धनुष के साथ टूट गया तीरंदाज दीप्ति का सपना, आज सड़क पर चाय बेच रहीं नेशनल प्लेयर

author img

By

Published : Jan 7, 2023, 2:27 PM IST

National archer Deepti Kumari facing financial crisis in Lohardaga

कहते हैं प्रतिभा हो तो संघर्ष के रास्ते हर मुश्किल से पार पाया जा रहा है. लेकिन हुनर पर मुफलिसी का ग्रहण लग जाए तो क्या कहा जाए और क्या किया जाए. प्रबल इच्छाशक्ति भी है, लगन और मेहनत करने की क्षमता भी है लेकिन गरीबी का दीमक एक बार लग जाए तो उससे उबरना काफी मुश्किल हो जाता है. कुछ ऐसा ही वाकया गुजर रहा है लोहरदगा की राष्ट्रीय तीरंदाज दीप्ति कुमारी के साथ (Deepti Kumari facing financial crisis in Lohardaga). इस रिपोर्ट से आप भी जानिए उनकी पूरी कहानी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

लोहरदगाः एक सपना जो उसने देखा था वो एक झटके में बिखर गया. आर्थिक तंगी का स्याह अंधेरा पूरे परिवार पर छा गया. आलम ऐसा कि राष्ट्रीय पटल पर चमके वाला सितारा आज सड़कों की खाक छान रहा है. बदहाली और दुश्वारी का आलम ऐसा कि नेशनल आर्चर चाय बेचने को मजबूर है (Deepti Kumari facing financial crisis in Lohardaga). ये कहानी है लोहरदगा की राष्ट्रीय तीरंदाज दीप्ति कुमारी की, जो आज आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं.

चाय बेचने को मजबूर आर्चरी प्लेयर दीप्ति कुमारीः किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है कि वो अपने देश के लिए खेले और अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी प्रतिभा का परचम लहराए. लेकिन देश के लिए पदक जीतकर लाने का सपना नेशनल आर्चरी प्लेयर दीप्ति कुमार के धनुष टूटने के साथ ही खत्म हो गया. गरीबी के आलम में लाखों रुपये का धनुष टूटने के बाद दीप्ति इस सदमे से कभी उबर नहीं पाई और ना ही इस मुश्किल घड़ी में किसी ने उसकी मदद की. नेशनल और स्टेट चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली दीप्ति आज लोहरदगा से अपने सपनों को छोड़कर रांची के अरगोड़ा चौक में चाय की दुकान चला रही (Archer Deepti Kumari selling tea In Ranchi) हैं.

National archer Deepti Kumari facing financial crisis in Lohardaga
रांची में चाय की दुकान चलातीं नेशनल आर्चर दीप्ति कुमारी



कड़ी मेहनत से सपने संजो रही थी दीप्तिः लोहरदगा जिला के राजा बंगला निवासी बजरंग प्रजापति की पुत्री दीप्ति कुमारी, साधारण और गरीब परिवार में जन्मीं. पिता किसान हैं, बड़ी मुश्किल से घर चलाते हैं फिर भी बेटी को पढ़ा-लिखाकर अच्छी तलीम दी. बेटी के हुनर के लिए पिता ने पैसों की कमी नहीं होने दी. उसे सरायकेला खरसावां ट्रेनिंग सेंटर भेजने के उन्होंने कर्ज का बोझ भी उठाने को तैयार हो गए. पिता की आंखों में देखे गए सपने को दीप्ति अपनी कड़ी मेहनत और लगन से साकार कर रही थी.

दीप्ति के गेम से प्रभावित हुई थीं अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज दीपिकाः सरायकेला खरसावां के प्रशिक्षण केंद्र में दीप्ति कुमारी को प्रशिक्षण मिला. इस दौरान लोहरदगा वापस लौटी तो वर्तमान की अंतरराष्ट्रीय आर्चरी प्लेयर दीपिका कुमारी से मुलाकात हुई थी. दीपिका ने दीप्ति के गेम के बारे में सुना था लेकिन इस ट्रेनिंग सेंटर में उसे खेलते हुए देखा और उससे प्रभावित हुईं. दीपिका से मिलने के बाद दीप्ति ने भी अपने हुनर को धार देते हुए तय कर लिया कि वो भी तीरंदाजी के क्षेत्र में अपना मुकाम हासिल करेगी. इसी बीच दीप्ति लगातार कई नेशनल और स्टेट चैंपियनशिप खेलते हुए आगे बढ़ती रहीं. लेकिन एक दिन कोलकाता के ट्रायल सेंटर से उसे निराश और हताश होकर लौटना पड़ा.

जब धनुष के साथ टूटा दीप्ति का सपनाः वर्ल्ड कप के लिए वर्ष 2013 में कोलकाता के सेंटर में ट्रायल चल रहा था. जहां पर दीप्ति कुमारी भी शामिल होने गई थी. इस ट्रायल में चयन होने पर उसके आगे खेलने का सपना पूरा होता. लेकिन इसी दौरान इस सेंटर में किसी ने उसका साढ़े चार लाख रुपये का धनुष तोड़ दिया. धनुष के टूटने के साथ ही दीप्ति के सपनों पर ग्रहण लग गया. जिसके बाद दीप्ति को निराश होकर वापस लौटना पड़ा. काफी कोशिशों के बाद भी फिर से नेशनल खेलने को लेकर हिम्मत नहीं जुटा सकीं और ना ही इस दौरान किसी ने उसकी मदद की.

कर्ज का पैसा चुकाने के लिए चाय बेचने को मजबूर दीप्तिः गरीबी का दंश, उस पर दीप्ति का लाखों का धनुष का टूटना. इस हादसे ने ना तो दीप्ति को और ना ही उसके परिवार इस सदमे से बाहर आने का मौका दिया. राष्ट्रीय तीरंदाज दीप्ति कुमारी के तीनों भाई बहन आर्चरी प्लेयर हैं, हर किसी का सपना आगे बढ़ने का है. लेकिन गरीबी की जंजीरें उन्हें आगे बढ़ने नहीं दे रहीं और दीप्ति के साथ हुए वाकये को कोई भुला नहीं पा रहा है. आज इनका सपना मुफलिसी की वजह से टूट कर बिखरता जा रहा है. दीप्ति का भाई अभिमन्यू ऑटो चलाता है, पिता खेती करते हैं. पूरे परिवार का इसी से गुजारा हो रहा है. खुद दीप्ति धनुष खरीदने के लिए लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए रांची के अरगोड़ा में अपनी भाभी के साथ चाय बेचती हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.