लातेहार में बिरहोर बदहाल स्थिति में, एक साल से नाले का पानी पीने मजबूर

author img

By

Published : Jan 10, 2023, 2:18 PM IST

Latehar Bad situation of Birhor in Ichabar village of Dhankara Panchayat

लातेहार में बिरहोर बदहाल स्थिति में (Latehar Bad situation of Birhor) है. यहां बिरहोर समुदाय को सुविधाओं का अभाव है. आलम ऐसा है कि इनके लिए योजनाएं तो शुरू हुई लेकिन महज खानापूर्ति करके प्रशासन ने अपनी आंखें मूंद लीं. लातेहार सदर प्रखंड में धनकारा पंचायत के इचाबार गांव में बिरहोर की बदहाल स्थिति है.

देखें पूरी खबर

लातेहारः झारखंड राज्य का गठन भले ही आदिवासी हित के नाम पर हुआ हो. लेकिन आदिवासियों के हित में बनी इस राज्य में भी सबसे कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाले विलुप्त प्राय बिरहोर आदिम जनजातियों तक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में सरकारी महकमा फेल साबित हुआ है. लातेहार सदर प्रखंड के धनकारा पंचायत के इचाबार गांव में स्थित बिरहोर टोला इसका एक उदाहरण (Latehar Bad situation of Birhor) मात्र है. यहां निवास करने वाले बिरहोर आदिम जनजाति के लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- Primitive Tribal Groups: विलुप्तप्राय बिरहोर जनजाति के कई लोग बीमार, मदद के लिए आगे आए लोगों ने बांटे ड्राई फ्रूट्स



लातेहार सदर प्रखंड के इचाबार गांव में आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय के लोग निवास करते हैं. यह बिरहोर समुदाय विलुप्त प्राय आदिम जनजातियों की श्रेणी में आता है. इन्हें संरक्षण देने के साथ-साथ सरकारी सुविधा देने के लिए सरकार के द्वारा कई प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं. लेकिन लाभुकों तक योजना पहुंचने से पहले ही दम तोड़ती नजर आ रही (Bad situation of Birhor in Ichabar village) है. कागजों में तो आदिम जनजातियों को सभी प्रकार की योजनाओं से आच्छादित करते हुए उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है, पर धरातल पर योजनाओं का लाभ सिर्फ हाथी का दांत साबित हो रहा है.

बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरस रहे लोगः इस गांव में रहने वाले बिरहोर परिवार बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरस रहे हैं. आदिम जनजातियों को लगभग 1 किलोमीटर दूर एक नाले से पानी लाना पड़ रहा है. ग्रामीण महिला सरस्वती बिरहोर और राधिका बिरहोर बताती हैं कि लगभग 1 साल पहले गांव में एक सोलर आधारित जलमीनार लगाया गया था. कुछ दिन पानी भी मिला पर उसके बाद जलमीनार खराब हो गया. इसकी शिकायत कई बार उन्होंने स्थानीय मुखिया के अलावे अधिकारियों से भी की, पर किसी ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया. ऐसे में 1 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जलमीनार खराब ही पड़ा है. मजबूरी में उन लोगों को पीने का पानी भी लगभग 1 किलोमीटर दूर एक नाले से लाना पड़ रहा है.

Latehar Bad situation of Birhor in Ichabar village of Dhankara Panchayat
खराब जलमीनार

परिवार बढ़ता गया पर नहीं मिला आवासः ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 10 वर्ष से इस गांव के किसी भी आदिम जनजातियों को सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं मिला है जबकि उनके परिवार लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बच्चों की शादी होने के बाद भी उन्हें आवास की सुविधा नहीं मिल रही है, जिस कारण पुराने और एक कमरे के जर्जर आवास में ही सभी लोगों को रहना पड़ रहा है. आवास के लिए भी कई बार मुखिया और अधिकारियों से गुहार लगाई गई पर किसी ने उनकी बात नहीं सुनी.

Latehar Bad situation of Birhor in Ichabar village of Dhankara Panchayat
धनकारा पंचायत के इचाबार गांव में जर्जर भवन

मात्र 250 लोगों को भी सुविधा देने में प्रशासनिक तंत्र फेलः जिला में आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय के लोगों की संख्या मात्र 250 के करीब है. इनमें 60 लोग इचाबार गांव में निवास करते हैं. लेकिन इतने कम लोगों को भी सुविधा बहाल कराने में सरकारी महकमा फेल है. जबकि सरकार की ओर से इन विलुप्त प्राय समुदायों को संरक्षित करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं भी चलाई जा रही हैं.

Latehar Bad situation of Birhor in Ichabar village of Dhankara Panchayat
धनकारा पंचायत के इचाबार गांव में खराब चापानल

प्रखंड विकास पदाधिकारी ने दिया समाधान का आश्वासनः इस मुद्दे को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी मेघनाथ उरांव ने कहा कि आदिम जनजातियों के प्रत्येक गांव तक पेयजल सुविधा बहाल कर दी गई है. यदि किसी गांव में इस प्रकार की समस्या है तो उसे अविलंब ठीक कराया जाएगा. झारखंड में बिरहोर (Birhor community in Jharkhand in dire straits) समेत कई आदिम जनजातियों को संरक्षित करने के लिए सरकार की जो योजनाएं चलाई जा रही है. सिर्फ उन योजनाओं को ही लाभुकों तक पहुंचा दिया जाए तो उनकी स्थिति में काफी सुधार हो सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.