झारखंड में कानून व्यवास्था पर सीएम हेमंत सोरेन सख्त, 22 सितंबर को पुलिस महकमे की बुलाई बैठक

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Published : Sep 21, 2022, 6:13 PM IST

Updated : Sep 21, 2022, 10:27 PM IST

law and order in Jharkhand

झारखंड में कानून व्यवस्था (Law And Order In Jharkhand ) को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. महिलाओं पर हो रहे हमले, अवैध माइनिंग और विशेष समुदाय के लोगों का घर गिराया जाना राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहा. ऐसे में हेमंत सोरेन ने पुलिस महकमे की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इसमें राज्य की कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने को लेकर चर्चा होगी.

रांची: झारखंड में चल रही है हेमंत सरकार पर कानून व्यवस्था (Law And Order In Jharkhand ) को लेकर विपक्ष ने एक कड़ा हमला बोल रखा है. झारखंड में लगातार हो रही घटनाओं को लेकर के सरकार जहां पशोपेश में है, वहीं कानून व्यवस्था विपक्ष के लिए एक मजबूत हथियार बना हुआ है. ऐसे में हेमंत सोरेन ने पुलिस अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है.

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एनसीआरबी ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं पर अत्याचार के बढ़ें हैं. झारखंड में आदिवासी महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार के बढ़े मामले से सियासत गर्म है. दुमका में लड़की को पेट्रोल छिड़ककर आग लगा देने का मामला राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में रहा है. आदिवासी लड़की को बलात्कार के बाद पेड़ पर टांग देना पूरे देश में चर्चा में रहा.

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50 से ज्यादा विशेष समुदाय के लोगों के घर गिरा करके उन्हें गांव से बाहर निकाल देना भी राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहा है. राज्य में लगातार लव जिहाद के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. अवैध माइनिंग लगातार बढ़ रही है. घरेलू हिंसा के मामले में भी गिरावट नहीं आई है. कुल मिलाकर किस तरीके की कानून व्यवस्था का मामला विपक्ष उठाता रहा है. वह हेमंत सरकार के लिए चुनौती भी है.

झारखंड में अपराध के बढ़ते मामले के कारण ही 22 सितंबर को हेमंत सोरेन ने सभी जिले के पुलिस कप्तान से लेकर के पुलिस के आला अधिकारियों की बैठक बुलाई है. मामला साफ है कि झारखंड के लोग अगर आराम से नहीं रहेंगे तो सरकार को इस तरह की फजीहत झेलनी पड़ेगी. अब देखना है कि बैठक में किस तरीके के निर्णय होते हैं और निर्णय जो भी होंगे झारखंड के लोगों को सुकून इस रूप में देंगे कि अगर पुलिस जागती रहेगी तो आम लोग चैन से सो पाएंगे, नहीं तो बढ़ते अपराध पर लगाम लगाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा, जो झारखंड के लिए चिंता का विषय है. सरकार के लिए सिरदर्द और विपक्ष के लिए मुद्दा.

Last Updated :Sep 21, 2022, 10:27 PM IST
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