मंडी के बदन और कंडयालु स्कूल के भवन की हालत जर्जर, खतरे में नौनिहाल और चिंता में अभिभावक

मंडी के बदन और कंडयालु स्कूल के भवन की हालत जर्जर, खतरे में नौनिहाल और चिंता में अभिभावक
राजकीय प्राथमिक पाठशाला बदन और राजकीय प्राथमिक पाठशाला कंडयालु का भवन गिरने के कगार पर है. ऐसे में नौनिहाल खतरे के साये में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. क्या है मामला पढ़ें खबर...(Govt Primary School Kandayalu) (Govt Primary School Badan)
मंडी: सरकारों द्वारा स्कूलों में बेहतर शिक्षा व सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. प्रदेश में सैकड़ों ऐसे स्कूल आज भी अध्यापकों की कमी से जूझ रहे हैं और उनके भवन भी जर्जर हो गए हैं. जोगिंदरनगर उपमंडल के तहत पड़ने वाले राजकीय प्राथमिक पाठशाला बदन और राजकीय प्राथमिक पाठशाला कंडयालु का भवन गिरने के कगार पर है. प्राथमिक पाठशाला बदन के दो ही कमरे हैं और वह भी जर्जर हालत में है.
हालात यह है कि नर्सरी से प्राइमरी तक की कक्षाएं एक ही कमरे में चलानी पड़ रही हैं. एक कमरे की छत का प्लास्टर अपने आप टूटकर नीचे गिर रहा है. एक बार तो उस समय प्लास्टर टूटकर नीचे गिरा जब बच्चों को बरामदे में बिठाया गया था. स्कूल में लगभग 30 के करीब बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है.
पंचायत समिति सदस्य गुम्मा भुवनेश्वर जम्वाल ने बताया कि बदन स्कूल के भवन के लेंटर की जर्जर हालत है. कमरे की छत कभी भी गिर सकती है. अभिभावकों ने स्थानीय विधायक व प्रदेश सरकार से मांग की है की भवन निर्माण हेतु शीघ्र बजट का प्रावधान किया जाए. वहीं, राजकीय प्राथमिक पाठशाला कंडयालुका भवन भी खस्ताहाल में है. जहां बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं हर समय हादसे का डर भी बना हुआ है. स्कूल में मात्र दो ही कमरे हैं. एक कमरा स्टाफ के लिए और एक बच्चों के लिए. ऐसे में एक ही कमरे में सभी बच्चों को शिक्षा दी जा रही है.
वहीं, जब इस बारे में प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक अमरनाथ राणा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जानकारी मिली है कि राजकीय प्राथमिक पाठशाला बदन और राजकीय प्राथमिक पाठशाला कंडयालु दोनों स्कूल भवन जर्जर हो चुके हैं. जहां भवन के लेंटर से प्लास्टर उखड़ रहा है. स्कूल प्रबंधन द्वारा ऐहतियातन सुरक्षा को लेकर एक कमरे में ही 5 कक्षाएं लगाई जा रही हैं. उन्होंने बताया कि शिक्षा निदेशालय को इस बारे में अवगत करवाया गया है. जैसे ही बजट का प्रावधान होगा प्राथमिकता के आधार पर जर्जर स्कूलों की हालत को सुधारा जाएगा.
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