Good News: जहां नक्सलियों का उत्पात था, उस कोगड़ी गांव में आया बदलाव, जानिए पूरी कहानी

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Published : May 18, 2023, 3:58 PM IST

Updated : May 18, 2023, 4:53 PM IST

Naxal affected Kogdi village developing in Giridih

गिरिडीह मुख्यालय से सटे कोगड़ी गांव की चर्चा गर्मियों में नाले से चुआं खोदकर होती थी. यहां के लोगों को चंद लीटर पानी के लिए नदी-नदी और नाला-नाला भटकना पड़ता था. लेकिन इस वर्ष से यहां की स्थिति में बदलाव है. यहां के लोगों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है.

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गिरिडीहः जिला मुख्यालय से सटा दलित व आदिवासी बाहुल्य कोगड़ी गांव जिस गांव के ठीक पीछे नक्सलियों ने कभी बड़ी घटना को अंजाम दिया था. जहां के लोग विकास की बाट जोहते थे, अब वहां की तस्वीर बदल चुकी है.

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चार वर्ष पूर्व ही बदहाल पहुंच पथ बेहतरीन सड़क में तब्दील हो गई. गांव के खम्भों में लगे तार में करंट दौड़ पड़ा तो घरें भी बिजली से रौशन हो गई लेकिन सबसे बड़ी राहत पेयजल ने यहां के लोगों को दी है. दशकों से पेयजल की घोर समस्या झेल रहे इस गांव के घर घर तक पाइपलाइन पहुंच चुका है. गलियों में नल के माध्यम लोगों को पानी मिल रहा है. यह खबर पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि इस तरह पानी की व्यवस्था कई गांव में हो चुकी है तो आखिर इसमें विशेष क्या है, विशेष यहां की समस्याओं का निदान ही है.

गिरिडीह के कोगड़ी गांव में पेयजल की समस्या काफी विकराल रही है. यहां पर ना चापाकल था और ना ही जलापूर्ति को व्यवस्था. ऐसे में इस गांव की महिलाएं व बच्चे पौ फटते ही पानी की खोज में निकल पड़ते. गांव के पास अवस्थित नदी-नाले में पहुंच कर कमर तक चुआं खोदते उसके बाद कटोरी से पानी निकाल-निकालकर बड़े बर्तनों में भरा जाता. घंटों की मेहनत के बाद एक दो बड़े बर्तन में पानी जमा होता और फिर इसे लेकर लोग घर पहुंचते थे.

यह समस्या सालों भर रहती लेकिन सबसे अधिक दिक्कत गर्मी व बरसात में होती. बरसात में स्वच्छ पानी के लिए यहां के लोगों को काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. यह स्थिति पिछले वर्ष तक बरकार थी लेकिन इस गर्मियों में यहां के लोग पानी के लिए निश्चित हैं. इस बार यहां के लोगों को चुआं नहीं खोदना पड़ा है. लोगों के घर तक पानी पहुंच चुका है. इससे यहां के लोगों खासकर महिलाओं में काफी खुशी देखी जा रही है. स्थानीय महिला गुड़िया देवी व बिमली देवी बताती हैं कि जब से वो इस गांव में आई हैं तभी से पानी की समस्या से दो चार होना पड़ता था. सालों भर नदी नाले पर ही निर्भर रहना पड़ता था. हर वर्ष गर्मियों में जब वे लोग चुआं खोदकर पानी निकालती. यहां जब भी पत्रकार पहुंचते और अखबार में उनकी बदहाली की तस्वीर भी छपती. उनकी समस्या पर ध्यान दिया गया और अंततः उनके घरों तक पानी पहुंचा.

वार्ड सदस्य महादेव दास बताते हैं एक डेढ़ वर्ष से कोगड़ी गांव में जलापूर्ति होने से यहां के लोगों को पानी के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है. अभी इस गांव के 115 घरों तक पाइपलाइन से पानी पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि अभी गांव के किनारे में अवस्थित पांच-छह परिवार को ही पानी के लिए गांव में भटकना पड़ता है. इनके लिए भी व्यवस्था करने को लेकर विभाग से गुहार लगायी गई है.

जुलाई 2012 में कोगड़ी गांव में नक्सली हमलाः बता दें कि इसी कोगड़ी गांव के ठीक पीछे अवस्थित न्यू पुलिस लाइन के निर्माणाधीन भवन पर नक्सलियों ने हमला बोला था. 22 जुलाई 2012 को नक्सलियों ने दर्जनाधिक ब्लास्ट कर कई भवनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. इस घटना में दो मजदूर की जान भी चली गई थी. इस घटना के बाद आसपास के गांव में बसे लोग कई वर्षों तक दहशत में जीते थे. लेकिन समय गुजरा और कोगड़ी गांव में विकास ने रफ्तार पकड़ी और डर का माहौल समाप्त हो गया.

Last Updated :May 18, 2023, 4:53 PM IST
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