रिम्स में 50 फीसदी बढ़ी हृदय रोगियों की संख्या, जानें क्या है वजह

author img

By

Published : Jan 1, 2023, 8:29 PM IST

heart patients increased at RIMS on cold in Jharkhand

झारखंड में ठंड (cold in Jharkhand) बढ़ा है, ऐसे समय में दिल की बीमारी का खतरा काफी रहता है. ठंड के मौसम में रिम्स में हृदय रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है. रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में करीब 50 फीसदी संख्या बढ़ी है (heart patients increased at RIMS). जिनका इलाज डॉक्टर्स की देखरेख में किया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

रांची: ठंड बढ़ते ही दिल के मरीजों को अपना खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है. राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंशुल प्रकाश बताते हैं कि सर्दियों में अमूमन हृदय रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. रिम्स अस्पताल में इस वर्ष दिल से जुड़ी बीमारी के करीब 50 प्रतिशत मरीज बढ़ गए हैं (heart patients increased at RIMS). ठंड का मौसम आते ही हृदय से ग्रसित मरीजों को एहतियात बरतने की जरूरत है ताकि लोग खुद को सुरक्षित रख पाएं.

इसे भी पढ़ें- कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए रिम्स प्रबंधन ने पूरी की तैयारी, 300 बेड किये गये तैयार



ठंड में क्यों बढ़ती है दिल की बीमारीः हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंशुल प्रकाश बताते हैं कि ठंड के मौसम में हृदय से ग्रसित मरीजों की परेशानी बढ़ने के कई कारण हैं (heart patients increased at RIMS on cold). जैसे ठंड में हृदय संबंधित लोग व्यायाम नहीं कर पाते हैं. लोगों का घर से निकलना कम हो जाता है. शरीर की वर्जिश ना होने से शिथिलता आ जाती है. इसके अलावा ठंड में खान-पान भी बदल जाते हैं. खाने में तेल या गर्मी पैदा करने वाले भोजन का ग्रहण किया जाता है. इस कारण गैस की समस्या से भी ह्रदय रोगियों की बीमारी पर सीधा असर पड़ता है.


ऐसे बरतें सावधानीः उन्होंने बताया कि रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग की बात करें तो करीब 50 प्रतिशत मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. सिर्फ ओपीडी ही नहीं बल्कि सर्जरी विभाग में भी ठंड के बढ़ते ही मरीज पहुंच रहे हैं. हृदय रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि सर्दियों के मौसम में हृदय रोगियों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे अर्ली वार्निंग सिस्टम(EARLY WARMING SYSTEM) पर ध्यान देना चाहिए. ठंड में लोग सुबह-सुबह टहलने से परहेज करते हैं, ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी बीमारी से ग्रसित मरीजों को परेशान करती है. हृदय रोगियों को प्रतिदिन कम से कम 1 किलोमीटर तक जरूर वॉक करना चाहिए ताकि शरीर में भारीपन जैसी समस्या महसूस ना हो. हृदय रोगियों को तेल, घी वाले भोजन से परहेज करना चाहिए और भोजन में ज्यादा नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए. सर्दियों में बचाव के लिए पानी की मात्रा भी शरीर में उचित रखें एक बार में ज्यादा पानी पीने की जगह थोड़ा-थोड़ा करके जल ग्रहण करें.


इलाज के लिए हृदय रोग विभाग में नर्सों की तैनातीः डॉ अंशुल प्रकाश बताते हैं कि मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों के काम में भी बढ़ोतरी हुई है. दिल के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण मैन पावर की समस्या से लोगों को जरूर जूझना पड़ रहा है लेकिन रिम्स प्रबंधन इस को लेकर गंभीर है. वर्तमान में नर्सों की संख्या हृदय रोग विभाग में बढ़ाई गई है और आने वाले समय में और भी मेडिकल स्टाफ व पैरामेडिकल कर्मचारियों की तैनाती कार्डियोलॉजी विभाग में की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- रिम्स में एमआरआई मशीन खराब, दो महीने से मासूम बच्चे का नहीं हो पा रहा इलाज

रिपोर्ट के लिए घंटों तक इंतजार करते हैं परिजनः रिम्स आने वाले मरीज के परिजन बताते हैं कि विभाग में मेडिकल स्टाफ की कमी से कहीं ना कहीं आम मरीजों को भी जूझना पड़ रहा है. पश्चिम बंगाल से आए मरीज के परिजन ने बताया कि पिछले कई दिनों से वह जांच के लिए भटक रहे हैं. लेकिन जांच केंद्र पर स्टाफ नहीं होने के कारण उन्हें रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. कई मरीजों ने बताया कि भर्ती होने के बाद डॉक्टर या फिर नर्स समय पर जरूर आते हैं. लेकिन जब विभाग के डॉक्टर मरीज को किसी जांच के लिए कहते हैं तो जांच कराने के लिए परिजनों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.


रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं हैं. ऐसे में यहां पर मरीजों की संख्या अत्यधिक रहती है. लेकिन ठंड के मौसम में इस विभाग में मरीजों को सुविधा देना और भी ज्यादा चुनौती हो जाता है. जरूरत है कार्डियोलॉजी विभाग में बेड की संख्या बढ़ाई जाए ताकि ठंड के मौसम में भी मरीजों को इंतजार ना करना पड़े.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.