कुल्लू में चिट्टा बना पुलिस महकमे के लिए सिर दर्द, साल 2022 में 1.164 KG चिट्टा बरामद
Updated on: Jan 23, 2023, 3:33 PM IST

कुल्लू में चिट्टा बना पुलिस महकमे के लिए सिर दर्द, साल 2022 में 1.164 KG चिट्टा बरामद
Updated on: Jan 23, 2023, 3:33 PM IST
हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में लगातार नशे का काला कारोबार बढ़ रहा है. जिसमें महिलाएं और विदेशी लोग भी शामिल हैं. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Drug cases in Kullu in 2022) (Drug smuggling in Kullu)
कुल्लू: देश दुनिया में अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर जिला कुल्लू जहां पहले चरस के काले कारोबार के लिए भी बदनाम था. तो वहीं, अब चिट्टे का कारोबार भी कुल्लू का नाम खराब कर रहा है. हालांकि कुल्लू पुलिस लगातार नशे के कारोबार पर नकेल कस रही है, लेकिन आए दिन चरस व चिट्टे की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है. अब पुलिस महकमे के लिए चिट्टा सबसे सर दर्द बना हुआ है. जिला कुल्लू में चिट्टे का कारोबार काफी फैल चुका है.
हैरानी की बात ये है कि नशे के इस काले कारोबार में महिलाएं भी शामिल हैं. शराब और भांग के अलावा महिलाएं चरस, चिट्टे की भी सप्लाई कर रही है. कुल्लू पुलिस ने वर्ष 2022 में 13 महिलाओं को नशे की तस्करी करने पर गिरफ्तार किया है. इसके अलावा नशे के कारोबार में छह विदेशी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक चरस, अफीम, भांग, स्मैक, नशीली गोलियों के बजाय अब चिट्टे का कारोबार सबसे ज्यादा बढ़ रहा है.
184 मामले दर्ज 249 गिरफ्तार- कुल्लू जिला में पुलिस ने वर्ष 2022 में नशा तस्करी करने वालों के 184 मामले दर्ज कर 249 तस्करों को गिरफ्तार किया है. इसमें 13 महिलाएं, 11 नेपाली मूल और छह विदेशी तस्कर शामिल हैं.
11 करोड़ रुपए की चरस की बरामद- वर्ष 2022 में पुलिस ने 115.608 किलोग्राम चरस बरामद की है. इसकी बाजार में 11 करोड़ रुपए से अधिक कीमत है. ऐसे में लगातार चरस का कारोबार जिले में हो रहा है. कोरोना काल को छोड़ चरस तस्करी करने का सिलसिला लगातार जारी है.
1.2 करोड़ का पकड़ा चिट्टा- पुलिस ने 1.164 किलोग्राम चिट्टा बरामद कर छह विदेशियों को सलाखों के पीछे धकेला है. इसकी बाजार में 1.2 करोड़ रुपए से अधिक की कीमत है. लगातार चिट्टे का कारोबार बढ़ता देख अब आम जन भी परेशान है. इसके अलावा पप्पी स्ट्रा 50.308 किलोग्राम, एमडीएम 18.108 ग्राम, ब्राउन शुगर 13 ग्राम, पुलिस ने बरामद की है.
इन जगहों पर होती है नशे की पैदावार- प्रदेश के कुल्लू, मंडी, धर्मशाला, कसोल, मणिकर्ण, बंजार वैली, अपर शिमला के इलाकों में भांग (चरस) और पोस्त खेती अधिक मात्रा में होती है. इसके अलावा मणिकर्ण, ऊझी घाटी के बामतट, बंजार, आनी के लुहरी व कांडूगाड़ चरस तस्करी के लिए संवेदनशील है. पुलिस लगातार नशा तस्करी पर रोकथाम का कार्य कर रही है. चिट्टा गंभीर समस्या है. इससे निपटने के लिए पुलिस ने योजना तैयार की है. इसके लिए आम जन का सहयोग अपेक्षित है.
ये भी पढ़ें: नशे की लत में चोरी से भी नहीं गुरेज, किसी ने मां के गहने चुराए तो किसी ने पड़ोसी के घर में लगाई सेंध
