हिमाचल में हो रही बर्फबारी बागवानी के लिए फायदेमंद, पूरे होंगे चिलिंग ऑवर्स, विशेषज्ञों ने दी ये सलाह

author img

By

Published : Jan 22, 2023, 12:59 PM IST

Updated : Jan 22, 2023, 1:08 PM IST

हिमाचल में हो रही बर्फबारी बागवानी के लिए फायदेमंद

हिमाचल प्रदेश में हो रही बर्फबारी सेब की पैदावार के लिए काफी फायदेमंद (Snowfall in Himachal is beneficial for Apple) है. हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी व बारिश फलदार पौधों के लिए संजीवनी साबित होगी. विशेष रूप से सेब के लिए यह बारिश काफी अधिक फायदेमंद है.

डेस्ट रिपोर्ट: हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी बागवानों के लिए फायदेमंद है. इससे सेब के फसल के लिए अनिवार्य चिलिंग ऑवर पूरे होने की उम्मीद है. बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज का कहना है कि बर्फबारी से सेब के बगीचों में लगने वाले रोग जैसे वूली एफिड, कैंकर और अन्य रस चूसक रोगों पर प्राकृतिक रूप से नियंत्रण होगा. उन्होंने बताया कि यह बर्फबारी सामयिक है. इससे बागवानों को काफी फायदा होगा.

डॉ. एसपी भारद्वाज बताते हैं, कि वैसे तो सेब के बगीचों में प्रूनिंग करने का सही समय फरवरी माह हैं, लेकिन बागवान अभी भी सेब के बगीचों में प्रूनिंग का काम शुरू कर सकते हैं. उन्होंने प्रूनिंग के बाद बागवानों को बगीचों में बोर्डो मिश्रण का छिड़काव करने की सलाह दी है. बोर्डो मिश्रण का छिड़काव करने के लिए बागवान 2 किलो नीला थोथा और 2 किलो चूने को 200 लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार कर सकते है.

फरवरी में करें बगीचों में प्रूनिंग.
फरवरी में करें बगीचों में प्रूनिंग.

डॉ.एसपी भारद्वाज का कहना है कि सेब की फसल के लिए किस्मों के हिसाब से एक हजार से 1400 तक चिलिंग ऑवर पूरे हाने अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि सेब के प्रदेश में न्यूनतत तापमान जब 7 डिग्री से नीचे आता है, तब बगीचों में चिलिंग की प्रक्रिया शुरू होती है. प्रदेश के कई स्थानों में तापमान में गिरावट तो आई है, लेकिन आने वाले दिनों में तापमान फिर से चढ़ जाएगा. मौसम विभाग आने वाले कुछ दिनों तक मौसम के साफ रहने का अनुमान जताया है. ऐसे में जब तक औसतन तापमान 7 डिग्री के आसपास न हो बगीचों में चिलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी. ऐसे में उन्होंने बागवानों को सलाह दी है कि बगीचों में अभी प्रूनिंग का कार्य शुरू न करे. पौधा अभी सुप्तावस्था में नहीं गया है, ऐसे में प्रूनिंग करने से फायदा नहीं बल्कि नुकसान होगा.

हिमाचल में हो रही बर्फबारी बागवानी के लिए फायदेमंद.
हिमाचल में हो रही बर्फबारी बागवानी के लिए फायदेमंद.

प्रूनिंग के दौरान पौधों को मिलने वाले घाव से जहां पौधा उभर नहीं पाएगा, तो वहीं पौधे में कैकर जैसी वूली एफिड जैसी बीमारियां पनपनी शुरू हो जाएगी. मार्च महीने में जब पौधों में रस संचार होना शुरू होगा, तो पौधा फलों के मिलने वाली शक्ति का प्रयोग घाव को भरने में प्रयोग करेगा. इसका फल के विकास पर भी प्रभाव पड़ेगा और फल की गुणवत्ता अच्छी नहीं बन पाएगी. ऐसे में उन्होंने बागवानों को सलाह दी है कि जनवरी के आखिरी माह और फरवरी माह से ही सेब के बगीचों में प्रूनिंग का काम शुरू करें.

बोर्डो मिश्रण.
बोर्डो मिश्रण.

अभी नहीं बनाए तौलिए: बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज ने बताया कि बागवान अभी बगीचों में तौलियें बनाने का काम न करें. क्योंकि आने वाले कुछ दिनों में फिर से बारिश बर्फबारी की संभावना है. इसके बाद तौलिए बनाने का काम शुरू कर सकते हैं. इसके अलावा बागवान बगीचों में गोबर की खाद व सुपर फास्फेट की खाद भी डाल सकते हैं. जिन बगीचों में पिछले साल सुपर फास्फेट की खाद नहीं डाली गई है, उनमें प्रति पौधा दो किला खाद और जिन बगीचों में पिछले वर्ष खाद डाली गइ हैं, उनमें एक किलों खाद प्रति पौधा के हिसाब से डाल सकते है. इसके अलावा कोई भी खाद बगीचों में न डालें.

तौलियों में मिलाएं सूखे पत्ते.
तौलियों में मिलाएं सूखे पत्ते.

तौलियों में मिलाएं सूखे पत्ते: सेब की पत्तियों को जलाने की बजाए अगर उसे तौलियों में दबा दिया जाए, तो इससे पौधों के लिए जरूरी जैविक आपूर्ति पूरी हो जाएगी. इससे पौधों को कई सूक्ष्म तत्व प्राप्त होगें. साथ ही साथ यह पौधों को कार्बन भी प्रदान करता है. बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज ने बताया कि ज्यादातर बागवान सेब की पत्तियों को जला देते हैं. ऐसा करने से पर्यावरण को ही नुकसान होगा, जबकि पत्तियों को दबाने से पौधों के लिए आवश्यक तत्व पूरे हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें: आज दिल्ली जाएंगे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रधानमंत्री सहित केंद्रीय नेताओं से करेंगे मुलाकात

Last Updated :Jan 22, 2023, 1:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.