौक से गायब है. जानकारी के अनुसार जब सड़क के चौड़ीकरण का काम हो रहा था तो पुलिस सहायता केंद्र को उठाकर कहीं दूसरे जगर रख दिया गया. अब रोड चौड़ा हो चुका है. इसके बावजूद पुलिस सहायता केंद्र अब भी गायब है.


राजधानी में बीट पुलिसिंग को कामयाब बनाने के लिए जगह जगह चौक चौराहों पर पुलिस सहायता केंद्र खोलने की योजना बनाई गई थी. इस योजना पर काम करते हुए आधा दर्जन से अधिक जगहों पर पुलिस सहायता केंद्र बना दिए गए, जहां से बीट पुलिसिंग लांच किया जाएगा. बीट पर तैनात अधिकारी अपने अपने क्षेत्र में किरायेदार सत्यापन के साथ साथ अपराधियों की जानकारी इकट्ठा कर सके. वहीं, चौक चौराहों पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है. पुलिस की परेशानियों को पुलिस सहायता केंद्र के मध्यम से दूर किया गया. योजना यह भी थी कि पुलिस सहायता केंद्र के बन जाने से थानों का भार कम होगा. पुलिस सहायता केंद्र में बैठने वाले पुलिस अफसर सहायता केंद्र में ही बैठकर लोगों के आवेदन जमा करेंगे और आगे की कार्रवाई करेंगे.

प्रभारी सिटी एसपी नौशाद आलम ने बताया कि वर्तमान समय में 200 से ज्यादा अफसर और पुलिसकर्मी ट्रेनिंग में गए हैं. इससे पुलिस सहायता केंद्रों में अधिकारियों की तैनाती नहीं की जा रही है, जिससे केंद्र मे ताला लगा है. हालांकि, सच्चाई यह है कि ट्रेनिंग में जो भी अफसर और पुलिसकर्मी गए हैं, वह सिर्फ 10 दिनों पहले गए हैं. जबकि पुलिस सहायता केंद्रों में ताले कई महीनों से लगे है.

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