चतरा में नक्सलियों के सफाये के लिए ऑपरेशन कोलेश्वरी लॉन्च, एसपी की चेतावनी- सरेंडर करें या गोली खाएं

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Published : Sep 20, 2022, 7:18 PM IST

Operation Koleswari Chatra launched to eliminate Naxalites SP warning - surrender or face to bullets

बूढ़ापहाड़ इलाके में नक्सलियों के खिलाफ मिली सफलता को फोर्स अब चतरा में दोहराने के लिए तैयार है. यहां के कोलेश्वरी जोन से नक्सलियों के सफाये के लिए ऑपरेशन कोलेश्वरी लॉन्च (Operation Koleswari Chatra) किया गया है. इस दौरान एसपी ने नक्सलियों को चेतावनी दी है कि या तो सरेंडर करें या गोली खाएं.

चतरा: चतरा के प्रतापपुर थाना क्षेत्र में दो दिन पूर्व प्रतिबंधित भाकपा माओवादी नक्सलियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ के बाद अब पुलिस फिर एक्शन मोड में है. चतरा में नक्सलियों के सेफ जोन माने जाने वाले कोलेश्वरी जोन से माओवादियों के सफाये के लिए फोर्स ने ऑपरेशन कोलेश्वरी लॉन्च (Operation Koleswari Chatra ) किया है. एसपी राकेश रंजन के नेतृत्व में सीआरपीएफ 190 बटालियन के कमांडेंट मनोज कुमार और एसडीपीओ अविनाश कुमार की टीम जंगल के चप्पे चप्पे को छान रही है, ताकि छिपे उग्रवादियों को तलाशा जा सके.

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झारखंड-बिहार सीमा पर स्थित नक्सल गढ़ कोलेश्वरी जोन से भाकपा माओवादियों के सफाये के लिए फोर्स ने ऑपरेशन कोलेश्वरी लॉन्च किया है. इस अभियान का नेतृत्व पुलिस कप्तान राकेश रंजन खुद कर रहे हैं, जिसमे उनका साथ सीआरपीएफ कमांडेंट दे रहे हैं. इस अभियान के दौरान टीम कोलेश्वरी जोन के सबसे प्रभावित इलाके गड़िया, अमकुदर व सहोर समेत एक दर्जन गांवों में सड़कों का निर्माण भी करा रही है.

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फोर्स ने संवेदकों की सुरक्षा और शत-प्रतिशत विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए गड़िया में सीआरपीएफ का अस्थाई कैंप भी स्थापित किया है, ताकि न सिर्फ इलाके से नक्सलियों का सफाया हो बल्कि आम लोगों को विकास योजनाओं से जोड़ा जा सके.

पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने कहा है कि चतरा को पूरी तरह माओवाद मुक्त जिला बनाने का संकल्प पुलिस ने लिया है. किसी भी परिस्थिति में समाज के उत्थान और विकास में बाधक नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि माओवादियों के एक दस्ते के लंबे समय के बाद झारखंड-बिहार सीमावर्ती इलाकों में विचरण करने की सूचना प्राप्त हो रही थी. वह इस इलाके में छोटी बड़ी घटना को अंजाम देकर फिर से अशांति न फैला सके, इसे लेकर सीआरपीएफ और जिला बल के जवानों को जंगलों में जाकर उनके दांत खट्टे करने का निर्देश दिया गया है.

अधिकारी और जवान पगडंडियों के सहारे नदी-नाला पार कर पथरीले रास्ते बाइक चलाकर गड़िया पहुंचे थे. यहां एसपी ने कहा कि नक्सली किसी भी परिस्थिति में समाज और विकास के लिए बेहतर नहीं हो सकते. वे खुद को समाज और आम लोगों का हितैषी बताते हैं, लेकिन उनके कारण ही लोग आज न सिर्फ विकास से महरूम हैं बल्कि पीढ़ियां तरक्की से दूर हो रहीं हैं. एसपी ने नक्सलियों को चेताते हुए कहा कि या तो वे हथियार डालकर पुलिस के आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं या फिर गोली खाने के लिए तैयार रहें.

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