निर्वाचन आयोग का मिशन 277 सफल! इन मतदान केंद्रों पर बंपर वोटिंग

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Published : Nov 16, 2022, 10:01 PM IST

Updated : Nov 17, 2022, 2:42 PM IST

voter turnout increased

निर्वाचन आयोग ने इस बार उत्सव (यूनिवर्सल ट्रांसपेरेंट इलेक्शन थ्रू सिस्टमिक अवेयरनेस ऑफ वोटर्स) और मतदाता जागरूकता गतिविधियों (स्वीप) के तहत इन केंद्रों के लिए मिशन 277 अभियान लांच किया था. इसका नतीजा रहा है कि इस बार इन मतदान केंद्रों में 6 प्रतिशत की वृद्धि मतदान में दर्ज की गई है. (Election Commission Mission 277)

शिमला: हिमाचल में विधानसभा चुनाव में अबकी बार अधिक मतदान हो इसके लिए निवार्चन आयोग ने उन मतदान केंद्रों को चिन्हित किया, जहां पिछली बार मतदान कम रहा है. 2017 के चुनाव में 277 ऐसे मतदान केंद्र मिले जहां पर मत प्रतिशत कम रहा था. निर्वाचन आयोग ने इस बार उत्सव (यूनिवर्सल ट्रांसपेरेंट इलेक्शन थ्रू सिस्टमिक अवेयरनेस ऑफ वोटर्स) और मतदाता जागरूकता गतिविधियों (स्वीप) के तहत इन केंद्रों के लिए मिशन 277 अभियान लांच किया था. इन केंद्रों में मतदान सुधारने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने के साथ कई कदम उठाए गए. (mission 277) (Campaign of Election Commission)

इसका नतीजा रहा है कि इस बार इन मतदान केंद्रों में 6 प्रतिशत की वृद्धि मतदान में दर्ज की गई है. 277 में से 198 मतदान केंद्रों में उच्च मतदाता प्रतिशतता दर्ज की गई. 57 केंद्रों में 10 प्रतिशत से अधिक, 10 केंद्रों में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इसी तरह दो मतदान केंद्रों पर 30 प्रतिशत से अधिक, दो मतदान केंद्रों पर 40 प्रतिशत, जबकि चार मतदान केंद्रों पर 50 प्रतिशत से अधिक मतदान प्रतिशतता दर्ज की गई.

सफल हुआ निर्वाचन आयोग का मिशन 277.

चंबा के टपून में पिछले मुकाबले 68 फीसदी ज्यादा वोटिंग: हिमाचल में जिन चार मतदान केंद्रों पर पिछले मुकाबले 50 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई है, उनमें पहले स्थान पर चंबा विधानसभा क्षेत्र का टपून मतदान केंद्र हैं. यहां पिछले चुनाव के मुकाबले अबकी बार 68 फीसदी अधिक वोटिंग हुई है. इस मतदान केंद्र पर 2017 में मात्र 10.43 फीसदी वोटिंग हुई थी, लेकिन अबकी बार 78.43 फीसदी वोटिंग हुई है, जो कि राज्य के औसत से ज्यादा है. यहां पर कुल 737 वोटरों में से 578 ने वोटिंग की है. इस तरह यहां वोटिंग प्रतिशत करीब 68 फीसदी बढ़ी है.

भटियात के भटान- टोरी मतदान केंद्र में भी अबकी बार पिछले मुकाबले 51.24 फीसदी वोट अधिक बढ़ा है. यहां 2017 के चुनाव में मात्र 2.2 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि अबकी बार यहां पर 53.44 फीसदी वोटिंग हुई है. यहां कुल 189 वोटरों में से 101 ने वोटिंग की.

Election Commission Mission 277
मतदान केंद्रों पर पोलिंग प्रतिशत बढ़ा

कांगड़ा जिला के ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ने वाले वलाह (भलाह-1) मतदान केंद्र पर अबकी बार 51.75 फीसदी अधिक मतदान हुआ है. 2017 के चुनाव में इस मतदान केंद्र पर 17.48 फीसदी वोट ही पड़े थे, लेकिन अबकी बार 69.23 फीसदी वोटिंग यहां पर हुई है. कुल 325 वोटरों में से 225 ने अपने मताधिकार का इस्तेमला किया है.

