रांची राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में भीषण गर्मी पड़ रही है तपती गर्मी और तेज पछुआ हवा की वजह से हलक सूख रहा है तो लोग गन्ना फल के जूस या आइसक्रीम ठंडा पानी पीकर गर्मी को मात देने की कोशिश करते दिख रहे हैं बढ़ती गर्मी के बीच ईटीवी भारत अपने पाठकों का ध्यान कोरोना लॉकडाउन 10 और कोरोना लॉकडाउन 20 के दौरान राजधानी रांची सहित राज्यभर के मौसम में आये बदलाव की ओर दिलाना चाहता है जब राज्य में एक भी दिन हीट वेव नहीं चला था यह भी पढ़ें Jharkhand Weather Update भीषण गर्मी की चपेट में झारखंड सभी जिलों का तापमान 40 के पार फिलहाल राहत की उम्मीद नहींरांची स्थित मौसम केंद्र से मिले हीट वेव के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं कि वर्ष 2020 में मार्च से जून तक एक भी दिन लू या हीट वेव नहीं चला और उस दौरान लगातार राज्य में बारिश भी हुई थी 2021 में भी मार्च से जून गक कमोबेश यही स्थिति बनी हुई थी लॉकडाउन के दौरान पर्यावरण पर सार्थक असर हुआ था जिसकी वजह से रांची में जहां एक भी दिन हीट वेव नहीं चला था वहीं जमशेदपुर और डाल्टनगंज में सिर्फ एक दिन लू जैसी स्थिति बनी थी 2022 से फिर पहले जैसे हालात बनने शुरू हो गए साल 2022 से फिर एक बार लॉकडाउन खत्म होने का असर दिखने लगा सड़कों पर चलने वाली मोटरगाड़ियों के धुएं कलकारखानों से निकलता धुंआ विकास के नाम पर वर्षों पुराने पेड़ को काटने और कंक्रीट के हर दिन उगने वाले जंगल की वजह से तापमान बढ़ने के साथ ही लू जैसी स्थिति भयावह होती गई मौसम केंद्र के आंकड़ें के अनुसार 2022 में जहां रांची में 06 दिन और जमशेदपुर में 05 दिन लू चला वहीं डाल्टनगंज में तो यह 33 दिन लंबा रहा जो राज्य बनने के बाद का रिकॉर्ड है लॉकडाउन ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण का जिम्मेवार कौन इस वर्ष बढ़ती गर्मी और हीट वेव कंडीशन के लिए खुद को जिम्मेदार बताते हुए रांची विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्र और पर्यावरण विद डॉ नीतीश प्रियदर्शी कहते हैं कि कोरोना काल के दौरान जब लॉकडाउन लगा तब प्रकृति ने हमें यह बता दिया कि बढ़ते प्रदूषण और गर्म होती धरती के लिए जिम्मेवार कौन है उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कलकारखाने बंद हो गए थे सड़कों पर गाड़ियां नहीं चल रही थी कार्बन एमिशन कम हो रहा था यही वजह है कि वर्ष 2020 और 2021 के वर्ष में मौसम भी सुहाना हो गया था झारखंड में तो ना सिर्फ लगातार रुकरुक कर बारिश होती रही थी बल्कि एक भी दिन हीट वेव जैसी स्थिति नहीं बनी थी डॉ नीतीश प्रियदर्शी ने कहा कि हीट वेव के लिए जो कारक जरूरी होते हैं वह सभी लॉकडाउन के दौरान घरों में बंद हो गए थे यह भी पढ़ें Jharkhand News दुमका में नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड परंपरागत आदिवासी तौर तरीकों से किया गया स्वागतकोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान हीट वेव नहीं चला यह एक तथ्य मौसम वैज्ञानिक रांची मौसम केंद्र के मौसम वैज्ञानिक प्रीति गुनवाणी ने बताया कि यह सही है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान वर्ष 2020 में एक दिन भी हीट वेव नहीं चला था लेकिन इसकी वजह सिर्फ कोरोना था या कोई अन्य वजहें भी इस पर रिसर्च की जरूरत है प्रीति गुनवानी ने कहा कि सिर्फ तापमान कम होने और हीटवेव नहीं चलने के आधार पर ऐसा नहीं कहा जा सकता कि लॉकडाउन की वजह से पर्यावरण बिल्कुल ठीक हो गया था लू नहीं चलने की अन्य वजहें भी हो सकती हैं जिस पर रिसर्च की जरूरत है उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गाड़ियां नहीं चल रही थी उद्योग धंधे बंद थे ऐसे में पर्यावरण कम प्रदूषित हुआ इसका भी असर हो सकता है