पानी 'काला', स्याह खेत, फसल भी पड़ रही काली! कोल साइडिंग से बंजर हो रही जमीन

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Published : Sep 17, 2021, 9:25 PM IST

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हजारीबाग रेलवे कोल साइडिंग किसानों के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है. कोयले का काला पानी और डस्ट खेत में पहुंच रहा है, जिससे खेती करना दूभर हो रहा है.

हजारीबागः जिला का रेलवे कोल साइडिंग किसानों के लिए जी का जंजाल बन गया है. इसकी वजह से आज किसानों के हाथ से उनकी जमीन निकलती जा रही है. क्योंकि कोयले का काला पानी उनकी जमीन को बंजर बनाता जा रहा है. जिसकी वजह से ऐसी जमीन पर खेती करना नामुमकिन होता जा रहा है.

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हजारीबाग में रेलवे स्टेशन का उद्घाटन बड़े ही धूमधाम के साथ किया गया था. एक मात्र पैसेंजर ट्रेन ही इसे मिली है. लेकिन रेलवे स्टेशन से सिर्फ कोयला ढोने का ही काम किया जा रहा है. कोयला ढोने के लिए कोल साइडिंग बनाया गया है, उसका भी हाल बेहाल है. कोल साइडिंग का पानी किसानों के खेतों में पहुंच रहा है, जिससे खेत बर्बाद होता जा रहा है.

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आलम यह है कि अब कोल साइडिंग के आसपास की जमीन में खेती भी नहीं हो रही है. ग्रामीण कहते हैं कि बड़े वाहन कोयला लेकर आते हैं, कोयला जहां गिरता है वहां से गंदा पानी और कोयला का गर्दा हमारे खेतों में पहुंच रहा है, ऐसे में पूरा खेत ही बर्बाद हो गया है. खासकर बरसात के समय में जब धान रोपनी किया जाता है. लेकिन इस साल खेत में धान लगा भी नहीं पाए क्योंकि हमारा खेत ही काला हो गया है.

Fields becoming barren due to coal siding in Hazaribag
खेत में कोयले का काला पानी पहुंच रहा

खेत में से सात इंच तक कोयला का डस्ट जमा हुआ है. जब बरसात का पानी कोल साइडिंग से हमारे खेत में आता है तो लगता है कि पूरा खेत ही काला हो गया हो. महिला किसान बताती हैं कि अगर किसी तरह धान लगा भी लेते हैं तो जब फसल तैयार होता है वह भी काला रहता है. सब्जी के ऊपर काला कोयला का परत बैठ जाता है. आलम यह है कि जिस पौधे को 10 किलो टमाटर देना चाहिए वह महज एक 2 किलो ही दे पाता है. ऐसे में यह कोल साइडिंग हम लोगों के लिए अभिशाप साबित हो रहा है.

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महत्वपूर्ण बात यह है कि ग्रामीणों ने जमीन कोल साइडिंग के लिए कंपनी को हस्तांतरित भी किया है, ग्रामीणों को मुआवजा भी मिला है. लेकिन वैसी जमीन जिसका अधिग्रहण नहीं हुआ है, वहां ग्रामीण खेती करते हैं, इस कारण वह परेशान हैं. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें अब तक मुआवजा भी नहीं मिला है.

Fields becoming barren due to coal siding in Hazaribag
कोल साइडिंग का खेतों पर असर, किसान परेशान


विगत कुछ दिनों से हजारीबाग के दो कोल साइडिंग कुसुम्भा और बानादाग में जबरदस्त विरोध भी देखा जा रहा है. ग्रामीण गोलबंद होते जा रहे हैं तो कई राजनेता भी यहां पर पहुंचे. उनमें हजारीबाग सांसद और विधायक भी शामिल हैं. सांसद ने इतना तक कह दिया कि मेरी इसमें किसी भी तरह की मिलीभगत नहीं है और ना ही मेरा व्यापार कोयला का चलता है, अगर कोई साबित कर देगा तो मैं इस्तीफा भी दे दूंगा.

Fields becoming barren due to coal siding in Hazaribag
कोल साइडिंग की तस्वीर

दूसरी ओर विधायक मनीष जायसवाल के समर्थक और ग्रामीणों के बीच में झड़प भी हो गई थी. जिसमें कुछ घायल भी हुए थे और मामला अभी थाना में लंबित है. बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने आकर और बड़े-बड़े वादे भी किए. कटकमदाग के मुखिया भी इन दिनों कोल साइडिंग का विरोध कर रहे हैं और इसे दूर ले जाने की बात कह रहे हैं.

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हजारीबाग रेलवे कोल साइडिंग के पास एक पुल भी है, उसका हाल बेहाल है, आए दिन वहां दुर्घटना हो रही है. बरसात के कारण एक कदम चलना भी मुश्किल हो रहा है. कभी गाड़ी फंस जाती है तो कभी आम लोगों को अपनी गाड़ी दूसरी ओर खेत से ले जाना पड़ता है. इन तमाम अव्यवस्थाओं को लेकर इलाके के लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है और इस कोल साइडिंग का पुरजोर विरोध किया जा रहा है.

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खेत में जमा कोयले का डस्ट
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