धर्मपुर के चतरौण-बन्ह मतदान केंद्र पर पिछले चुनाव की मुकाबले 57.1 फीसदी अधिक वोट पड़े हैं. इस मतदान केंद्र पर पिछली बार मात्र 0.18 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि इस बार 57.19 फीसदी हुई है. कुल 517 वोटरों में से 398 ने अपने मत का इस्तेमाल किया है.

इन मतदान केंद्रों में 40 फीसदी से अधिक वोटिंग: मंडी जिला के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के दो मतदान केंद्रों पर पिछले चुनाव की तुलना में अबकी बार 40 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई है. यहां के घनाला मतदान केंद्र पर 2017 में मात्र 10.74 फीसदी वोटिंग हुई थी, लेकिन अबकी बार 58.83 फीसदी वोटिंग हुई है. अबकी बार कुल 418 वोटरों में से 225 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

इसी तरह संधोल-लसराना मतदान केंद्र पर 42.92 फीसदी अधिक वोटिंग इस बार हुई है. 2017 के चुनाव में यहां पर 34.06 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि इस बार यहां 76.98 फीसदी वोटिंग हुई है. कुल 517 वोटरों में से 398 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

दो मतदान केंद्रों पर 30 फीसदी से मतदान: दो मतदान केंद्रों पर पिछली बार की तुलना में 30 फीसदी से अधिक मतदान प्रतिशत बढ़ा है. धर्मपुर के संधोल (पंचायतघर) मतदान केंद्र में इस बार 37.95 फीसदी अधिक वोटिंग हुई है. संधोल में पिछली बार 28.13 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि इस बार 66.08 फीसदी वोटिंग हुई है. कुल 964 वोटरों में से 637 ने अपने मत का इस्तेमाल किया.

सोलन के चिलारी बूथ पर इस बार 81 फीसदी वोट पड़े जबकि पिछली बार यहां पर 51.33 फीसदी वोटिंग हुई थी. कुल 296 वोटरों में से 242 ने वोटिंग की. इस तरह 30.43 फीसदी अधिक वोटिंग अबकी बार हुई है.

कम मतदान के कारण ढूंढकर ये कदम उठाए: मुख्य निवार्चन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा है कि 277 मतदान केंद्रों की पहचान के बाद इनमें हुए कम मतदान के कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत विश्लेषण किया गया. प्रवासी आबादी, स्थानीय मुद्दों के कारण चुनावों का बहिष्कार, युवा एवं शहरी उदासीनता और अन्य राज्यों से संबंधित केंद्र सरकार के कर्मचारियों की मतदान के प्रति उदासीनता कुछ कारण इसके पाए गए. इसके अतिरिक्त अन्य राज्यों में काम कर रहे हिमाचल के मतदाता, प्रतिकूल मौसम की स्थिति, शादियों का आयोजन और चुनाव के दौरान फसल कटाई का समय जैसे भी अन्य प्रमुख कारण थे जो कि कम मतदान प्रतिशत के कारण बनते रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग ने 2022 के विधानसभा चुनाव में जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए, जबकि विभिन्न स्तरों पर नियमित बैठकें करने के अतिरिक्त जिला चुनाव अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों, वरिष्ठ अधिकारियों और खंड स्तर के अधिकारियों ने संबंधित क्षेत्रों के व्यक्तिगत दौरे किए. इसके साथ ही बूथ स्तर पर मतदाताओं को जागरूक करने के विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई और साक्षरता क्लबों, चुनाव पाठशालाओं की सक्रियता से भी लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया गया, ताकि कम मत प्रतिशतता वाले इन मतदान केंद्रों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने कहा कि लगातार प्रयासों से मिशन-277 के तहत चिन्हित 277 मतदान केंद्रों पर मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

Last Updated :Nov 17, 2022, 2:42 PM IST
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