Indora Assembly Seat: अपनी सीट बचा पाएंगी रीता धीमान या मलेंद्र राजन देंगे झटका!

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Published : Nov 22, 2022, 7:52 PM IST

Rita Dhiman vs Malender Rajan

कांगड़ा जिले की इंदौरा सीट पर मुकाबला दिलचस्प और मुश्किलों भरा हो सकता है. यहां से जीत दर्ज करने में उम्मीदवारों के पसीने छूट रहे हैं. 2017 में यह सीट बीजेपी के खाते में गई थी. वहीं 2012 में निर्दलीय का कब्जा हुआ था. इस बार भी बीजेपी ने रीता धीमान को ही टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस से मलेंद्र राजन पहली बार चुनावी मैदान उतरे हैं. पढ़ें. ( Himachal Election Results 2022)

कांगड़ा: इंदौरा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस विधानसभा सीट से बीजेपी की रीता धीमान ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी कमल किशोर को 1095 वोटों के मार्जिन से हराया था. इस मर्तबा भी इस सीट पर सीधी जंग भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याक्षी के बीच ही देखने को मिल रही है. (indora assembly seat) (Rita Dhiman vs Malender Rajan )

महिला मतदाताओं की भूमिका अहम: वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में इस सीट पर 71.58 प्रतिशत मतदान हुआ था. वहीं इस बार 72.71 प्रतिशत मतदान किया है. पिछले बार से इस बार 1.13 प्रतिशत ज्यादा मतदान दर्ज की गई. इसमें से 33255 पुरूष और 33535 महिला मतदाता हैं. वहीं एक थर्ड जेंडर ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.

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इंदौरा का नहीं हो सका विकास: पंजाब क्षेत्र से लगती इस विधानसभा में विकास कार्य भी ज्यादा नहीं हो सके हैं. चुनाव से पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इस विधानसभा में प्रवास के दौरान यहां के लोगों को विकास कार्य करवाने का आश्वासन जरूर दिया था. भाजपा प्रत्याशी रीता धीमान ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में भी इसी सीट से अपनी जीत दर्ज की थी. इसलिए भाजपा हाईकमान ने इस मर्तबा रीता धीमान को ही यहां से टिकट देकर चुना लड़वाया है. वहीं रीता धीमान ने भी इस विधानसभा में विकास करवाने के पूरे प्रयास किये हैं.

रीता धीमान-मलेंद्र राजन की टक्कर: वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस बार मलेंद्र राजन को यहां से टिकट देकर चुनाव लड़वाया है. मलेंद्र राजन पहली बार इस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. राजन पिछले लंबे समय से कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं. मलेंद्र राजन एक साधारण से परिवार से संबंध रखते हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस हाईकमान ने मलेंद्र राजन पर विश्वास जताते हुए उन्हें यहां से टिकट दिया.

मैदान में सात प्रत्याशी: इंदौरा की जंग में मुख्य रूप से बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला देखने को मिलेगा. वहीं आम आदमी पार्टी ने इस जंग को दिलचस्प बना दिया है. इंदौरा सीट पर कुल सात उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी ने पुराने चेहरे को ही मौका दिया है और रीता धीमान को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने मलेंद्र राजन को टिकट दिया जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. आप ने जगदीश सिंह को टिकट दिया है. बीएसपी से हंसराज,एचएसपी से लक्ष्मण दास ताल ठोक रहे हैं. वहीं मनोहर लाल और निर्मल प्रसाद आजाद प्रत्याशी के रूप में मौजूद हैं.

ये हैं बड़े मुद्दे: इस विधानसभा सीट पर विकास कार्य ही अहम मुद्दे रहे हैं. इस सीट पर ज्यादातर लोग किसान हैं जो अपनी फसलों को बचने के लिए पंजाब आते जाते रहते हैं. यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें पंजाब से आने जाने के लिए समय पर बसें नहीं मिलती हैं, जिस कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि इस क्षेत्र में हिमाचल पथ परिवहन की भी सुविधा है, लेकिन एचआरटीसी की बसें भी टाइम टाइम पर ही चलती हैं.

रीता धीमान की संपत्ति का ब्योरा: इंदौरा की विधायक रीता धीमान के पास कुल दो करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है. वहीं उनपर 69 लाख से ज्यादा की देनदारी है. वे सोशल वर्कर की भूमिका भी निभा चुकीं हैं. 47 साल की रीता धीमान दसवीं पास हैं.

मलेंद्र राजन भी करोड़पति: कांग्रेस प्रत्याशी मलेंद्र राजन के पास 1 करोड़ से ज्यादा की चल और अचल संपत्ति है. उनपर किसी भी प्रकार की देनदारी नहीं है. 49 साल के मलेंद्र ग्रेजुएट प्रोफेशनल हैं.

प्रचार से गायब दिखे कांग्रेस स्टार प्रचारक: इस विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रीता धीमान के पक्ष में चुनाव प्रचार करने खुद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पहुंचीं थीं और लोगों से रीता धीमान के पक्ष में अपना मतदान करने की अपील की. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी मलेंद्र राजन को खुद ही अपना चुनाव प्रचार करना पड़ा था.

कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र से किशन कपूर सांसद: इंदौरा सीट कांगड़ा जिले और लोकसभा के अतर्गत है. कांगड़ा लोकसभा के अंतर्गत चुराह, चंबा, डलहौजी, भटियात, नूरपुर, इंदौरा, फतेहपुर, जवाली, ज्वालामुखी,जयसिंहपुर, सुलह, नगरोटा, कांगड़ा, शाहपुर, धर्मशाला, पालमपुर और बैजनाथ आते हैं. यहां साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को चार सीटें आईं जबकि कांग्रेस को 13 सीटें आईं. वहीं साल 2017 में बीजेपी के खाते में 15 सीटें आईं और कांग्रेस मात्र दो सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी. किशन कपूर एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं. वह हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं. वहीं 2014 के चुनाव में BJP के शांता कुमार ने जीत हासिल की थी.

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