Khunti News: कंपोजिट शराब दुकान में पाई गई गड़बड़ी, उत्पाद विभाग ने एजेंसी को भेजी लीगल नोटिस, ये है पूरा मामला
Published: May 21, 2023, 10:01 AM


Khunti News: कंपोजिट शराब दुकान में पाई गई गड़बड़ी, उत्पाद विभाग ने एजेंसी को भेजी लीगल नोटिस, ये है पूरा मामला
Published: May 21, 2023, 10:01 AM
उत्पाद निरीक्षक विकास कुमार निराला ने कर्रा रोड स्थित कंपोजिट शराब दुकान में गड़बड़ी मामले में एजेंसी को कानूनी नोटिस दिया है. संचालक को दुकान से हटा दिया गया है.
खूंटी: शहर के कर्रा रोड स्थित कंपोजिट शराब दुकान में एक बार फिर से गड़बड़ी का मामला सामने आया है. जांच में लगभग 15 लाख रुपये की गड़बड़ी उत्पाद विभाग ने रविवार (14 मई) को पकड़ी है. मामले में दुकान संचालक पीयूष कुमार को हटा दिया गया है. विभाग ने एजेंसी प्राइम वन पर रुपये जमा करने का दबाव बना रही है. इसके लिए संचालक को कानूनी नोटिस दिया गया है. मामले में प्राथमिकी नहीं की गई है. ऐसे संचालक ने चेक देकर रविवार (21 मई) तक राशि जमा करने की बात कही है.
ये भी पढ़ें: Khunti Crime News: अवैध बालू के लिए खूंटी में अपराधियों का तांडव, पीएलएफआई समर्थक की जेसीबी में लगा दी आग
कब-कब पाई गई गड़बड़ी: गौरतलब है कि संचालक ने 12 मार्च से 29 अप्रैल तक हिसाब सही दिखाया गया था. 30 अप्रैल को उत्पाद निरीक्षक विकास कुमार निराला ने दुकान की जांच की तो इसमें बड़ी गड़बड़ी सामने आई थी. जांच में पाया गया कि संचालक पीयूष कुमार ने बिक्री की राशि में महज 79 हजार 420 रुपये ही जमा कराये हैं. जबकि बिक्री 10 लाख 79 हजार 420 रुपये की हुई थी. इस प्रकार 30 अप्रैल को 10 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई. इसके बाद फिर से 14 मई को उत्पाद निरीक्षक विकास ने जांच की. जिसमें शराब की बिक्री 16 लाख रुपये और गड़बड़ी लगभग 15 लाख रुपये पाई गई.
आरोपी ने लगाई डीसी से गुहार: आरोपी दुकान संचालक पीयूष कुमार ने उत्पाद विभाग के खिलाफ डीसी, एसपी और उत्पाद विभाग को लिखित आवेदन देकर जांच की गुहार लगाई है. जिसमें उसने मारपीट करने, जबरदस्ती चेक लेने और फंसाने का आरोप लगाया है. वहीं मामले में उत्पाद निरीक्षक विकास ने आरोप को निराधार बताया है और कहा कि फिलहाल मामले को लेकर किसी प्रकार का मामला दर्ज नहीं किया गया है. उत्पाद इंस्पेक्टर ने बताया कि गड़बड़ी मामले की जांच की जा रही है. संलिप्तता पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि हाल के दिनों में कंपनी से करार खत्म होने के बाद सरकार के निर्देशानुसार उत्पाद विभाग ही शराब बेचने का काम कर रही है. जिसमें प्राइम वन कंपनी (जो पहले से ही कार्य कर रही थी) जुड़े कर्मी ही शामिल हैं.
