Himachal Statehood Day:सफलता के आसमान से बातें कर रहा हिमाचल, 5 दशक के सफर में बनाए कई रिकॉर्ड

Himachal Statehood Day:सफलता के आसमान से बातें कर रहा हिमाचल, 5 दशक के सफर में बनाए कई रिकॉर्ड
आज हिमाचल प्रदेश अपना 53वां पूर्ण राज्यत्व दिवस मना रहा है. इन 53 वर्षों में हिमाचल के नाम कई बड़ी उपलब्धियां रही हैं. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Pradesh Statehood Day 2023) (Achievements of Himachal)
शिमला: हिमाचल प्रदेश छोटा पहाड़ी राज्य है, लेकिन विकास के मामले में ये सफलता के आसमान से बातें कर रहा है. पूर्ण राज्य का दर्जा हसिल करने के बाद पांच दशक से भी अधिक के सफर में हिमाचल ने कई रिकॉर्ड अपने नाम लिखे हैं. वर्ष 1948 में 15 अप्रैल को हिमाचल का गठन हुआ था. उसके बाद वर्ष 1971 में 25 जनवरी को इसे देश के 18वें राज्य के तौर पर दर्जा दिया गया. अब हिमाचल अपने पूर्ण राज्यत्व के 53वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. हिमाचल के गठन के समय यहां कुल 228 किलोमीटर सड़कें थीं, लेकिन अब सड़कों की लंबाई चालीस हजार किलोमीटर हो गई है.
विकास की इस यात्रा में हिमाचल की सभी सरकारों का योगदान रहा है. हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार से लेकर मौजूदा सीएम सुखविंदर सिंह के दौर में विकास की गाड़ी निरंतर आगे बढ़ रही है. यदि हिमाचल प्रदेश की उपलब्धियों पर नजर डालें तो हर प्रदेशवासी गर्व की अनुभूति कर सकता है. देश की रक्षा करने वाले जांबाजों से लेकर देश व प्रदेश के स्वास्थ्य की रक्षा करने वाले डॉक्टर्स ने अपनी प्रतिभा से सबको चमत्कृत किया है. हिमाचल के वीर मेजर सोमनाथ शर्मा को भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता होने का गौरव मिला.
करगिल युद्ध में हिमाचल के दो सपूतों कैप्टन विक्रम बत्रा (सर्वोच्च बलिदान उपरांत) व सिपाही संजय कुमार (अब सूबेदार मेजर) को परमवीर चक्र हासिल हुआ. चीन के साथ युद्ध में अदम्य साहस के लिए मेजर धनसिंह थापा को परमवीर चक्र मिला था. देश की सेहत की बात करें तो हिमाचल के डॉक्टर्स भारत के टॉप मोस्ट हेल्थ इंस्टीट्यूट की कमान संभाल चुके हैं. इस कड़ी में डॉ. रणदीप गुलेरिया, डॉ. जगतराम, डॉ. टीएस महंत, डॉ. राजबहादुर का नाम उल्लेखनीय है.
कोविड से लड़ाई में हिमाचल के ही डॉक्टर वीके पाल की रणनीति काम आई थी. वे नीति आयोग के सदस्य हैं और विश्व के माने हुए बालरोग विशेषज्ञ हैं. हिमाचल के युवा डॉक्टर अरुण शर्मा कार्डियोवैस्कुलर रेडियोलॉजी एंड एंडोवस्कुलर इंटरवेंशन (सीवीआर एंड ईआई) में सुपर स्पेशलाइजेशन यानी डीएम डिग्री पाने वाले भारत के पहले डॉक्टर हैं. महज 38 साल की आयु में ये प्रतिष्ठित सुपर स्पेशलाइजेशन डिग्री करने वाले डॉ. अरुण शर्मा किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं.
हिमाचल को इन उपलब्धियों पर है नाज-
- ई-विधानसभा वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश ई-कैबिनेट, ई-बजट पेश करने वाला भी देश का पहला राज्य है.
- हिमाचल प्रदेश देश का पहला धुआं मुक्त राज्य है. यहां हर घर में गैस का चूल्हा है.
- करीब सात साल पहले हिमाचल प्रदेश देश का पहला ओडीएफ स्टेट बन चुका है.
