भगवान बिरसा मुंडा की जयंतीः सीएम हेमंत सोरेन खूंटी को देंगे 111 करोड़ का तोहफा

author img

By

Published : Nov 14, 2021, 9:31 PM IST

Updated : Nov 14, 2021, 10:20 PM IST

cm-hemant-will-give-gift-of-111-crore-on-birth-anniversary-of-lord-birsa-munda-in-khunti

खूंटी में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर सीएम हेमंत 111 करोड़ का तोहफा देंगे. 15 नवंबर को धरती आबा बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू में सीएम हेमंत सोरेन उनको श्रद्धांजलि देंगे.

खूंटीः देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंंबर को है. बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू में सीएम हेमंत सोरेन सोमवार को धरती आबा को श्रद्धांजि देंगे.

इसे भी पढ़ें- भगवान बिरसा का "उलिहातू", सड़कों की बदली तस्वीर, पर नहीं बदली लोगों की तकदीर

झारखंड के भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थली से झारखंड स्थापना दिवस मनाई जाएगी और बिरसा की धरती से ही सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत होगी जो 45 दिनों तक पूरे राज्य में चलेगा. जिला में शहर से लेकर गांव तक नई योजनाओं का उद्धघाटन एवं शिलान्यास करेंगे. इसके साथ ही सीएम हेमंत सोरेन 111 करोड़ की परिसंपत्तियों का वितरण भी करेंगे.

देखएं पूरी खबर

भगवान बिरसा मुंडा के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम में शामिल अन्य शहीदों को भी सम्मान दिया जाएगा. शहीद आदर्श ग्राम विकास योजना के कार्य मे तेजी लायी जाएगी. बीपीएल और एपीएल कार्डधारियों को जनवितरण प्रणाली की सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी. शिक्षण व्यवस्था पर भी खासा ध्यान दिया जाएगा. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, फूलो झानो आशीर्वाद योजना, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना, सोना सोबरन धोती साड़ी योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ धरती आबा के ग्रामीणों को दिया जाएगा.

झारखंड स्थापना दिवस और जनजातीय गौरव दिवस को सफल बनाने को लेकर हो रही बारिश के बावजूद जिला महकमा पूरे दिन तैयारियों लगा रहा. जिला प्रशासन के कुछ पदाधिकारी बिरसा मुंडा के वंशजों को मनाने के लिए उनके आवास पर डटे रहे. डीडीसी अरुण कुमार, आईटीडीए डायरेक्टर संजय भगत और बीडीओ कुमार नरेंद्र नारायण तैयारियों के अंतिम रूप का जायजा लिया.

इसे भी पढ़ें- सब्जी बेचकर गुजारा करने को मजबूर हैं 'भगवान' के वंशज, आज तक नहीं मिला उचित सम्मान

आज भी बदहाली में जी रहे बिरसा मुंडा के वंशज

झारखंड भले ही 21 साल का हो गया हो लेकिन जिसके नाम से झारखंड राज्य बना उसी का गांव आज बुनियादी सुविधाओं में महरूम है. गांव तक सड़कें तो बन गयी, बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी कर दी गयीं, अस्पताल बना दिया गया, पेयजल के लिए जलमीनार बना दिए गए लेकिन बिरसा मुंडा के वंशजों तक बुनियादी सुविधाएं आज तक नहीं पहुंची. गांव वालों को पानी आज भी 2 किमी पैदल चलकर लाना पड़ता है. इलाके में अस्पताल तो है लेकिन कभी डॉक्टर नहीं रहता. जिस कारण गांव वालों से लेकर वंशजों को सदर अस्पताल या रांची जाना पड़ता है.

उलिहातू को संवारने के लिए केंद्र एंव राज्य सरकार खुद कई बार पहुंचे और आश्वासन दिए कि जल्द ही वंशजों के गांव की तकदीर और तश्वीर बदलेगी पर कुछ नहीं बदला. बिरसा मुंडा के वंशज बताते हैं कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष (अभी गृह मंत्री) अमित शाह 2017 में उलिहातू आए थे, जहां कई योजनाओं का उद्घाटन किया. लेकिन शौचालय तो मिल गया पर पक्का मकान नहीं मिला पाया है. क्योंकि इनके पास जमीन नही है, जो जमीन थी वहां स्टेडियम बना दिया गया.

बिरसा मुंडा- जीवन परिचय
15 नवंबर 1875 को खूंटी के उलिहातू गांव में बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था. बिरसा मुंडा को आगे चलकर आदिवासियों ने भगवान का दर्जा दिया. धरती आबा कहे जाने वाले बिरसा मुंडा जब बड़े हुए तो सूदखोरों और अंग्रेजों का आतंक देखा. उन्होंने हक के लिए ऐसी लड़ाई छेड़ी कि कम उम्र में ही बिरसा आदिवासियों के लिए मसीहा बन गए. अंग्रेजों की मुखालाफत करने पर उन्हें 1895 में गिरफ्तार किया गया लेकिन वो जल्द ही जेल से छूटकर बाहर आ गए.

बिरसा मुंडा ने जल-जंगल-जमीन को बचाने के लिए उलगुलान किया था. जनवरी 1900 में डोंबरी पहाड़ पर बिरसा जब जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तब अंग्रेजों से लंबा संघर्ष हुआ और इसमें कई आदिवासी मारे गए. इसके बाद 3 मार्च 1900 को चक्रधरपुर में बिरसा की गिरफ्तारी हुई. 9 जून 1900 को बिरसा ने अंतिम सांस ली. वैसे तो बिरसा मुंडा के निधन का कोई प्रमाण नहीं है. लेकिन आरोप है कि अंग्रेजों ने जहर देकर उन्हें मार दिया था.

Last Updated :Nov 14, 2021, 10:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.