Shillai Assembly Seat: हर्षवर्धन चौहान लगाएंगे सिक्सर या बलदेव तोमर पलट देंगे बाजी ?

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Published : Nov 20, 2022, 3:30 PM IST

शिलाई विधानसभा सीट

सिरमौर जिले की शिलाई विधानसभा सीट पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं. यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ठाकुर हर्षवर्धन चौहान व निवर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के करीबी माने जाने वाले बलदेव तोमर के बीच एक बार फिर कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. क्या है इस सीट के चुनावी समीकरण जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...(Himachal Pradesh elections result 2022) (Shillai assembly seat)

शिलाई/नाहन: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को मतदान प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है. 8 दिसंबर को चुनावी नतीजे आने वाले हैं. हर किसी की जुबान पर चुनावी परिणाम को लेकर चर्चा है. ऐसे में सिरमौर जिले की शिलाई विधानसभा सीट पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं. यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ठाकुर हर्षवर्धन चौहान व निवर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के करीबी माने जाने वाले बलदेव तोमर के बीच एक बार फिर कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. इस सीट की खास बात यह है कि यह कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है या यूं कहे कि इस सीट पर ठाकुर हर्षवर्धन चौहान परिवार का दबदबा रहा है. (Himachal Pradesh elections result 2022) (Shillai assembly seat)

कांग्रेस का गढ़ है शिलाई सीट: दरअसल इस सीट पर रोचक पहलू यह है कि 12 बार कांग्रेस के टिकट पर यहां से केवल पिता व पुत्र ही विधायक बनकर विधानसभा में पहुंचे हैं. एक बार फिर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर ठाकुर हर्षवर्धन चौहान चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में यह सीट भी हॉट सीटों में से एक मानी जा रही है. अब तक इस सीट पर भाजपा केवल एक ही बार कमल खिलाने में कामयाब रही है. यहां की राजनीति में ठाकुर परिवार के तौर पर एक ही परिवार का वर्चस्व रहा है. एक बार जनता दल के टिकट पर यहां से जगत सिंह नेगी विधायक जरूर बने. केवल दो बार के चुनाव को छोड़ कर अन्य सभी चुनावों में यहां कांग्रेस का ही दबादबा कायम रहा है. इस क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ कहे, तो इसमें भी कोई अतिशोक्ति नहीं होगी.

Shillai assembly seat
कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान

भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर: बता दें कि कांग्रेस के टिकट पर यहां से 7 बार ठाकुर गुमान सिंह व 5 बार उनके सपुत्र वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर हर्षवर्धन चौहान विधायक रहे हैं. हर्षवर्धन यहां से छठी बार चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में ठाकुर परिवार का ही क्षेत्र की राजनीति में दबदबा रहा है. 2012 के चुनाव में बलदेव सिंह तोमर यहां से कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन को शिकस्त देकर पहली बार इस सीट पर कमल खिलाने में कामयाब हुए थे. 2017 के चुनाव की तर्ज पर एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन चौहान व बलदेव तोमर के बीच ही यहां कांटे की टक्कर मानी जा रही है.

इतनी संपत्ति के मालिक हैं भाजपा-कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी: निर्वाचन आयोग को सौंपे शपथ पत्र के मुताबिक शिलाई से कांग्रेस के प्रत्याशी ठाकुर हर्षवर्धन चौहान करोड़ों की संपत्ति के मालिक है. उनके पास 1 करोड़ 03 लाख 63 हजार 766 रुपये की चल संपति है. साथ ही 12 करोड़ रुपये की अचल संपति के अलावा 45 लाख 18 हजार 600 रुपये की देनदारी है. इसके विपरीत शिलाई से भाजपा प्रत्याशी बलदेव तोमर 2 लाख 07 हजार 97 रुपये की चल संपति है. जबकि वह 1 करोड़ 66 लाख 32 हजार 500 रुपये की अचल संपति के मालिक भी है. वहीं, 4 लाख 03 हजार 346 रुपये की देनदारी भी उन पर है.

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भाजपा प्रत्याशी बलदेव तोमर

राजपूत बिरादरी ही बनाती है डिसाइडिंग फैक्टर: शिलाई सीट पर 40 से 50 प्रतिशत संख्या राजूपत बिरादरी की बताई जाती है. कांग्रेस के निवर्तमान विधायक हर्षर्धन चौहान व उनका परिवार भी राजपूत ही है. ऐसे में माना जाता है कि राजपूत बिरादरी ही इस सीट पर डिसाइडिंग फैक्टर साबित होती हैं. हालांकि यहां ब्राहमण व एसटी जातियों की भी अच्छी खासी संख्या है. इस सीट के इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो अब तक यहां के मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस व इससे जुड़े ठाकुर परिवार पर ही अधिकतर रहा है. हालांकि इस चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आमने-सामने की कड़ी टक्कर है.

