हजारीबागः झारखंड में पिछले 24 घंटे से झमाझम बारिश हो रही है. लगातार हो रही बारिश से शहर के अधिकतर इलाकों में जलजमाव की समस्या बन गई है. इस बारिश ने निजी अस्पताल और नर्सिंग होम की भी पोल खोल दी है, जो नियमों की धज्जिया उड़ा कर संचालित किए जा रहे हैं. स्थिति यह है कि निजी अस्पताल में मरीज गंदे पानी के बीज इलाज कराने के लिए मजबूर हैं.
जिले के सबसे पुराने नर्सिंग होम में एक विशेश्वर नर्सिंग होम, जो बड़कागांव रोड पर स्थित है. इस अस्पताल के अंदर ही बारिश और नाले का पानी घुस गया है. इससे अस्पताल का ग्राउंड फ्लोर जलमग्न हो गया है. स्थिति यह है कि ग्राउंड फ्लोर के वार्ड में भर्ती मरीजों को भारी फजीहत झेलनी पड़ रही है. वहीं, मरीजों के परिजन लाचर हैं. स्थिति यह है कि जलजमाव के कारण अस्पताल के कई उपकरण भी पानी में डूबा गया है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है. हालांकि, अस्पताल संचालक मोटर पंप के जरिए पानी निकालने में लगा है.
अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर में जलजमाव
इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन कुछ बोलने को तैयार नहीं है. हालांकि, अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि सड़क और नाली का पानी अस्पताल में घूस गया है, जिसके कारण ग्राउंड फ्लोर में जलजमाव की समस्या बन गई है. हालांकि, पानी निकालने की व्यवस्था की गई है.
सुविधा के नाम पर खानापूर्ति
मरीज के परिजनों ने बताया कि नर्सिंग होम इलाज के नाम पर भारी पैसे वसूल करती है, लेकिन सुविधा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. पिछले 24 घंटे से बारिश हो रही है. इस बारिश में नाले का गंदा पानी अस्पताल में घुस गया है और मरीज गंदे पानी के बीच इलाज कराने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि इस अव्यवस्था पर जिला प्रशासन कार्रवाई करने के बदले हाथ पर हाथ रख बैठा है.