Chhath Puja 2023: कोडरमा में छठ पूजा में सूप और दउरा की बिक्री, कारीगरों को नहीं मिल रही बेहतर कीमत
Published: Nov 16, 2023, 12:22 PM


Chhath Puja 2023: कोडरमा में छठ पूजा में सूप और दउरा की बिक्री, कारीगरों को नहीं मिल रही बेहतर कीमत
Published: Nov 16, 2023, 12:22 PM

कोडरमा में छठ पूजा में सूप और दउरा की बिक्री खूब हो रही है. क्योंकि लोक आस्था के महापर्व छठ में दउरा और सूप का काफी महत्व है. लेकिन इसे बनाने वाले कारीगरों को लागत के हिसाब से कीमत नहीं मिल पा रही है. Artisans not getting good price of Sup and Daura.
कोडरमा: लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर बांस के बने सूप और दउरे की डिमांड बढ़ गई है. लेकिन मेहनत और लागत के अनुसार बांस से सूप और दउरा तैयार करने वाले कारीगरों को उचित आमदनी नहीं हो पाती है.
कोडरमा के झुमरी तिलैया के असनाबाद में तूरी समुदाय के 30 ऐसे परिवार हैं, जो साल भर बांस के सूप और दउरा का निर्माण करते हैं. छठ पूजा के मद्देनजर इसकी डिमांड भी बढ़ गई है, ऐसे में परिवार के सभी लोग सूप और दउरा बनाने में जुटे हैं. पहले कई चीज आसान हुआ करती थी. जंगल से इन परिवारों को आसानी से बांस मिल जाया करता था, पर अब बांस भी खरीद कर लाना पड़ता है. इसके अलावा पीतल और कांसा के बने सूप और दउरा भी इसके विकल्प के रूप में बाजारों में आ गए हैं. जिसके कारण इनके द्वारा बांस तैयार सूप और दउरा की डिमांड थोड़ी कम जरूर हुई है.
हालांकि बांस के बने सूप और दउरा का छठ पर्व में खासा महत्व है. कीमत कम होने के कारण गरीब परिवारों के लिए भी यह आसानी से उपलब्ध हो जाता है. बांस से सूप और दउरा तैयार करने वाले इन परिवारों का मानना है कि अगर इन्हें बेहतर आमदनी हो तो उनके जीवन स्तर में भी सुधार हो सकता है. हालांकि लागत और मेहनत के बावजूद कम आमदनी होने के बाद भी ये लोग अपने पुश्तैनी व्यवसाय को जीवित रखे हुए हैं और छठ के मौके पर बाजार की डिमांड को पूरी करने में जुटे रहते हैं. लोगों ने बताया कि पीतल और कांसा के सूप होने के बावजूद भी ज्यादातर लोग बांस के बने सूप और दउरा में ही छठ करना ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि इसकी शुद्धता ज्यादा होती है, इसके अलावा इसका प्राकृतिक रूप से जुड़ाव भी होता है
