किशन दा की गिरफ्तारी से बौखलाए नक्सली, बड़े हमले की साजिश, निशाने पर मुखबिर

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Published : Nov 17, 2021, 3:56 PM IST

Updated : Nov 17, 2021, 4:40 PM IST

naxal attack in jharkhand

भाकपा माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस उर्फ किशन दा की गिरफ्तारी से नक्सली बौखलाए हुए हैं. झारखंड में किसी बड़े हमले को अंजाम देकर नक्सली अपनी धमक दिखाना चाहते हैं. खुफिया सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर आईजी अभियान ने सभी जिलों के एसपी को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है.

रांचीः भाकपा माओवादियों के इस्टर्न रीजनल ब्यूरो के सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस उर्फ किशन दा की गिरफ्तारी के बाद नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं. खुफिया जानकारी के अनुसार प्रतिरोध दिवस के दौरान नक्सली अपने प्रभाव वाले जिलों में हिंसक घटना को अंजाम दे सकते हैं। खासकर रेलवे और दूसरे केंद्रीय प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा सकता है. 20 नवंबर को बुलाए गए बंद के दौरान भी हिंसक वारदात की आशंका है.

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झारखंड पुलिस अलर्ट
खुफिया सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर आईजी अभियान अमोल होमकर ने सभी जिलों के एसपी को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. उन्हें निर्देश है कि वे कोबरा, जगुआर और केंद्रीय पारा मिलिट्री फोर्स के साथ रणनीति बनाकर माओवादियों के मूवमेंट पर नजर रखें और उसे रोकने का काम करें. बंद के दौरान रेलवे नक्सलियों का सॉफ्ट टारगेट रहा है, जिसे देखते हुए रेलवे रूट पर विशेष चौकसी बरतने की हिदायत भी मुख्यालय ने दी है. यह भी निर्देश जारी किया गया है कि रेलवे के साथ साथ केंद्र और राज्य के प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी एहतियाती कदम उठाएं. माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सीआरपीएफ, एसएसबी, आरपीएफ, सीआईएसएफ के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश भी दिया गया है.

आईजी अभियान अमोल होमकर

मुखबिरों को निशाना बना सकते हैं नक्सली
प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में भारी आक्रोश है. संगठन उन लोगों की तलाश में जुटा है, जिन लोगों ने पुलिस के पास जाकर प्रशांत बोस की मुखबिरी की है. जानकारी के अनुसार पारसनाथ इलाके में लगातार लोगों से पूछताछ भी की जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर नक्सलियों को किसी के ऊपर जरा सा भी शक भी हुआ, तो अगले इंसान की जान जा सकती है. ऐसे में पारसनाथ में भी सुरक्षा बलों ने निगरानी बढ़ा दी है.

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जानकारी के अनुसार नक्सली सुरक्षाबलों के कैंप, थाने, पिकेट, पोस्ट, गश्ती या एस्कार्ट वाहन को टारगेट कर सकते हैं. विशेष शाखा ने अपने अलर्ट में बताया है कि सरकार या गैरसरकारी प्रतिष्ठान, अंचल कार्यालय, बैंक, वन विभाग के कार्यालय, विकास योजनाओं, संचार सेवाओं को निशाना बनाया जा सकता है. कोल साइडिंग, कोल डंप और खनन इलाकों में विशेष ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं. सभी महत्वपूर्ण रेलवे लाइन, रेलवे साइडिंग, स्टेशनों पर भी नजर रखने का निर्देश है. नक्सल हमले की स्थिति में कैसे मुकाबला करना है, इसके लिए सीआरपीएफ, जगुआर के साथ रणनीति बनाने का निर्देश एसपी- डीआईजी को दिया गया है.

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हर स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश
पुलिस मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि पुलिस पिकेट या कैंप तक पहुंचने वाले रास्तों को सेनेटाइज किया जाना जरूरी है. यह जांच की जानी चाहिए कि मूवमेंट के रास्ते में आईईडी लगी है या नहीं. संवेदनशील जगहों पर काम करने वाले एसपीओ को सुरक्षा देने, रेलवे लाइन सुरक्षित रहें इसके लिए रेलवे अथॉरिटी के साथ जांच पड़ताल करने का निर्देश दिया गया है. नक्सल क्षेत्र में पड़ने वाले नेशनल हाईवे या दूसरी प्रमुख सड़कों पर आवाजाही प्रभावित न हो, इसे लेकर भी जिलों के एसपी को रणनीति बनाने का निर्देश दिया गया है।.ग्रामीण क्षेत्रों में बैनर पोस्टर लगाए जाने की स्थिति में वहां बिना तैयारी नहीं जाने का निर्देश सुरक्षाबलों को दिया गया है.

Last Updated :Nov 17, 2021, 4:40 PM IST
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