रांचीः वर्ष 2019 में देशभर में 13 से 15 साल के किशोर-किशोरियों में तंबाकू सेवन की प्रवृति जानने के लिए इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पॉपुलेशन स्टडीज (International Institute of Population Studies) और भारत सरकार (Government of India) ने मिलकर ग्लोबल यूथ तंबाकू सर्वे-4 (GYTS-4) कराया था. कोरोना की वजह से देर से इसकी रिपोर्ट जारी हुई है.
झारखंड के संदर्भ में GYTS-4 (Global Youth Tobacco Survey-4) के आंकड़े सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने रांची में जारी किया.
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देश के औसत से बेहतर है झारखंड
GYTS- 4 के आंकड़े बताते हैं कि देश में जहां 13-15 वर्ष के 8.5 फीसदी किशोर-किशोरियां किसी ना किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं तो झारखंड में यह 5.1% है यानि देश के औसत के मुकाबले झारखंड में कम संख्या में किशोर-किशोरियां तंबाकू का सेवन करते हैं.
लड़कों से ज्यादा स्मोकलेस तंबाकू का सेवन करती हैं लड़कियां
सर्वे का एक और आंकड़ा चौकाने वाला है, GYTS-4 के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में कुल मिलाकर 7% किशोर-किशोरियां स्मोकलेस यानी धुंआ रहित तंबाकू का सेवन करते हैं. राज्य में 13-15 वर्ष उम्र समूह में 6 प्रतिशत लड़के स्मोकलेस तंबाकू का सेवन करते हैं तो 8.9 फीसदी लड़कियां स्मोकलेस तम्बाकू का सेवन करती हैं.
एक और आंकड़े चौकाने वाला
सर्वे रिपोर्ट इस ओर इशारा कर रहा है कि राज्य में 13 से 15 साल के बच्चे स्कूल (7.1%) और सार्वजनिक स्थान (6.9%) की अपेक्षा सबसे ज्यादा अपने घरों में (28%), अपने दोस्तों के घर (20.9%) और सामाजिक आयोजनों के दौरान (20.8%) तंबाकू का सेवन करते हैं.
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क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री ने
GYTS-4 में देश के औसत से बेहतर स्थिति में झारखंड के रहने पर संतोष जताते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य में तंबाकू निषेध के लिए बने कानून का और कड़ाई से पालन कराया जाएगा. इसके साथ-साथ उन्होंने लड़कियों में तंबाकू सेवन की बढ़ती प्रवृति पर चिंता जताते हुए कहा कि समय रहते इसपर रोक नहीं लगायी गई तो ना सिर्फ राज्य की बेटियों का स्वास्थ्य खराब होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ेगा.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भारत सरकार से कोटपा कानून में और संशोधन कर उसे और कठोर करने की मांग की. एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य में 11 किस्म की पान मसालों पर इसलिए प्रतिबंध लगाया गया है क्योंकि उसमें खतरनाक तत्व पाए गए थे. अगर आने वाले दिनों में मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में जांच में यह आता है कि प्रतिबंधित पान मसाला में खतरनाक तत्व नहीं है तो उसके बाद सरकार और विभाग कानून के अनुसार कोई फैसला लेगी.
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राज्य में सरकार की तंबाकू निषेध के कार्यक्रमों के सहयोगी पार्टनर सीड्स (SEEDS- Socio Economic and Educational Development Society) के हेड दीपक मिश्रा ने कहा कि कुल मिलाकर झारखंड का अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति में है. इसके बावजूद जरूरत इस बात की है कि राज्य में जैसे सड़क सुरक्षा के लिए हर चौक-चौराहे पर पुलिस अक्सर अभियान और चेकिंग करती है, वैसे ही तंबाकू को रोकने के लिए उपाय किए जाएं. क्योंकि 13-15 साल के बच्चों में तम्बाकू सेवन की प्रवृति में भले ही हम बेहतर स्थिति में हो पर कुल मिलाकर झारखंड में (38.9%) लोग तंबाकू का सेवन करते हैं जबकि राष्ट्रीय औसत हमसे काफी कम 28.6% है.