झारखंड हाई कोर्ट से पारा शिक्षकों को झटका, समान काम-समान वेतन वाली याचिका खारिज
Published: Dec 16, 2022, 3:53 PM


झारखंड हाई कोर्ट से पारा शिक्षकों को झटका, समान काम-समान वेतन वाली याचिका खारिज
Published: Dec 16, 2022, 3:53 PM
झारखंड हाई कोर्ट से पारा शिक्षकों को झटका लगा है. कोर्ट ने स्थायीकरण और समान काम के बदले समान वेतन वाली याचिका को खारिज कर दिया है (Para teachers petition dismissed).
रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने पारा शिक्षक को स्थायी करने और सहायक शिक्षक के अनुरूप वेतन देने के मामले पर 16 दिसंबर को अपना अहम फैसला सुनाया है. अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने सरकार की दलील को सही ठहराते हुए यह माना कि यह मांग उचित नहीं है इसलिए उन्होंने पारा शिक्षक की याचिका खारिज कर दिया (Para teachers petition dismissed). हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद पारा शिक्षकों को झटका लगा है. इसके बाद अब वह सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगा सकते हैं.
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पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों की दलील को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. उसी आदेश को आज सुनाया गया है. पूर्व में सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत से गुहार लगाई थी कि वह 15 वर्ष से अधिक से पारा शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं. वे अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं. इतने लंबे समय से वह काम कर रहे हैं. वह इस पद की अहर्ता रखते हैं इसलिए उन्हें इस पद पर स्थाई नियुक्ति किया जाए. चूकी वह अन्य शिक्षक के समान काम करते हैं इसलिए उन्हें भी समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. उन्हें भी सहायक शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जाए. सरकार की ओर से कहा गया था कि यह उचित नहीं है. यह नहीं दिया जा सकता है.
प्रार्थी सुनील कुमार यादव व अन्य समेत करीब 111 याचिकाएं पारा शिक्षकों के सहायक शिक्षक के रूप में वेतन एवं नियमितीकरण के मामले में हाई कोर्ट में दाखिल की गयी थी. याचिका में कहा गया है कि पारा शिक्षक के पद पर वे 15 वर्ष से अधिक समय से काम कर रहे हैं. साथ ही वे शिक्षक पद की अहर्ता पूरी करते हैं. राज्य सरकार उनकी सेवा को स्थाई करे और उन्हें सहायक शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाये. साथ ही समान कार्य के बदले समान वेतन उन्हें दिया जाये.
