सुक्खू सरकार में कानून व्यवस्था का निकला जनाजा, जंगलराज की तरह हो रहे गोलीकांड: सतपाल सत्ती
Published: Nov 4, 2023, 5:52 PM


सुक्खू सरकार में कानून व्यवस्था का निकला जनाजा, जंगलराज की तरह हो रहे गोलीकांड: सतपाल सत्ती
Published: Nov 4, 2023, 5:52 PM

Satpal Satti Targeted Sukhu Government: हिमाचल प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर बीजेपी विधायक सतपाल सिंह सत्ती सुक्खू सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा हिमाचल में कांग्रेस सरकार ने कानून व्यवस्था का जनाजा निकाला दिया है. प्रदेश में जंगलराज की तरह लगातार गोलीकांड हो रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...
ऊना: बीजेपी विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने प्रदेश सरकार पर कानून व्यवस्था का जनाजा निकालने और लोकतंत्र की हत्या करने के आरोप लगाया. उन्होंने कहा एक के बाद एक ताबड़तोड़ कई हमले हो रहे हैं. जंगल राज की तरह ऊना जिले में लगातार गोलीकांड हो रहे हैं. सरकार की नाकामी है कि अब तो मोहल्ले के लड़ाई-झगड़े में भी गोलियां चलने लगी हैं. हत्याएं होने लगी है. फिरौती के नाम पर गोलीकांड हो रहे हैं. नगर परिषद ऊना कार्यालय में अधिकारी और पार्षद के बीच हुई हाथापाई को लेकर भी उन्होंने अधिकारियों को जमकर आड़े हाथों लिया.
विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने सुक्खू सरकार पर एक के बाद एक कई हमले किए. बीजेपी विधायक ने कहा हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता संभालने के बाद से लगातार कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है. खनन माफिया सरकार चल रहे हैं. पुलिस और खनन विभाग केवल मात्र माफिया के सहायक की भूमिका अदा कर रहे हैं. कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ चुकी है और गोलीकांड ऐसे हो रहे हैं जैसे हिमाचल प्रदेश में जंगल राज चल रहा हो. अब तो गली मोहल्ले में होने वाले हल्के-फुल्के झगड़े में भी लोग गोलियां चला कर हत्याएं करने में लगे हैं. कांग्रेस के राज में लोगों से फिरौतियां मांगी जा रही है और फिरौती नहीं देने पर गोलियां चलाई जा रही हैं. आधी रात को पंजाब के गुंडे बुलाकर स्थानीय लोगों पर हमले करवाए जा रहे हैं.
कांग्रेस राज में लोकतांत्रिक प्रोटोकॉल की भी धज्जियां उड़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ी गई. नगर परिषद जो एक स्वतंत्र संस्था होती है, वहां पर भी राजनीतिक नेता दखल देकर अपने चाव पूरे करने में लगे हैं. जिन नेताओं की नगर परिषद के विकास में कभी कोई सहभागिता नहीं रही, वह अपने नाम के पट्टे लगवाने के लिए बिना किसी हैसियत के राजनीतिक दबाव से दखलअंदाजी कर रहे हैं. जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को नगर परिषद से वेतन दिया जा रहा है, वह भी बाहरी लोगों के दलाल बने फिर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी हदों को पार न करें. यह सरकार कितने दिन चलेगी, खुद इस सरकार में शामिल लोगों को भी नहीं पता है. ऐसे में अधिकारियों को किसी भी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने से पहले सोच लेना चाहिए.
