नक्सल कमांडरों पर लाखों का इनाम, लेकिन कुर्की के दौरान नहीं मिलती संपत्ति, जानिए क्या है वजह

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Published : May 16, 2023, 12:57 PM IST

Updated : May 16, 2023, 1:20 PM IST

Naxalites in Jharkhand

झारखंड में नक्सल कमांडरों पर लाखों का इनाम होता है. लेकिन जब पुलिस उनकी संपत्ति कुर्क करती है तो वह बेहद कम होता है. नक्सली कमांडर अपनी संपत्ति को छिपा कर रखते हैं. अब पुलिस उसपर कार्रवाई का मन बना रही है.

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पलामू: नक्सल कमांडरों पर लाखों करोड़ों का इनाम होता है, लेकिन उनके घरों को देख कर आप चौक जाएंगे. घरों को देखने के बाद आप सोचेंगे कि जिस व्यक्ति पर लाखों का इनाम है, उसके घर में मात्र दो कमरे हैं और संपत्ति के नाम पर कुछ भी नहीं है, लेकिन यह सच्चाई नहीं है. दरअसल नक्सल के टॉप कमांडर संपत्ति को छिपा कर रखते हैं, ताकि पुलिस की कार्रवाई में बच सकें.

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पलामू रेंज में पिछले एक वर्ष के दौरान 87 नक्सल कमांडरों के घर मे कुर्की की कार्रवाई हुई है. इस कार्रवाई में पुलिस को घरों से बर्तन, चारपाई और दरवाजा ही मिला है. कुर्की की कार्रवाई पुलिस के अनुसंधान के अंतर्गत आता है. इस कार्रवाई के लिए न्यायिक अनुमति जरूरी होती है. नक्सल कमांडरों के आधिकारिक पता और उनके पैतृक घर पर ही यह कार्रवाई की जाती है. पलामू पुलिस ने हाल के दिनों में टॉप नक्सली कमांडर नितेश यादव, अरविंद मुखिया, शशिकांत, आक्रमण गंझू, सितामराम रजवार के घर को कुर्क किया है, लेकिन उनके घर से कोई संपत्ति बरामद नहीं हुई है.

नक्सल कमांडर अपने रिश्तेदार और समर्थकों के नाम पर अर्जित करते हैं संपत्ति: दरअसल, नक्सल कमांडर लेवी की रकम से अपने रिश्तेदार और समर्थकों के नाम पर अर्जित करते हैं. पलामू रेंज में पुलिस ने कुछ वर्ष पहले तक टॉप माओवादी के एनुल मियां, अभिजीत यादव, कुंदन यादव, कंचन तुरी समेत एक दर्जन से अधिक टॉप माओवादियों के संपत्ति का आकलन किया था. आकलन के बाद अभिजीत यादव, कुंदन यादव, कंचन तुरी की संपत्ति को जब्त भी किया गया. आत्मसमर्पण करने वाले एक टॉप माओवादी द्वारा विदेशों में भी पैसा इन्वेस्ट करने की जानकारी मिली थी. नक्सल कमांडर घर में पैसे कम ही रखते हैं, ज्यादातर मामलों में वे परिजनों और समर्थकों के माध्यम से निवेश करते हैं.

नक्सल कमांडर के परिजन और समर्थकों का होगा संपत्ति का आकलन: पलामू रेंज के आईजी राजकुमार लकड़ा बताते हैं कि ऐसा ट्रेंड है कि नक्सल कमांडर अपने घरों में कुछ नहीं रखते हैं. उन्होंने बताया नक्सल कमांडरों की चल और अचल अलग संपत्ति अलग होती है, जिसे वे छिपा कर रखते हैं. कुर्की के माध्यम से चल संपत्ति को जब्त कर लिया जाता है, अचल संपत्ति के लिए अलग से प्रक्रिया शुरू की जाती है. उन्होंने बताया कि नक्सलियों का यह दोहरा चरित्र है, अब वह आपराधिक गिरोह बनकर रह गए हैं. आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया की नक्सल कमांडर की संपत्ति का आकलन किया जाएगा, इस दायरे में उनके परिजन और समर्थक भी आएंगे.

कई टॉप नक्सल कमांडरों पर यूएपीए के धाराओं में दर्ज है एफआईआर: बूढ़ापहाड़, छकरबंधा समेत कई इलाकों में सक्रिय टॉप माओवादियों खिलाफ यूएपीए की धाराओं में एफआईआर दर्ज हैं. अनलॉफुल एक्टिविटी प्रीवेंशन एक्ट (यूएपीए) से जुड़े मामले को पुलिस ने एनआईए को हैंडओवर किया गया है. पलामू रेंज में सक्रिय दो दर्जन से अधिक नक्सल कमांडरों के खिलाफ एनआईए जांच कर रही है. वहीं, हाल के दिनों में गिरफ्तार और आत्मसमर्पण करने वाले वाले टॉप नक्सल कमांडरों ने झारखंड पुलिस के अधिकारियों के अपने समर्थकों और संपत्ति को रखने वालों के नाम बताए हैं. पलामू रेंज में पुलिस को 300 से अधिक नाम मिले हैं जिन्होंने नक्सलियों के संपत्ति छिपाने में मदद की है.

Last Updated :May 16, 2023, 1:20 PM IST
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