अंबा गांव के कांसे के बर्तनों का दुमका में ठाठ, कम मजदूरी से जैसे तैसे कटती है कारीगरों की जिंदगी

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Published : Aug 29, 2021, 2:30 PM IST

Amba village of Jamtara famous for artisans making bronze utensils

जामताड़ा का अंबा गांव कांसे का बर्तन बनाने वाले कारीगरों के लिए मशहूर है. यहां कारीगरों के बनाए बर्तन दुमका के बाजारों में आसानी से मिल जाएंगे. लेकिन कम मजदूरी के कारण इनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है.

जामताड़ा: जामताड़ा जिले का अंबा गांव कांसे के बर्तनों के कारीगरों के लिए मशहूर है. यहां के कारीगरों के बनाए बर्तनों का दुमका के बाजारों में ठाठ है पर इस काम से जुड़े 25 परिवारों कि जिंदगी कम मजदूरी के कारण जैसे-तैसे ही कट रही है.

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कांसा से बर्तन तैयार करने वाले एक कारीगर ने बताया कि वह दुमका से कांसे का टुकड़ा लाता है और फिर उसे गला कर कांसे का बर्तन तैयार करता है. इसके बाद वह तैयार बर्तन फिर दुमका में महाजन को लौटा देता है. इसके लिए उसे एक दिन में दो सौ रुपये मजदूरी मिलती है. जिससे बड़ी मुश्किल से गुजारा हो पाता है.

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25 परिवार जुड़े हैं इस काम से अंबा गांव मेंएक अन्य कारीगर ने बताया कि अंबा गांव में कांसे का बर्तन तैयार करने के काम से 25 परिवार जुड़े हैं. वे दिन भर में परिवार के चार सदस्य मिलकर 8 पीस कांसे का बर्तन तैयार करते हैं. इसके बदले उन्हें 200 रुपये मजदूरी मिलती है. कांसे का बर्तन तैयार करने वाले इस कारीगर का कहना है कि बड़ी मुश्किल से घर परिवार चलता है. 200 रुपया आजकल क्या होता है.
Amba village of Jamtara famous for artisans making bronze utensils
अंबा गांव के कांसे के बर्तनों का दुमका में ठाठ
सरकार और प्रशासन से नहीं मिलता है सहयोगअंबा गांव में कांसे का बर्तन तैयार करने वाले परिवार के लोगों का कहना है कि उनकी मेहनत मजदूरी करने को लेकर सरकार और प्रशासन से कोई सहयोग नहीं मिलता है. यदि सरकार और प्रशासन से मदद मिले तो वे खुद भी बर्तन तैयार कर सकते हैं. इससे उनकी आर्थिक स्थिति अधिक अच्छी होगी. उनकी कई परेशानियां कम हो सकती हैं.
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