पिछले दो चुनावों के नतीजे: 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान ने 29171 मत लेकर भाजपा प्रत्याशी बलदेव तोमर को शिकस्त दी थी. बलदेव तोमर को 25046 वोट पड़े थे. बेशक इस चुनाव में तोमर हार गए थे, लेकिन प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी. इन पांच सालों में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व बलदेव तोमर की दोस्ती के चर्चे भी मीडिया की सुर्खियों में रहे. इससे पहले 2012 के चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, तो यहां से बलदेव तोमर पहली बार कमल खिलाने में कामयाब हुए थे. इस चुनाव में बलदेव तोमर 23455 वोट लेकर विजयी रहे थे. जबकि हर्षवर्धन चौहान को 21537 वोट हासिल हुए थे.

सबसे अधिक मतदान शिलाई सीट पर: शिलाई विधानसभा क्षेत्र में कुल 75882 मतदाता है. इस चुनाव में सिरमौर जिले में सबसे अधिक मतदान प्रतिशतता शिलाई में ही दर्ज की गई. यहां पर 84.21 प्रतिशत मतदान हुआ. कुल मतदाताओं में से इस बार 63904 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसमें 34804 पुरुष व 29100 महिला मतदाताओं ने अपने वोट डाले. इससे पहले 2017 के चुनाव में भी जिले में इसी सीट पर सबसे अधिक मतदान दर्ज हुआ था. पिछले चुनाव में यहां 86.44 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. हालांकि अभी भारतीय सेना के पोस्टल बैलेट आना शेष है. ऐसे में शिलाई सीट पर इस चुनाव में भी मतदान प्रतिशतता में आंशिक रूप से बढ़त हो सकती है.

चुनाव में यह मुद्दे रहे हावी: शिलाई विधानसभा क्षेत्र का काफी हिस्सा गिरीपार क्षेत्र में आता है. ऐसे में यहां भाजपा प्रत्याशी बलदेव तोमर हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने का मुद्दा लगातार चुनाव प्रचार के दौरान जनता के बीच रखते रहे. साथ ही पांच सालों में विधायक न होने के बावजूद भी क्षेत्र में जयराम सरकार में किए गए अभूतपूर्व कार्यों को भी जनता के बीच रखा. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान ने भी क्षेत्र की जनता को यह बताते नजर आए कि हाटी के मुद्दे पर सभी ने लंबी लड़ाई लड़ी है. वहीं, उन्होंने कांग्रेस की 10 गारंटियों को भी लगातार जनता के बीच रखा. साथ ही क्षेत्र की अनदेखी का भी भाजपा सरकार पर आरोप लगाते रहे.

अमित शाह व प्रियंका गांधी बतौर स्टार प्रचारक पहुंचे: हर्षवर्धन व बलदेव दोनों ही प्रत्याशियों के लिए केंद्र स्तर से स्टार प्रचारक चुनावी प्रचार के लिए पहुंचे थे. सबसे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाटी अभिनंदन रैली के बहाने सतौन में चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इसके अगले ही दिन प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई. जवाब में कांग्रेस ने भी शिलाई के मुख्य द्वार सतौन में ही अपनी स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान में उतारा. प्रियंका गांधी ने यहां चुनाव प्रचार के अंतिम दिन हर्षवर्धन सहित जिले के अन्य कांग्रेसी प्रत्याशियों के लिए चुनावी जनसभा को संबोधित किया. वहीं इसी दिन एक बार फिर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पांवटा साहिब में रैली की और बलदेव तोमर सहित जिले के पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी जनसभा की.

अब तक रहे यह विधायक: 1957 से 1985 तक शिलाई विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान के पिता ठाकुर गुमान सिंह 7 बार विधायक व कैबिनेट मंत्री रहे. इसके बाद इस सीट से वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर हर्षवर्धन चौहान 5 बार विधायक बनकर विधानसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस बार कांग्रेस ने जीत का सिक्सर लगाने के इरादे से एक बार फिर हर्षवर्धन को ही यहां से चुनावी मैदान में उतारा है. इसके अलावा शिलाई से एक बार जनता दल के टिकट पर जगत सिंह नेगी विधायक रहे चुके हैं. 2012 में यहां पहली बार कमल खिला और बलदेव तोमर यहां से विधायक बने. इससे साफ है कि इस सीट पर कांग्रेस व इससे जुड़े ठाकुर परिवार का ही दबदबा कायम रहा है.

8 दिसंबर को होगा फैसला: कुल मिलाकर 8 दिसंबर को निकलने वाले चुनावी परिणाम ही यह तय करेंगे कि कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट को बरकरार रखती है या फिर यहां दूसरी बार भाजपा कमल खिलाने में कामयाब होती है. फिलहाल प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला यहां की जनता ईवीएम में कैद कर चुकी है.

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