Naxalite surrender in Munger : पुलिस को हथियार सौंपते हुए नक्सली ने कहा- 'अब अच्छा लग रहा है'

Naxalite surrender in Munger : पुलिस को हथियार सौंपते हुए नक्सली ने कहा- 'अब अच्छा लग रहा है'
पूर्वी बिहार, पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी का हार्डकोर नक्सली सूरज मुर्मू (Hardcore Naxalite Suraj Murmu surrendered) ने अत्याधुनिक हथियार और कारतूस के साथ मुंगेर प्रमंडलीय आयुक्त, डीआईजी, डीएम और एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. नक्सली ने कहा कि उसे अब ज्यादा अच्छा लग रहा है. उसने अपने साथियों से अपील की है कि वे भी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ें और अपने जीवन को बेहतर ढंग से जिएं.
मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिला में जिला पुलिस एवं समादेष्टा 16वीं वाहिनी एसएसबी के द्वारा नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. इस कार्यक्रम का असर दिखा. सोमावार को पूर्वी बिहार, पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरिया कमिटी का हार्डकोर नक्सली सुरज मुर्मू ने मुंगेर पुलिस लाइन में अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर (Naxalite surrender in Munger) दिया. पुलिस अधिकारियों ने माला पहना कर सुरज मुर्मू का मुख्यधारा में स्वागत किया. सुरज मुर्मू हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के रारोडीह गांव का रहने वाला है.
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सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगाः नक्सली सूरज मुर्मू पर 9 गंभीर आरोप हैं. दोहरे हत्या, लेवी के लिए किडनैपिंग मामले का नामजद अभियुक्त है. उसकी तलाश पुलिस काफी दिनों से कर रही थी. इस मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुंगेर आयुक्त संजय कुमार सिंह ने कहा कि सुरज मुर्मू ने नक्सलवाद को छोड़कर मुख्यधारा में जुड़ने के लिए अपने हथियार और कारतूस के साथ समर्पण किया है. यह एक अच्छी पहल है. पुनर्वासन योजना के तहत उसे कई सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा, ताकि आने वाले दिन अब वे अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण ढंग से गुजार सके।
नक्सलियों की कमर टूट गईः डीआईजी संजय कुमार ने कहा कि भीमबांध जंगल को नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता था. सरकार और जिला प्रशासन की पहल पर भीम बांध फॉरेस्ट एरिया के अंदर और बाहर 3-3 पुलिस कैंप स्थापित होने के बाद नक्सलियों की कमर टूट गई. जिसके बाद अब नक्सलियों के पास दो ही विकल्प बचा है, या तो सरेंडर कर दे या फिर एनकाउंटर के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि जिला पुलिस प्रशासन के साथ-साथ सीआरपीएफ, एसएसबी की पहल पर अब नक्सली मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.
मुख्यधारा से जुड़ने की अपील: आत्मसर्मपण करते हुए सुरज मुर्मू ने बताया कि जब वो 20-22 साल का था और जंगल में लकड़ी काटने जाता था तो उसी समय नक्सलियों के द्वारा उसे ले जाया गया था. तब से ही नक्सली बन गया. हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी. जंगल का जीवन और शहरी जीवन में काफी फर्क है. उसने बताया कि जब से नक्सली बना तब से अब तक घर नहीं आए थे. अब उसने समर्पण कर दिया है तो काफी अच्छा लग रहा है. उसने अन्य नक्सलियों से भी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की.
