Pegasus Case : 'फोन टैपिंग की रिपोर्ट गलत, लीक डेटा में तथ्य सही नहीं'
Updated on: Jul 19, 2021, 4:59 PM IST

Pegasus Case : 'फोन टैपिंग की रिपोर्ट गलत, लीक डेटा में तथ्य सही नहीं'
Updated on: Jul 19, 2021, 4:59 PM IST
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोक सभा में पेगासस जासूसी प्रकरण पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि रविवार रात एक वेब पोर्टल द्वारा बेहद सनसनीखेज कहानी प्रकाशित की गई. इस कहानी के इर्द-गिर्द कई बेबुनियाद आरोप लगाए गए. उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले प्रेस रिपोर्ट सामने आई. यह संयोग नहीं हो सकता.
नई दिल्ली : आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में 'पेगासस प्रोजेक्ट' (Ashwini Vaishnaw Pegasus) पर सरकार की ओर से बयान दिया. उन्होंने कहा कि पहले भी WhatsApp पर Pegasus के इस्तेमाल को लेकर इसी तरह के दावे किए गए थे. उन रिपोर्टों का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था और सभी पक्षों द्वारा उनका खंडन किया गया था. उन्होंने कहा कि 18 जुलाई, 2021 की प्रेस रिपोर्ट भी भारतीय लोकतंत्र और इसकी सुस्थापित संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश लगती है.
अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा (Ashwini Vaishnaw in Lok Sabha) में, 'पेगासस जासूसी प्रकरण' पर कहा कि जब हम इस मुद्दे को तर्क के चश्मे से देखते हैं, तो यह स्पष्ट रूप से सामने आता है कि ऐसा सनसनीखेज माहौल बनाने के पीछे कोई सार नहीं है.
बता दें कि अश्विनी वैष्णव हाल ही में हुए मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री बने हैं. उन्होंने पेगासस के संबंध में आईं मीडिया रिपोर्टस के संबंध में कहा कि हमारे देश में कानूनों और मजबूत संस्थानों में जांच और संतुलन की कमी नहीं है. ऐसे में किसी भी प्रकार की अवैध निगरानी संभव नहीं है.
लोकसभा में आईटी मंत्री ने कहा कि भारत में, अच्छी तरह से स्थापित प्रक्रिया है जिसके माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक संचार का वैध अवरोधन किया जाता है. भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 के प्रावधानों जा जिक्र करते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कानून के तहत इलेक्ट्रॉनिक संचार के वैध अवरोधन के लिए अनुरोध प्रासंगिक नियमों के अनुसार किए जाते हैं. अवरोधन के प्रत्येक मामले को सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित किया जाता है.
इससे पहले लोक सभा और राज्य सभा में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के कारण सदन में अधिकांश विधायी कार्य बाधित हुए. लोक सभा में पीएम मोदी के सामने विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को महिलाओं और दलितों का मंत्री बनना पसंद नहीं है. शायद इसलिए हंगामा किया जा रहा है.
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राज्य सभा में भी पीएम मोदी द्वारा मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नए मंत्रियों के परिचय कराए जाने के दौरान जमकर हंगामा हुआ. पीएम मोदी ने सवाल किया कि यह कौन सी महिला विरोधी मानसिकता है, जिसके कारण सदन में उनका नाम भी सुनने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में शेड्यूल ट्राइब के साथी मंत्री बने हैं. पीएम ने सवाल किया कि हमारे आदिवासियों के प्रति ऐसी कौन सी रोष की भावना है, जिसके कारण उनका परिचय राज्य सभा में कराया जाना पसंद नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दलित मंत्रियों का परिचय भी बड़ी संख्या में हो रह है, लेकिन यह कौन सी मानसिकता है, जो दलितों का, किसानों के बेटे का गौरव करने के लिए तैयार नहीं है.
गौरतलब है कि संसद का मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) आज से शुरू हो गया. 17वीं लोक सभा की छठी बैठक हो रही है, जबकि राज्य सभा की 254वीं बैठक हो रही है.
