कर्मचारी चयन आयोग आयोग की फंक्शनिंग सस्पेंड होने से वेतन संकट, जानें क्या है वजह

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Published : Jan 9, 2023, 7:50 PM IST

Staff Selection Commission Hamirpur

कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में 9 तारीख बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया है. ये इसलिए हो रहा है क्योंकि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में डीडीओ पावर आयोग के चेयरमैन के पास है जबकि आयोग के फंक्शनिंग सस्पेंड होने के चलते वह कोई भी कार्य करने के लिए अधिकृत नहीं हैं. पढ़ें पूरा मामला...

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर पेपर लीक मामले में प्रदेश सरकार की बड़ी कार्रवाई के बाद अब कर्मचारियों के वेतन को लेकर संकट खड़ा हो गया है. कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में 9 तारीख बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया है. कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में 66 कर्मचारी अधिकारी और अध्यक्ष तथा सदस्य कार्यरत हैं. इन सभी को दिसंबर महीने का वेतन नहीं मिल सका है.

दरअसल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में डीडीओ पावर आयोग के चेयरमैन के पास है जबकि आयोग के फंक्शनिंग सस्पेंड होने के चलते वह कोई भी कार्य करने के लिए अधिकृत नहीं हैं. सरकार की तरफ से यहां पर ओएसडी तैनात किए गए हैं, लेकिन उनको सचिव पद के कार्य के लिए अधिकृत किया गया है, जबकि डीडीओ पावर चेयरमैन के पास होती है. आयोग की फंक्शनिंग सस्पेंड होने के चलते चेयरमैन और अन्य सदस्यों की भूमिका को भी सरकार ने स्पष्ट नहीं किया है. (JOA IT Paperleak Case) (JOA IT Paperleak Case) (Himachal Pradesh Staff Selection Commission)

आयोग के चेयरमैन और सदस्य लगातार कार्यालय में आ रहे हैं लेकिन भूमिका स्पष्ट न होने की वजह से अब 66 कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन पर ब्रेक लग गई है. इस स्थिति से निपटने के लिए अब आयोग के ओएसडी के डीसी हमीरपुर जितेंद्र सांजटा ने प्रदेश सरकार के कार्मिक विभाग को पत्र लिखा है. इस पत्र में आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की भूमिका को लेकर भी कार्मिक विभाग से आग्रह किया गया है. आयोग के ओएसडी एडीसी हमीरपुर जितेंद्र सांजटा ने कहा कि कार्मिक विभाग को पत्र लिखा गया है. विभाग से आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की भूमिका स्पष्ट करने को लेकर आग्रह किया गया है.

आरोपी निखिल नीरज और अजय की कल पूरी होगी न्यायिक हिरासत: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में सामने आए जेओएआईटी पेपर भर्ती लीक मामले में मुख्य आरोपी आयोग की निलंबित कर्मी उमा आजाद के छोटे बेटे निखिल आजाद, घर पर काम करने वाले नीरज कुमार और पेपर खरीदने वाले अजय शर्मा की मंगलवार को न्यायिक हिरासत खत्म हो रही है. (Staff Selection Commission Hamirpur)

बताते चलें कि हमीरपुर जिला न्यायालय ने चार लोगों को चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था. लेकिन इनमें से एक महिला अभ्यर्थी तनु शर्मा को गत शुक्रवार को जमानत मिल चुकी है. जबकि तीन अन्य आरोपी अभी तक 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में हैं. इनके अलावा मुख्य आरोपी उमा आजाद, उसके बड़े बेटे नितिन आजाद, एजेंट संजीव कुमार और उसका भाई शशिपाल भी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं. बता दें कि इस पेपर लीक मामले में अब तक कुल आठ आरोपी हैं जिनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है.

हर दिन विजिलेंस के पास हाजिर हो रहे आयोग के पूर्व सचिव: आयोग के सचिव रहे डॉ. जितेंद्र कंवर से विजिलेंस और एसआईटी के अलावा प्रदेश सरकार की ओर से गठित हाईपावर कमेटी अलग-अलग पूछताछ कर चुकी है. अभी तक उनका नाम एफआईआर में नहीं है क्योंकि उनके खिलाफ न अभी तक कोई सबूत मिला है न ही किसी ने ऐसी कोई गवाही दी है जिसमें वे आरोपी साबित होते हों, हालांकि इंक्वायरी के चलते उन्हें रोजाना विजिलेंस के पास हाजिर होना पड़ रहा है.

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