Presidential Election 2022: विपक्ष की बैठक में फैसला, यशवंत सिन्हा होंगे संयुक्त उम्मीदवार

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Published : Jun 21, 2022, 11:08 AM IST

Updated : Jun 21, 2022, 5:33 PM IST

राष्ट्रपति चुनाव पर शरद पवार के घर बैठक जारी , Sharad Pawar Presidential Election meeting

राष्ट्रपति चुनाव 2022 में यशवंत सिन्हा विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार होंगे. नई दिल्ली में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता में विपक्ष के 17 दलों की बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार चुने गए, वह भारत के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ताने-बाने को बनाए रखने के लिए विशिष्ट रूप से योग्य हैं.

नई दिल्ली: कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित 13 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को विपक्ष का उम्मीदवार बनाया है. राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार द्वारा बुलाई गई बैठक के लिए संसद भवन में एकत्र हुए विपक्षी नेताओं ने सिन्हा के नाम पर सहमति जताई. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद एक संयुक्त बयान पढ़ते हुए कहा, 'हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने सर्वसम्मति से यशवंत सिन्हा को 18 जुलाई, 2022 को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के उम्मीदवार के रूप में चुना है.'

  • We (opposition parties) have unanimously decided that Yashwant Sinha will be the common candidate of the Opposition for the Presidential elections: Congress leader Jairam Ramesh pic.twitter.com/lhnfE7Vj8d

    — ANI (@ANI) June 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बयान में कहा गया, 'लंबे सार्वजनिक जीवन और प्रतिष्ठित करियर में यशवंत सिन्हा ने विभिन्न क्षमताओं- एक सक्षम प्रशासक, कुशल सांसद और प्रशंसित केंद्रीय वित्त और विदेश मंत्री के रूप में देश की सेवा की है. वह भारत के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ताने-बाने को बनाए रखने के लिए विशिष्ट रूप से योग्य हैं.' जयराम रमेश ने बयान में कहा कि हम भाजपा और उसके सहयोगियों से राष्ट्रपति के रूप में यशवंत सिन्हा का समर्थन करने की अपील करते हैं ताकि हम एक योग्य 'राष्ट्रपति' को निर्विरोध निर्वाचित कर सकें.

रमेश ने संयुक्त विपक्ष का बयान पढ़ते हुए कहा कि हमें खेद है कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया. बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए कायम हुई विपक्षी दलों की एकता आने वाले महीनों में और मजबूत होगी. बता दें कि सिन्हा का नाम पवार, गोपालकृष्ण गांधी और फारूक अब्दुल्ला द्वारा राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की पेशकश को अस्वीकार किए जाने के बाद सामने आया.

इन पार्टियों ने बैठक में लिया हिस्सा
बैठक में कांग्रेस, राकांपा, तृणमूल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में शामिल होने वालों में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, द्रमुक के तिरुचि शिवा, माकपा के सीताराम येचुरी और भाकपा के डी राजा शामिल थे.

पांच क्षेत्रीय दल: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), बीजू जनता दल (बीजेडी), आम आदमी पार्टी (आप), शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और युवाजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) इस बैठक से दूर रहे. इन पार्टियों को किसी भी धड़े में नहीं माना जाता. ये पार्टियां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई 15 जून की बैठक से भी दूर रही थीं.

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बैठक से पहले, पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने ट्वीट किया कि टीएमसी में मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी, उसके लिए मैं ममता जी का आभारी हूं. अब एक समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर अधिक विपक्षी एकता के लिए काम करना चाहिए. मुझे यकीन है कि वह इस कदम को स्वीकार करती है. इस ट्वीट के बाद माना जा रहा है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार घोषित हो सकते हैं.

Last Updated :Jun 21, 2022, 5:33 PM IST
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