गिरिडीह: शहीद जवान को दी गई अंतिम विदाई, परिजनों के चीत्कार से गमगीनम हुआ माहौल

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Published : Sep 25, 2022, 6:52 PM IST

Updated : Sep 25, 2022, 10:20 PM IST

Jap jawan in Giridih bengabad

शहीद जवान सहमुद अली का पार्थिव शरीर उनके गांव गिरिडीह के बेंगाबाद पहुंचा (Jap jawan in Giridih bengabad). जहां युवाओं ने तिरंगा रैली निकालकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. रविवार सुबह उन्हें अंतिम विदाई दी गई. जवान के अंतिम संस्कार (Last rites of martyr) में गांडेय विधायक डॉ सरफराज अहमद समेत भारी संख्या में लोग शामिल हुए. विधायक ने जवान के परिजनों का ढाढस बंदाया और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया.

गिरिडीह: हजारीबाग में तैनात जैप जवान सहमुद अली का पार्थिव शरीर गिरिडीह बेंगाबाद पहुंचा (Jap jawan in Giridih bengabad). जहां सैंकड़ो की संख्या में युवाओं ने तिरंगे के साथ रैली की शक्ल में शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी. शहीद जवान का शव जब उनके गांव पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान परिजनों के चीत्कार से सभी की आंखें नम हो गई. रविवार की सुबह जवान को अंतिम विदाई दी गई (Last rites of martyr), जिसमें भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. गांडेय विधायक डॉ सरफराज अहमद भी जवान के जनाजे में शरीक हुए और परिजनों से मिलकर उनका ढाढस बंधाया.

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ड्यूटी के दौरान हुआ था हादसा: मालूम हो गिरिडीह जिला के बेंगाबाद प्रखंड स्थित घुठिया के रहने वाले जैप जवान सहमुद अली हजारीबाग के चौपारण में अपनी सेवा दे रहे थे. शनिवार को चौपारण स्थित झारखंड बिहार की सीमा के चोरदाहा चेक पोस्ट पर वह गाड़ियों की जांच कर रहे थे. इसी दौरान बरही की तरफ से आ रहे एक गैस टैंकर ने उन्हें चपेट में ले लिया. इस हादसे में मौके पर ही जवान की दर्दनाक मौत हो गई.

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गांडेय विधायक ने परिवार को मदद का दिया भरोसा: घटना के बाद हजारीबाग में पोस्टमार्टम और विभागीय आदेश के बाद उनका शव शनिवार की रात गांव लाया गया. शव के गांव पहुंचते ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. परिजनों के चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो उठा और सभी की आंखें नम हो गई. घटना की सूचना पर गांडेय विधायक डॉ सरफराज अहमद घुठिया पहुंचे और जवान की अंतिम यात्रा में शामिल हुए. जवान का अंतिम संस्कार करने के बाद विधायक ने परिजनों को ढाढस बंधाया और मदद का भरोसा दिया. घटना को लेकर फिटकोरिया पंचायत के मुखिया तरन्नुम प्रवीण सहित अन्य कई लोगों ने शोक संवेदना प्रकट किया है.

सदमे में परिजन: बताया जा रहा है कि मृतक जवान की नौकरी सिर्फ एक माह बची हुई थी. एक माह के बाद वह परिवार वालों के साथ जीवन बिताने वाले थे लेकिन, दर्दनाक हादसे ने परिवार से उनका सहारा छीन लिया. शहीद जवान अपने पीछे पत्नी के अलावा तीन बेटे और तीन बेटियां छोड़ गए हैं. हादसे से परिवार के सदस्य काफी सदमे में हैं.

Last Updated :Sep 25, 2022, 10:20 PM IST
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