धर्मशाला में भारत VS आस्ट्रेलिया टेस्ट मैच, 15 फरवरी से टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग

धर्मशाला में भारत VS आस्ट्रेलिया टेस्ट मैच, 15 फरवरी से टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग
Himachal Pradesh Cricket Association: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में मार्च के पहले सप्ताह में होने वाले भारत-आस्ट्रेलिया मैच के टिकटों की ऑनलाइन सेल 15 फरवरी से शुरू हो जाएगी. मैच के दौरान बारिश होने के बाद जल्द मैदान को सुखाने के लिए एचपीसीए ने यूरोपीय तकनीक सब एयर को अपनाया है. (dharamsala cricket match ticket online booking)
कांगड़ा: हिमाचल के कांगड़ा स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में मार्च के पहले सप्ताह में होने वाले भारत-आस्ट्रेलिया मैच के टिकटों की ऑनलाइन सेल 15 फरवरी से शुरू हो जाएगी. क्रिकेट प्रेमी ऑनलाइन टिकट खरीद सकेंगे. वहीं, फरवरी के अंतिम सप्ताह में स्टेडियम के बाहर काउंटर से भी ऑफलाइन टिकटों की बिक्री शुरू हो होगी. टेस्ट मैच के आयोजन को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर चली हुई हैं.
मैच के दौरान बारिश होने के बाद जल्द मैदान को सुखाने के लिए एचपीसीए ने यूरोपीय तकनीक सब एयर को अपनाया है. इस तकनीक से बारिश बंद होने के बाद 15 से 20 मिनट के भीतर ही ग्राउंड दोबारा से मैच खेलने के लिए तैयार हो जाएगा. भारत में इस तकनीक को अपनाने वाला धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम दूसरा क्रिकेट ग्राउंड बना है. इससे पहले बेंगलुरु में इस तकनीक को अपनाया गया था.
बारिश के देवता की होगी पूजा-अर्चना
एचपीसीए की ओर से मैदान को 15 फरवरी तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, स्टेडियम में दर्शक दीर्घा में लगी कुर्सियों का मरम्मत का कार्य जोरों पर चला हुआ है. साथ ही मैच के आयोजन को लेकर अन्य व्यवस्थाओं को भी एसोसिएशन की ओर से पूरा किया जा रहा है. मैच के दौरान बारिश बाधा न बने, इसके लिए बारिश के देवता के द्वार भी एचपीसीए विशेष पूजा-अर्चना करवाएगा. फरवरी के अंतिम सप्ताह में यह आयोजन इंद्रूनाग मंदिर खनियारा में होगा.
भगवान इंद्रूनाग का मंदिर
भगवान इन्द्रु नाग का मंदिर धर्मशाला शहर से कुल नौ किलोमीटर दूर खनियारा गांव में स्थित है. जी हां, हम उसी धर्मशाला की बात कर रहे है जहां पर क्रिकेट का मैदान है. खनियारा में स्थित यह मंदिर बहुत पुराना है और इसका इतिहास भी इसके जैसे ही पुराना है. मंदिर के महंत और गांव वालों के अनुसार यहा एक वान के पेड़ के नीचे भगवान इन्द्रु नाग के पैरों के निशान मिले थे उसके बाद यहां पर चंबा का एक राजा पहुंचा जिसकी कोई संतान नहीं थी. भगवान इन्द्रु नाग ने उसे सपने में दर्शन देकर संतान प्राप्ति के लिए आर्शीवाद दिया.
ऐसा कहा जाता है कि सपना देखने के बाद राजा सपने में दिखे स्थान पर पहुंचा और भगवान इन्द्रु नाग की पूजा की. उसके अगले ही वर्ष उसे पुत्र की प्राप्ति हुई और पुत्र की प्राप्ति के बाद वह अपने परिवार के साथ वहां पर पूजा के लिए गया और पूजा की. उस जमीन को भगवान के मंदिर के नाम कर दिया. उसके बाद जो भी श्रदालु यहां पर अपनी मन्नत लेकर आता है. उसकी हर मन्नत पूरी हो जाती है. उसके बाद से यहां पर मान्यता हो गई की बारिश की आवश्यकता होने पर मंदिर में गुर नाम का खेल खेला जाता है और आपकी इच्छा पूरी हो जाती है.
यहां के क्रिकेट एसोसिएशन का मानना है कि जब भी यहां पर मैच होता है तो वह मैच के पहले वहां पर जाकर गुर का खेल खेलते हैं और बारिश नहीं होने की मन्नत मानते हैं जिसके बाद इंद्रूनाग देवता उनकी मन्नत पूरी करते हैं और मैच के दौरान बारिश नहीं होती है.
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