UNA: मलाहत रोड के रेलवे फाटक पर अंडरपास बनाने को लेकर केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
Updated on: Jan 23, 2023, 6:21 PM IST

UNA: मलाहत रोड के रेलवे फाटक पर अंडरपास बनाने को लेकर केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
Updated on: Jan 23, 2023, 6:21 PM IST
ऊना जिला मुख्यालय के साथ लगते मलाहत रोड पर स्थित रेलवे फाटक पर ट्रेनों की आवाजाही के समय इस रोड पर सफर करने वाले लोगों को अब फाटक खुलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. केंद्र सरकार ने मलाहत रोड पर स्थित रेलवे फाटक के नीचे 19 करोड़ 37 लाख रुपए से अंडर पास बनाने को मंजूरी दे दी है. (govt approve underpass at Railway gate of Malahat) (Railway gate of Malahat Road in Una)
ऊना: जिला मुख्यालय के साथ लगते मलाहत रोड रेलवे फाटक पर अब आमजन को ट्रेनों की आवाजाही के समय फाटक खुलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने मलाहत रोड रेलवे फाटक के नीचे 19 करोड़ 37 लाख की लागत से अंडर पास बनाने को मंजूरी दे दी है. यह जानकारी सोमवार को ऊना में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए ऊना विधानसभा के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने दी.
दरअसल ऊना मलाहत रोड पर रोजाना सैकड़ों वाहनों की आवाजाही होती है और इसी रोड पर पीजीआई सेटेलाइट सेंटर का भी निर्माण हो रहा है. ऐसे में मलाहत रोड पर लगे रेलवे फाटक पर ट्रेनों के आने जाने के समय लोगों को काफी देर तक फाटक खुलने का इंतजार करना पड़ता है. इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को इस स्थान पर अंडर पास बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसकी मंजूरी होने के बाद भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने केंद्र सरकार और स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का आभार जताया है.
सत्ती ने कहा कि आने वाले समय में केंद्र सरकार से ऊना विधानसभा क्षेत्र के लिए और भी योजनाएं लाई जाएंगी ताकि ऊना विधानसभा क्षेत्र का विकास हो सके. भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को भी जमकर निशाने पर लिया. सत्ती ने कहा कि यह पहली ऐसी सरकार है जिसने पिछली सरकार के फैसलों को बिना रिव्यू किए ही रद्द कर दिया.
सत्ती ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बार-बार इन संस्थानों को चलाने के लिए पांच हजार करोड़ खर्च होने की बात कर रही है, जबकि इन संस्थानों पर पैसा खर्च करना सरकार की जिम्मेवारी है. सत्ती ने कहा कि इन संस्थानों के खुलने से जहां आमजन को लाभ मिलना था. वहीं, लोगों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध होने थे, लेकिन सरकार ने इन संस्थानों को डिनोटिफाई कर रोजगार को भी खत्म करने का काम किया है.
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