नियमितीकरण की मांग को लेकर पारा मेडिकल कर्मियों ने किया प्रदर्शन, पाकुड़ में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई

नियमितीकरण की मांग को लेकर पारा मेडिकल कर्मियों ने किया प्रदर्शन, पाकुड़ में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
विभिन्न मांगों को लेकर अनुबंध पर बहाल पाकुड़ के पारा मेडिकल कर्मियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मियों ने सेवा स्थायी करने की मांग सरकार से की. वहीं पारा मेडिकल कर्मियों के प्रदर्शन की वजह से पाकुड़ की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई. Para medical workers Protest in Pakur.
पाकुड़: जिले में अनुबंध पर बहाल पारा मेडिकल कर्मियों ने नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इस दौरान धरना पर बैठे पारा मेडिकल कर्मियों ने मांगें पूरी करने के लिए नारेबाजी भी की. प्रदर्शन के उपरांत पारा मेडिकल कर्मियों ने सिविल सर्जन को मांग पत्र सौंपा.
सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोपः झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ की जिला सचिव इंदु कुमारी ने बताया कि नियमतिकरण की मांग अनुबंध पर बहाल पारा मेडिकल कर्मी वर्षों से कर रहे हैं और हमारी मांगों को अब तक पूरा नहीं किया गया है. जिला सचिव ने बताया कि फरवरी माह में पारा मेडिकल कर्मी 42 दिनों के लिए हड़ताल पर चले गए थे. उस दौरान 25 फरवरी को सरकार के साथ सहमति हुई थी कि जल्द ही बहाली निकाली जाएगी. जिसमें 50 प्रतिशत पद पारा मेडिकल कर्मियों के लिए आरक्षित रहेगा, लेकिन महीनों बीत गए कोई बहाली नहीं निकाली गई है. जिला सचिव ने कहा कि मांगों के समर्थन में बुधवार को सिविल सर्जन कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन कर रहे हैं. यदि हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो आने वाले समय मे मंत्री और एमडी कार्यालय का घेराव किया जाएगा.
ये हैं अनुबंध पारा मेडिकल कर्मियों की मांगेंः जिला सचिव इंदु कुमारी ने बताया कि हमारी मांगें नियमितीकरण के अलावा सभी कर्मियों का एक्स-रे, रक्त जांच, यूएसजी जांच निःशुल्क करने, टीए-डीए का समय पर भुगतान करने, ड्यूटी के दौरान कर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराने, मृतका हेलेना हेंब्रम का दो माह के बकाया मानदेय का जल्द भुगतान करने आदि मांगें शामिल हैं.
हड़ताल के कारण पाकुड़ में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराईः पारा मेडिकल कर्मियों के प्रदर्शन के कारण बुधवार को जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई. पारा मेडिकल कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण सदर अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा.
