हिमाचल में धूमधाम से मनाई गई लोहड़ी, अलाव जलाकर ढोल नगाड़ों पर झूमे लोग
Updated on: Jan 13, 2023, 10:05 PM IST

हिमाचल में धूमधाम से मनाई गई लोहड़ी, अलाव जलाकर ढोल नगाड़ों पर झूमे लोग
Updated on: Jan 13, 2023, 10:05 PM IST
हिमाचल प्रदेश में लोहड़ी धूमधाम से मनाई गई. इस दौरान लोगों ने "सुंदर मुंदरिए हो तेरा कौन विचारा हो" पारंपरिक लोहड़ी गीत गाकर खूब जश्न मनाया. शिमला में राम बाजार से लेकर लोअर बाजार और शेर-ए-पंजाब तक लोगों ने जगह-जगह लोहड़ी जलाई. (Lohri festival celebrated in Shimla)
शिमला: राजधानी शिमला में लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया गया. शाम के समय अलाव जलाकर मूंगफली और रेवड़ियां बांटीं गई. बच्चों की टोलियों ने भी जमकर मस्ती की. इस कारण शहर में कई जगहों पर देर रात पर डीजे पार्टी चली. इस दौरान अलाव जलाया गया और एक दूसरे को लोहड़ी की शुभकामनाएं दीं. शुक्रवार सुबह से ही लोग एक दूसरे को गजक, मूंगफली और रेवड़ी बांटकर बधाइयां दे रहे थे. (Lohri festival celebrated in Shimla)
मुख्यमंत्री सुखविंद सिंह सुक्खू ने भी शिमला में लोगों के साथ लोहड़ी का पर्व मनाया. उन्होंने सभी को लोहड़ी पर्व भी बधाई दी. इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान समेत अन्य मौजूद रहे. लोअर बाजार, मालरोड, विकासनगर, न्यू शिमला, कसुम्पटी और संजौली में भी लोहड़ी धूमधाम से मनाई गई. गंज बाजार और लोअर बाजार समेत आसपास के इलाकों तथा होटलों में भी अलाव जलाए गए. बाहरी राज्यों से आए पंजाबी पर्यटकों ने भी खूब मस्ती की. वह ढोल की थाप पर जमकर थिरके. इसके अतिरिक्त राधा कृष्ण गंज मंदिर, मिडल बाजार शिव मंदिर और कालीबाड़ी मंदिर में भी दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा रहा.
इसलिए मनाते हैं लोहड़ी: लोहड़ी फसल की बुवाई और कटाई से जुड़ा एक खास पर्व है. इस अवसर पर नई फसल की पूजा की जाती है. लोहड़ी की अग्नि में रबी की फसल के तौर पर तिल, रेवड़ी, मूंगफली, गुड़ आदि चीजें अर्पित की जाती हैं. इस दिन लोग सूर्य देव और अग्नि देव, इंद्र देव का आभार व्यक्त करते है, जिससे कि फसल अच्छी उत्पन्न हो.
मकर संक्राति पर घी के साथ खिचड़ी खाने की मान्यता: वहीं, लोहड़ी से अगले दिन लोग मकर संक्राति मनाते हैं. इस दिन तीर्थ स्थलों में जाकर पवित्र स्नान किया जाता है. इस त्योहार का सीधा संबध सूर्य के मकर राशि में प्रवेश से होता है. सूर्य स्वयं आग व शक्ति के कारक हैं, इसलिए अग्रि की पूजा की जाती है. इस अवसर पर प्रदेश के लोग पारंपरिक तरीके से अन्न की पूजा कर इसका दान करते हैं. मकर संक्रांति पर्व पर तिल, गुड़ और मूंगफली का विशेष महत्व होता है. सर्दियों के समय आने वाले इस त्योहार में घी के साथ खिचड़ी खाने की मान्यता है. इस अवसर पर धार्मिक स्नान करने का भी महत्व रहता है.
मंडी में लोहड़ी पर्व पर प्रवासी मजदूरों के बच्चों को उपहार व कंबल: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मंडी जिले की ओम साईं सेवा समिति (Om Sai Seva Samiti) ने नेहरू युवा केंद्र मंडी और पुष्कर फाउंडेशन के साथ मिलकर डडौर में लोहड़ी के पावन अवसर पर कार्यक्रम किया. जिसमें झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले प्रवासी बच्चों के साथ लोहड़ी मनाई. इस दौरान बच्चों को मुंगफलियां, रेवड़ियां, उपहार और कंबल के साथ गर्म कपड़े भी बांटे गए. कार्यक्रम में इन बच्चों को और उनके माता-पिता को शिक्षा के प्रति और नशे के दुष्परिणामों के प्रति भी जागरूक किया गया. (Lohri festival celebrated in mandi)
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