दिसंबर के अंत में होगा हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र, सरकार ने विधान सभा को भेजा प्रस्ताव

दिसंबर के अंत में होगा हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र, सरकार ने विधान सभा को भेजा प्रस्ताव
Himachal Assembly Winter Session: हिमाचल प्रदेश का शीतकालीन सत्र दिसंबर के अंत में होगा. इसके लिए प्रदेश सरकार से शीतकालीन सत्र का प्रस्ताव विधानसभा सचिवालय को भेज दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर..
शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र हर साल की तरह इस बार भी धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा में होगा. जिसके लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा पूरी तरह से तैयार है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से शीतकालीन सत्र करवाने के लिए दो प्रस्ताव विधानसभा सचिवालय को भेजे गए हैं.
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने बताया कि शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार की ओर से जिन दो तारीखों का प्रस्ताव मिला है. जिनकी तिथियां 11 से 17 दिसंबर और दूसरा 18 दिसंबर से 25 दिसंबर है. कुलदीप पठानिया ने कहा कि अब प्रदेश सरकार की मर्जी है कि वह कब हिमाचल प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र को करवाना चाहती है. उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र का आयोजन कैलेंडर वर्ष में ही करवाना होता है, क्योंकि 2024 फरवरी में तो हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र होना है. जिसमें प्रदेश सरकार के 1 साल का लेखा जोखा महामहिम राज्यपाल द्वारा अपने अभिभाषण में प्रस्तुत किया जाता है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश विधानसभा का ये सत्र 18 दिसंबर से 25 दिसंबर तक होने की पूरी संभावना है.
गौरतलब है कि हिमाचल में कांग्रेस की सुखविंदर सुक्खू सरकार को दिसंबर में एक साल भी हो जाएगा. 11 दिसंबर 2022 को सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. आगामी शीतकालीन सत्र में सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी तैयारी की है. विपक्ष सरकार को चुनावी वादे याद दिलाता रहा है. दरअसल कांग्रेस ने चुनाव के दौरान हिमाचल की जनता से 10 बड़े वादे किए थे इनमें से ओपीएस का वादा छोड़ सरकार कोई भी वादा पूरा नहीं कर पाई है. जिसे लेकर बीजेपी ने झंडा बुलंद किया हुआ है.
वहीं सरकार के मुताबिक ये वादे सरकार के 5 सालों के कार्यकाल के लिए किए गए हैं. हालांकि सरकार के पास भी विपक्ष को घेरने का मौका है. इस साल आपदा में हिमाचल को काफी नुकसान हुआ है. सरकार की मानें तो प्रदेश को करीब 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. हिमाचल सरकार की ओर से केंद्र सरकार को इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की थी लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है. हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार से स्पेशल पैकेज की मांग भी की थी लेकिन केंद्र से कोई मदद ना मिलने के कारण कांग्रेस नेता हिमाचल के बीजेपी नेताओं पर हमलावर हैं. कुल मिलाकर इस सत्र में हंगामे के आसार हैं और सत्ता से लेकर विपक्ष ने अपनी-अपनी तैयारी कर ली है.
