Rajeev Arun Ekka Case: बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, पुलिस भवन निर्माण में अनियमितता की निष्पक्ष जांच की मांग

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Published : Mar 13, 2023, 8:03 PM IST

Babulal Marandi Wrote Letter To Chief Secretary

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पूर्व गृह सचिव राजीव अरुण एक्का, विशाल चौधरी और अभियंता सुरेश ठाकुर पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पूर्व सीएम ने इस मामले में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिख कर तीनों की संलिप्तता की जांच की मांग की है.

रांची: भाजपा विधायक दल के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिखकर पुलिस भवन निर्माण निगम में अनियमितता का आरोप लगाते हुए पूर्व गृह सचिव राजीव अरुण एक्का और उनके करीबी विशाल चौधरी और अभियंता सुरेश ठाकुर की संलिप्तता की जांच की मांग की है. मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि जिस तरह के सरकारी दस्तावेज से पता चलता है की तत्कालीन गृह सचिव राजीव अरुण एक्का के विशेष कृपा से चर्चित विशाल चौधरी पुलिस भवन निर्माण में भी बिचौलिया की भूमिका निभाता रहा है. वहीं निगम में कार्यपालक अभियंता सुरेश ठाकुर की सेवानिवृत्ति के बाद बिना विज्ञापन निकाले निगम ने फिर से कार्यपालक अभियंता के पद पर सुरेश ठाकुर को अनुबंध पर बहाल कर लिया गया.

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सुरेश ठाकुर को सेवा विस्तार दिए जाने पर उठाए सवालः अनुबंध पर काम कर रहे सुरेश ठाकुर ने दो फरवरी 2023 को फिर से अपनी सेवा विस्तार का अनुरोध करते हुए गृह सचिव राजीव अभिनेता को पत्र लिखा था और उसी दिन दो फरवरी 2023 को ही सेवा विस्तार देने के लिए कार्रवाई करने के लिए निगम के प्रबंध निदेशक को निर्देश दे दिया गया.

राजीव अरुण एक्का मामले में मुख्य सचिव से जांच की मांगः बाबूलाल मरांडी ने राजीव अरुण एक्का पर भ्रष्टाचार के आरोप को देखते हुए मुख्य सचिव से इस मामले में विस्तृत जांच कराने का आग्रह किया है. अपने पत्र में बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि जहां तक मुझे जानकारी है कि पुलिस भवन निर्माण निगम के निर्माण में अभियंता द्वारा सीधे गृह सचिव को पत्र लिखना और फिर गृह सचिव का इस दिशा में सीधे आदेश देना दोनों ही काम नियम विरुद्ध हैं.

ना तो बोर्ड में मामला गया और ना विज्ञापन निकाला गया, मिल गया सेवा विस्तारः बाबूलाल ने पत्र में उल्लेख किया है कि किसी अभियंता की नियुक्ति या सेवा विस्तार देना बोर्ड के हाथ में होता है. इसके लिए बाकायदा विज्ञापन निकाले जाते हैं, लेकिन सुरेश ठाकुर के मामले में ना तो विज्ञापन निकाला गया और ना ही नियमों का अनुपालन किया गया. हैरत की बात यह है कि एक ही दिन में अभियंता का सेवा विस्तार का अनुरोध पत्र एक्का साहब को मिल जाता है और वह सारी प्रक्रिया पूरी कर उसी दिन आदेश जारी कर देते हैं. यह अपने आप में षड्यंत्र और विशेष कृपा के आरोप को पुष्ट करता है.शायद राजीव अरुण एक्का द्वारा किसी काम में इतनी तत्परता दिखाने का दूसरा उदाहरण नहीं होगा ? चर्चा है कि विशाल चौधरी ने इस काम में अहम भूमिका निभायी है. इस विशेष मेहरबानी के कई कारणों में से एक के बारे में मुझे जो कागजात उपलब्ध कराये गए हैं, यह भी चौंकाने वाले हैं. इसे भी यहां आपके संज्ञान के लिए संलग्न कर रहा हूं.

सुरेश ठाकुर ने गलत ढंग से विशाल चौधरी को कई काम दिए थेः बाबूलाल ने पत्र में उल्लेख किया है कि विशाल चौधरी की कंपनी रोलेक्स सोलुशन को गलत तरीके से सुरेश ठाकुर ने कई काम दिये थे. 24 मई 2022 को विशाल चौधरी के यहां प्रवर्त्तन निदेशालय का छापा पड़ने और उसकी दलाली के साथ अफसरों से उसकी नजदीकी की खबरों के प्रकाश में आने के बाद डर के मारे आनन-फानन में दो जून 2022 को विशाल चौधरी की कंपनी रोलेक्स सोलुशन को गोड्डा में आवंटित काम के ठेके का एकरारनामा रद्द कर दिया गया.फिर वरीय अफसरों पर उसके प्रभाव के चलते आश्चर्यजनक तरीके से 12 जुलाई 2022 और 13 जुलाई 2022 को सिक्योरिटी मनी की राशि लौटाने का आदेश दे दिया.

ठेका रद्द करने के बाद सिक्योरिटी मनी लौटाने के मामले की हो जांचः बाबूलाल ने बताया कि जब मामले में प्रभारी मुख्य अभियंता को खुद के फंसने का अहसास हुआ तो विशाल चौधरी की कंपनी रोलेक्स सोलुशन को जमानत राशि लौटा दी गई. फिर से निगम ने राशि जमा करने का आदेश दिया. बाबूलाल ने इन सभी लिखित आरोप और दस्तावेज मुख्य सचिव को भेजकर निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए जिन अधिकारियों ने ठेका रद्द करने के बाद सिक्योरिटी मनी लौटाने का गलत काम किया उन्हें पद से तुरंत हटाने और उनपर एफआईआर करने का आग्रह किया है.

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