तीन दिनों तक शव के साथ प्रदर्शन के बाद जगी BCCL की संवेदना, आश्रित को मिली नौकरी

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Published : Sep 26, 2021, 1:35 PM IST

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धनबाद स्थित बीसीसीएल के कोलियरी में कार्यरत कर्मी मदन बाउरी की मौत ड्यूटी के दौरान हो गई. मृतक के परिजन बीसीसीएल से नौकरी की मांग करने लगे, लेकिन प्रबंधन की ओर से आनाकनी की जा रही थी. मजदूर संगठनों ने शव के साथ तीन दिनों तक प्रदर्शन किया, तो नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है.

धनबादः बीसीसीएल के कोलियरी में पंप ऑपरेटर के पद पर कार्यरत मदन बाउरी की मौत ड्यूटी के दौरान हो गई, लेकिन बीसीसीएल प्रबंधन आश्रितों को नौकरी नहीं दे रहे थे. पंप ऑपरेटर के परिजनों ने नौकरी की मांग करते हुए शव के साथ प्रदर्शन शुरू किया. इस प्रदर्शन में मजदूर संगठनों के नेता भी शामिल हुए. शव के साथ परिजनों ने तीन दिनों तक प्रदर्शन किया, तो प्रबंधन की संवेदना जगी और आज आश्रित को नौकरी दी गई.

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कोलकर्मी मदन बाउरी की तीन दिन पहले ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ी, तो उनके सहकर्मियों ने आनन-फानन में बीसीसीएल जेलगोरा क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया. हालांकि, मदन की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने सेंट्रल अस्पताल रेफर कर दिया, जहां गुरुवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

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कोलियरी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन

मृतक के आश्रित नौकरी की मांग करते हुए विभिन्न मजदूर संगठनों की मदद से लोदना कोलियरी के समक्ष शव रखकर प्रदर्शन करने लगे. लगातार तीन दिनों तक शव कोलियरी कार्यालय के समक्ष पड़ा रहा. इस दौरान प्रबंधन के साथ वार्ता भी हुई, लेकिन सहमति नहीं बन रही थी. मजदूर संगठनों के आंदोलन के आगे बीसीसीएल प्रबंधन को झुकना पड़ा और मृतक के आश्रित की नौकरी प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी. इसके बाद प्रदर्शन खत्म किया गया.

नौकरी देने में की जा रही थी आनाकनी

मृतक के परिजन गोपाल बाउरी ने कहा कि ड्यूटी के दौरान मौत होने पर तत्काल नौकरी देने का प्रावधान है, लेकिन प्रबंधन नौकरी देने में आनाकानी कर रहा था. इससे तीन दिनों तक प्रदर्शन करना पड़ा. अब प्रबंधन ने नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है, तो प्रदर्शन खत्म किया गया है.

संवेदनहीन हो गया है प्रबंधन

चंदनकियारी विधायक अमर बाउरी ने कहा कि ड्यूटी के दौरान मौत होने पर नियोजन देने का प्रावधान है, लेकिन प्रबंधन ऐसे मामलों में अनदेखी करता है. यह प्रबंधन की संवेदनहीनता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि सेवा के दौरान मृत्यु होती है, तो नियोजन देना है. लेकिन, मजदूर संगठनों को आंदोलन कर हक लेना पड़ रहा है. वहीं, बीसीसीएल के परियोजना पदाधिकारी आर टुड्डू ने कहा कि नियोजन देने के लिए तैयार थे, लेकिन मजदूर संगठन प्रबंधन की बातों को मानने को तैयार नहीं थे. इससे नियोजन की प्रक्रिया में देरी हुई है.

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