Organic Farming in Jharkhand: जैविक खेती लोगों को बना रहा सेहतमंद, किसान भी हो रहे मालामाल, जानिए FPO का रोल

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Published : Jan 11, 2023, 8:36 PM IST

Updated : Jan 11, 2023, 9:53 PM IST

Organic farming in jharkhand

सिक्किम जैविक खेती में अग्रणी राज्य है. अब इस दिशा में झारखंड भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. राज्य में अभी तक 160 से FPO यानि फार्मर्स प्रोड्यूस आर्गेनाइजेशन बनाकर किसान खुशहाल हो रहे हैं. झारखंड किसान FPO बनाकर बिना रासायनिक खाद और कीटनाशक के फसल उगा रहे हैं तो ओफाज और नाबार्ड जैसी संस्थाएं मदद का हाथ भी बढ़ा रही हैं.

देखें उपेंद्र कुमार की स्पेशल रिपोर्ट

रांची: राजधानी रांची से 25 किलोमीटर दूर ओरमांझी इलाके में नीम फूल फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड बनाकर सुधीर साहू ऐसे प्रगतिशील किसान हैं जो न सिर्फ अपना बल्कि अन्य किसानों के साथ कलस्टर (सामूहिक) खेती से जैविक सब्जियां, दलहन और तिलहन का उत्पादन करते हैं. उनके उत्पाद को बाजार मिले इसके लिए कृषि निदेशालय ने कृषि भवन कांके में एक आउटलेट्स भी दिया है. जहां हर दूसरे दिन वह खेतों में बिना रासायनिक खाद, बिना कीटनाशक के उगाए सब्जियां, बिना पॉलिश की हुई दालें, कच्ची घानी के सरसो तेल ओरमांझी से लाते हैं और वह हाथों हाथ बिक जाती हैं. क्योंकि कोरोना के बाद लोग स्वास्थ्य के प्रति बेहद जागरूक हुए हैं और वह समझने लगे हैं कि रासायनिक खाद और कीटनाशक के बल पर उगाई गयी सब्जियां और खाद्य पदार्थ सेहत के लिए हानिकारक होते हैं.




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ओफाज (OFAJ) कर रहा है मदद: राज्य में किसान, कम से कम 15 किसानों को कलस्टर बनाकर फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FPO) बनाकर उसका कंपनी एक्ट के तहत रेजिस्ट्रेशन कराते हैं और फिर जैविक खेती कर दलहन, तिलहन, सब्जियों की खेती कर रहे हैं. गोबर खाद, केंचुआ खाद, नीम और गोमूत्र से बनी कीटनाशक के इस्तेमाल से किसान फसल उगाते हैं और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग हाथों हाथ उसे खरीद लेते हैं. ओफाज यानी ऑर्गेनिक फार्मिंग अथॉरिटी ऑफ झारखंड इसमें किसानों की मदद करता है.



ओफाज करता है ऑर्गेनिक उत्पाद के लिए सर्टिफाइड: किसी भी खेत में उगाई गयी सब्जियां और अन्य कृषि उत्पाद वास्तव में ऑर्गेनिक उत्पाद है. इसके लिए लगातार 03 साल तक ओफाज, ऑर्गेनिक खेतों पर नजर रखता है, वहां किसानों द्वारा उपयोग किये जाने वाले जैविक खाद, कीटनाशक की पूरी जानकारी लेने के बाद उत्पाद को प्रारंभिक स्तर पर जैविक उत्पाद मान लिया जाता है.


अब FPO को और सशक्त करने की है योजना: अन्नदाताओं की कंपनी FPO सिर्फ फसल उत्पादन ही न करता है बल्कि वह लैम्प्स, पैक्स की तरह नेशनल सीड कॉरपोरेशन से मिले बीज को किसानों तक पहुंचाए, इसके लिए भी विभाग काम कर रहा है. खरीफ और रबी फसल को लेकर झारखंड में इसकी शुरुआत हो गई है. इसका फायदा यह होगा कि बीज वितरण करने से FPOs को 08% का कमीशन भी मिलेगा और किसानों की संस्था मजबूत होगी.

Last Updated :Jan 11, 2023, 9:53 PM IST
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