- ग्रीन कवर बढ़ाकर कार्बन क्रेडिट हासिल करने वाला हिमाचल एशिया का पहला राज्य है.
- हिमाचल प्रदेश ने देश के शीत मरुस्थल लाहौल-स्पीति में नल से जल पहुंचा दिया है. हिमाचल हर घर को नल से जल देने वाला देश का पहला राज्य बनने की दिशा में है.
- हिमाचल में देश का पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू हो चुका है.
- बर्फानी तेंदुए व इसका शिकार बनने वाले जानवरों का अध्ययन करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है.
- हिमाचल प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन साठ साल से ही शुरू हो जाती है.
- कैंसर व अन्य ब्लड डिसऑर्डर सहित गंभीर रूप से बीमार मरीजों को हिमाचल सरकार हर माह तीन हजार रुपए की आर्थिक सहायता देती है. ऐसी योजना शुरू करने वाला देश का पहला राज्य.
- शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल देश के अग्रणी राज्यों की कतार में है. हिमाचल की साक्षरता दर 86 फीसदी से अधिक है. यहां एम्स सहित आईआईएम, आईआईटी, ट्रिप्पल आईटी, हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज सहित छह मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं.
- हिमाचल प्रदेश कोरोना संकट के समय सौ फीसदी कोरोना वैक्सीन की डोज देने वाला देश का पहला राज्य बना. हिमाचल ने कोरोना की एक भी डोज बर्बाद नहीं की.
- हिमाचल में प्रति व्यक्ति सबसे अधिक स्वास्थ्य संस्थान हैं. सेहत पर सबसे अधिक खर्च करने वाला भी हिमाचल देश का अव्वल राज्य है. हिमाचल में चार हजार से अधिक स्वास्थ्य संस्थान हैं. हिमाचल में प्रति व्यक्ति बैंक शाखाओं का औसत देश में सबसे अधिक है.
- हिमाचल प्रदेश एशिया का फार्मा हब कहलाता है. यहां सालाना 45 हजार करोड़ रुपए का दवा उत्पादन होता है.
हिमाचल के खास आकर्षण- हिमाचल प्रदेश पर्यटन के स्वर्ग के तौर पर पहचान रखता है. यहां साल भर में पौने दो करोड़ सैलानी घूमने के लिए आते हैं. हिमाचल को देश का एप्पल स्टेट कहा जाता है. इसके अलावा हिमाचल देश का उर्जा राज्य भी है. प्रदेश की आबादी सत्तर लाख से अधिक है. यहां की जागरूक जनता की पहचान है कि चुनाव में मतदान प्रतिशत 70 फीसदी से अधिक ही रहता है. यहां चुनाव में हिंसा की खबर नहीं आती. शांतिपूर्ण चुनाव के लिए हिमाचल देश के लिए आदर्श राज्य कहलाता है.
चुनौतियां अभी भी कम नहीं- हिमाचल प्रदेश के पास खुद के आर्थिक संसाधन बहुत कम हैं. राज्य अपने यहां विकास कार्यों के लिए ज्यादातर केंद्र सरकार की मदद पर निर्भर है. हिमाचल प्रदेश पर करीब 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है. यहां आठ लाख से अधिक बेरोजगार युवा हैं. रोजगार के साधनों का सृजन करना बड़ी चुनौती है. हिमाचल प्रदेश में डॉ. वाईएस परमार, रामलाल ठाकुर, वीरभद्र सिंह, शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल, जयराम ठाकुर के बाद अब सुखविंदर सिंह ठाकुर मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं.
हिमाचल में शांता कुमार को नल वाले सीएम, प्रेम कुमार धूमल को सड़कों वाले सीएम और जयराम ठाकुर को पेंशन वाले सीएम कहा जाता है. वीरभद्र सिंह को विकास पुरुष की संज्ञा दी गई है. मौजूदा सीएम सुखविंदर सिंह का फोकस बेसहारा लोगों की सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा पर अधिक है. उन्हें ओपीएस वाला सीएम भी कहा जाने लगा है. हिमाचल प्रदेश बुधवार को अपने पूर्ण राज्यत्व के 53वें वर्ष में प्रवेश का जश्न मना रहा है.
ये भी पढ़ें: Himachal Statehood Day: 28 रियासतों के राजाओं ने छोड़ा था शासन, जानें हिमाचल के नामकरण की कहानी
