शिमला नगर निगम को दिया चेक हुआ बाउंस तो लगेगा जुर्माना, वित्त कमेटी में लिया गया निर्णय

शिमला नगर निगम को दिया चेक हुआ बाउंस तो लगेगा जुर्माना, वित्त कमेटी में लिया गया निर्णय
Shimla Municipal Corporation: शिमला नगर निगम अब चेक बाउंस होने पर उपभोक्ता पर जुर्माना लगाएगा. अगर हाउस टैक्स, कूड़ा बिल का भुगतान चेक से किया गया और यब बाउंस होता है तो निगम संबंधित उपभोक्ता पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाएगा. पढ़िए पूरी खबर...
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में नगर निगम को दिया चेक अगर बाउंस होता है तो, अब 1000 रुपये की पेनल्टी लगेगी. नगर निगम शिमला को लोग अक्सर भवन पर संपत्ति कर, कूड़े के बिल से लेकर अन्य तरह का भुगतान चेक के माध्यम से कर देते थे. इनमें से कुछ चेक बाउंस हो जाते थे. इसके बावजूद निगम इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाता था. बैठक में निगम की आय बढ़ाने को लेकर मेयर व डिप्टी मेयर के संम्मेलन में आये प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई. शहर में खाली पड़ी जमीनों का रिकॉर्ड भी निगम ने तलब किया है.
शिमला नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा निगम की वित्त कमेटी की बैठक में यह प्रस्ताव लाया गया कि नगर निगम को यदि भविष्य में कोई चेक देता और चेक बाउंस हो जाता है तो, प्रति चैक 100 रुपये पेनल्टी लगाई जाएगी. साथ ही चेक की राशि का एक फीसद जुर्माने के रूप में वसूलने की व्यवस्था की है. जुर्माने की अधिकतम राशि 1000 रुपये से ज्यादा नहीं होगी.
उन्होंने कहा शहर में बैंच लगाने, व्हील चेयर और सड़कों को खुला करने के लिए 60 लाख रुपए का एस्टीमेट भी पास किए गए हैं. इन सब के लिए फंडिंग सतलुज जल विद्युत निगम के माध्यम से नगर निगम को दी जानी है. उन्होंने कहा यह मसला जल विद्युत निगम प्रबंधन के समक्ष उठाया गया था. प्रबंधन ने पत्र भेजकर निगम से एस्टीमेट की मांग की है. इसमें निगम प्रबंधन से एस्टीमेट मांगे हैं, ताकि इन कार्यों को करवाया जा सके.
महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा बीते दिनों आयोजित किए गए मेयर और डिप्टी मेयर के सम्मेलन में आए प्रस्ताव को वित्त कमेटी ने मंजूरी दे दी है. अब शनिवार को होने वाली निगम की मासिक बैठक में यह प्रस्ताव लाया जाना है. ताकि इस पर सभी पार्षदों की सहमति बने और उसे शहर में लागू किया जा सके. उन्होंने कहा निगम की आय को बढ़ाने के लिए खाली पड़ी जमीन का पूरा प्रस्ताव निगम की बैठक में लाने के लिए कहा गया है. साथ ही पार्षदों को भी निर्देश दिए हैं कि वे भी कम से पूरा प्रस्ताव खाली जमीन का निगम की बैठक के लिए भेजे.
