मन की बात में पीएम मोदी ने नहीं की केलो गांव की चर्चा, मीरा देवी के समूह की महिलाएं हुईं उदास

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Published : Sep 26, 2021, 4:01 PM IST

Updated : Sep 26, 2021, 6:07 PM IST

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खूंटी के रनियां प्रखंड के केलो गांव (Kelo Village) की महिलाएं पीएम के मन की बात सुनने के लिए सुबह से इंतजार में थी. लेकिन पीएम मोदी ने मन की बात में केलो गांव की चर्चा नहीं की. जिसके बाद से मीरा देवी समूह की महिलाएं उदास हो गई. महिलाएं पीएम मोदी से बात करना चाहती थीं और अपनी समस्याओं को बताना चाहती थीं.

खूंटी: प्रधानमंत्री के मन की बात को सुनने के लिए खूंटी के रनियां प्रखंड के केलो गांव (Kelo Village) की महिलाएं इंतजार कर रही थीं. मन की बात की सुनने के लिए गांव में व्यापक स्तर पर तैयारी की गई थी. एलईडी स्क्रीन समेत साउंड सिस्टम लगाया गया था. सुबह से ही मीरा देवी के आंगन में ग्रामीणों की भीड़ जुटी हुई थी. सभी 11 बजे से मन की बात ध्यान से सुनने लगे. पीएम मोदी ने मन की बात में रनियां प्रखंड के केलो गांव की चर्चा नहीं की. जिसके बाद से मीरा देवी समूह की महिलाएं उदास हो गई.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में रांची जिले के देवरी के एलोवेरा गांव की चर्चा की. कई इलाकों में बेहतर ढंग से चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान की भी चर्चा की. वहीं पीएम ने स्वच्छता अभियान पर भी जोर दिया. लेकिन खूंटी जिले के केलो गांव की मीरा देवी के समूह द्वारा बांस निर्मित उत्पादों और उनके आर्थिक संघर्षों की चर्चा प्रधानमंत्री ने नहीं की. इससे केलो गांव की मीरा देवी और आदर्श महिला कारीगर समूह की महिलाएं काफी उदास हो गईं. महिलाओं की आंखें भी नम हो गई. लगातार दो- तीन दिनों से महिलाएं उत्साहित थीं कि प्रधानमंत्री मन की बात में केलो गांव की चर्चा करेंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जिससे महिलाएं उदास हो गईं.

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मीरा देवी ने सीखा है बांस की डिजाइनर कलाकृतियां बनाने का गुर

मीरा देवी हड़िया बेचकर गुजर बसर कर रही थीं. बाद में महिला विकास केंद्र के सामाजिक कार्यकर्ता सिस्टर डेफनी के निर्देशन में बांस की कारीगरी का प्रशिक्षण नामकुम से लिया. उसके बाद पूर्व सीएम रघुवर दास के कार्यकाल में उन्होंने दुमका में लगे बांस आधारित हुनर हाट में विदेशी कारीगरों और अन्य राज्यों के कारीगरों से आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल और बांस की डिजाइनर कलाकृतियों का भी हुनर सीखा.

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मीरा देवी की समूह को आर्थिक मदद की जरूरत

बांस की आधुनिक कलाकृतियों के माध्यम से मीरा देवी और उनके समूह की महिलाओं ने प्रदर्शनी में अपनी सजावटी सामग्रियों का प्रदर्शन किया है. आर्थिक रूप से वो सशक्त भी बनीं. लेकिन कोरोना काल ने महिला समूह की मार्केटिंग पर पानी फेर दिया. जिसके कारण मीरा देवी के आदर्श कारीगरी समूह की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई. मीरा देवी को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री मन की बात में केलो गांव की चर्चा करेंगे तो केलो गांव की बांस आधारित कलाकृतियों को नई पहचान मिलेगी. लेकिन जब प्रधानमंत्री ने मन की बात में मीरा देवी का जिक्र तक नहीं किया तो वो फूट-फूटकर रोने लगीं. उसी वक्त मौके पर मौजूद बीजेपी नेता धीरे धीरे वहां से निकलते बने.

Last Updated :Sep 26, 2021, 6:07 PM IST
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