Himachal News: सऊदी अरब में काम कर रहे बल्ह घाटी के 49 वर्षीय व्यक्ति की मौत, 10 दिन बीत जाने के बाद भी भारत नहीं भेजा गया शव

Himachal News: सऊदी अरब में काम कर रहे बल्ह घाटी के 49 वर्षीय व्यक्ति की मौत, 10 दिन बीत जाने के बाद भी भारत नहीं भेजा गया शव
मंडी के जड़ोली गांव में परिवार की दयनीय स्थिति सुधारने विदेश गये 49 वर्षीय लालमन की हार्ट अटैक से मौत हो गयी. वहीं, मौत को 10 दिन बीत जाने के बाद भी शव को वापस भारत नहीं भेजा गया है. मृतक के परिजनों ने उपायुक्त से शव को जल्द घर पहुंचाने की गुहार लगाई है. पढ़ें पूरी खबर.. (Man From Balh Valley Dies In Saudi Arabia) (Himachal News)
मंडी: रोजगार के सिलसिले में सऊदी अरब में रह रहे बल्ह घाटी के जड़ोली गांव निवासी 49 वर्षीय लालमन की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि लालमन सउदी अरब में बीते 6 वर्षों से रह रहा था. हैरत है कि लालमन की मौत को 10 दिन बीत जाने के बाद भी उसके परिजनों को कंपनी प्रबंधन की तरफ से कोई सूचना नहीं दी गई है और न ही उसके शव को वापस भारत भेजा जा रहा है. बता दें, परिजनों को लालमन के मृत होने की सूचना उसके सहयोगी द्वारा फोन पर दी गई है.
दरअसल, मृतक के परिजनों ने उपायुक्त अरिंदम चौधरी के समक्ष भी यह मामला उठाया है और शव को जल्द घर पहुंचाने की गुहार लगाई है. इस मामले में कंपनी प्रबंधन की तरफ से भी कुछ साफ न होने पर परिजन चिंतित हैं. दरअसल, लालमन पिछले छह वर्षों से सउदी अरब में नौकरी के चलते रह रहा था. यहां वह एक कंपनी में बतौर मैकेनिक कार्यरत था. लालमन के बेटे मुकेश ने बताया कि बीती 10 सितंबर को उन्हें पिता के एक सहयोगी का फोन आया और उन्हें बताया कि उनके पिता का निधन हार्ट अटैक से हो गया है. जबकि कंपनी की तरफ से अभी तक उन्हें इस तरह की कोई सूचना नहीं दी गई है और न ही उनका कंपनी से संपर्क हो पा रहा है.
पिता के मोबाइल से नहीं हो पा रहा संपर्क: कंपनी प्रबंधन को मैसेज करने पर भी कोई जवाब नहीं मिल पाया है. इसी बीच बीते चार पांच दिनों से उनके पिता का मोबाइल भी काम नहीं कर रहा है. ऐसे में परिजन सदमे में हैं और कुछ समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या किया जाए. फिलहाल परिजनों ने उपायुक्त से गुहार लगाई है कि पार्थिव देह को वापस लाने में सहयोग किया जाए. बता दें कि लालमन के परिवार में दो बेटे, पत्नी और बूढ़ी मां है. लालमन के निधन की खबर से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. इसी बीच शव भी अभी तक भारत न पहुंचने से परिजन परेशान हैं. परिजनों का अब सहयोगी से भी सही तरीके से संपर्क नहीं हो पा रहा है.
