आदमखोर तेंदुआ को मारने की मिली अनुमति, हैदराबाद के मशहूर शूटर कर रहे कैंप

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Published : Jan 18, 2023, 8:44 PM IST

Updated : Jan 18, 2023, 9:55 PM IST

Permission granted to kill leopard in Garhwa

गढ़वा में आदमखोर तेंदुआ को मारने की अनुमति दे दी गई है. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने परिस्थिति वश तेंदुआ को मारने की अनुमति दी है. गढ़वा में तेंदुआ अब तक तीन बच्चों की जान ले चुका है. तेंदुआ को मारने के लिए हैदराबाद के मशहूर शूटर नवाब सफत अलीखान कैंप कर रहे हैं. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ से मिली अनुमति के बाद अब तेंदुए को गोली मारी जाएगी.

गढ़वा: मानव जीवन के लिए खतरा बन चुके तेंदुए को मारने की अनुमति मिल गई है. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने बुधवार की देर शाम तेंदुआ को मारने की अनुमति दे दी है. आदमखोर तेंदुआ गढ़वा के भंडरिया, रंका और रमकंडा के इलाके में सक्रिय है. गढ़वा सीएफ दिलीप कुमार यादव ने बताया कि पीसीसीएफ ने परिस्थिति को देखते हुए तेंदुआ को मारने की अनुमति दी है. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ सशिकर सामंता ने ईटीवी भारत को बताया कि अगर जान माल पर खतरा होने की सूरत में ही तेंदुआ को मारने की अनुमति दी गई है.

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गढ़वा वन विभाग की कमेटी ने तेंदुआ को मारने की अनुमति पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ से मांगी थी. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने इससे पहले तक तेंदुआ ट्रैंकुलाइज करने की अनुमति दी थी, लेकिन बुधवार की देर शाम तेंदुआ को मारने की अनुमति दी है. मामले में यह भी निर्देश जारी किया गया है कि अगर तेंदुआ को ट्रैंकुलाइज करने की स्थिति में पाया गया तो पहले उसको ट्रैंकुलाइज करना है, परिस्थिति विपरीत होने पर उसे मारा जाएगा.

गढ़वा जिला में आदमखोर तेंदुआ अब तक तीन बच्चों की जान ले चुका है. तेंदुआ की गतिविधि मानव बस्ती के अगल-बगल ही रही है. जिस कारण वन विभाग ने उसे मानव जीवन के लिए खतरा बताया है. नवाब सफत अली खान की टीम जिस ट्रैंकुलाइजर का इस्तेमाल कर रही है, उसका रेंज 25 मीटर के करीब है, जबकि तेंदुआ को इतनी नजदीक से ट्रैंकुलाइज करना काफी मुश्किल है. मारने की अनुमति मिलने के बाद टीम 200 से 300 मीटर तक तेंदुआ को निशाना बना सकती है.

तेंदुआ को मारने के लिए हैदराबाद के मशहूर शूटर कर रहे हैं कैंप: गढ़वा के इलाके में तेंदुआ को मारने के लिए हैदराबाद के मशहूर शूटर नवाब सफत अली खान कैम्प कर रहे हैं. वन विभाग के आग्रह पर वे पिछले 3 जनवरी से गढ़वा के इलाके में कैंप कर रहे हैं. नवाब की टीम में आधा दर्जन से अधिक एक्सपर्ट शामिल हैं. वन विभाग के अधिकारी के अनुसार तेंदुआ का लोकेशन लगातार रमकंडा और भंडरिया की सीमा पर कुशवार के इलाके में मिल रही है. जनवरी के पहले सप्ताह तक तेंदुआ गढ़वा के रंका, रमकंडा और भंडरिया के सीमावर्ती इलाकों के 10 किलोमीटर के दायरे में विचरण कर रहा था. अब इसका दायरा घट कर चार किलोमीटर तक रह गया है. तेंदुआ को पकड़ने के लिए तार के बाड़े में 50 ट्रैकिंग कैमरा लगाया गया है, जबकि छह केज भी लगाये गए हैं.

Last Updated :Jan 18, 2023, 9:55 PM IST
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