चतराः जिले के औद्योगिक नगरी टंडवा में ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहण कर एनटीपीसी का प्लांट स्थापित किया जा रहा है. आरोप है कि अधिग्रहित जमीन मालिकों को तय सेवा-शर्तों के अनुरूप सुविधा उपलब्ध नहीं कराया गया. विस्थापित लोग पिछले 250 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को एनटीपीसी के अधिकारी चतरा पहुंचे तो विस्थापितों ने काला झंडा दिखाकर विरोध जताया.
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प्रदर्शनकारी उग्र नहीं हो इसे लेकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किए गए थे. स्थिति यह थी कि धरना स्थल पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था. इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों की तख्ती लिए एनटीपीसी अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की.
तीन सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन
एनटीपीसी के विस्थापित गांवों में मूलभूत सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है. इससे विस्थापित गांवों के लोगों ने तीन सूत्री मांगों को लेकर 250 दिनों से धरने पर बैठे हैं. प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी प्रशासन ने जमीन मालिकों के साथ छलावा किया है. उन्होंने कहा कि अब और उग्र आंदोलन किया जाएगा.
धरना दे रहे ग्रामीणों को मिले न्याय
विस्थापित विकास संघर्ष समिति के बैनर तले ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे तिलेश्वर साव ने कहा कि एनटीपीसी अधिकारी को काला झंडा दिखाकर उन्होंने अपना दर्द बयां किया है. उन्होंने कहा कि पिछले आठ माह से भूखे-प्यासे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो उनके दर्द को देखिए और समझिए इसके बाद न्याय कीजिए. उन्होंने कहा कि न्याय नहीं मिलेगा तो 20 सितंबर से एनटीपीसी का पूरा कार्य बंद करेंगे जिसके जिम्मेवार एनटीपीसी के अधिकारी होंगे.