International Womens Day 2023: रेहड़ीनुमा दुकान चलाकर बीमार पिता और परिवार को पाल रही दो बेटियां

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Published : Mar 7, 2023, 5:12 PM IST

Updated : Mar 7, 2023, 6:06 PM IST

International Womens Day 2023

International Womens Day 2023: जिन हाथों ने कभी देश के लिए हॉकी स्टिक थामी थी, वही हाथ अब परिवार के पालन पोषण के लिए फास्ट फूड की रेहड़ी लगाने के लिए मजबूर हैं. ये कहानी है पूर्व हॉकी खिलाड़ी नेहा सिंह की. आज नेहा सिंह और उनकी छोटी बहन निकिता फास्ट फूड का कॉर्नर लगाकर अपने परिवार को पाल रही हैं. जानें पूरी कहानी...

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हमीरपुर जिले की इन दो बेटियों की कहानी बता रहे हैं संवाददाता कमलेश भारद्वाज.

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले की 2 बेटियां फूड कॉर्नर चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही हैं. पिता के बीमार होने पर डेढ़ साल पहले हॉकी की राष्ट्रीय खिलाड़ी रहीं नेहा सिंह और निकिता फास्ट फूड का कॉर्नर शुरू किया था. बड़ी बहन नेहा सिंह एक नहीं बल्कि कई दफा राष्ट्रीय स्तर खेल चुकी हैं. परिवार के पालन पोषण के लिए नेहा ने खेल के साथ पढ़ाई को भी छोड़ दिया और अपनी छोटी बहन निकिता के साथ अपने पिता चंद्र के फिश कॉर्नर की रेहड़ीनुमा दुकान को संभाल रही हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको इन दोनों बहनों के संघर्ष की कहानी से रूबरू करवाएंगे.

चंद्र कुमार लगभग तीन दशक पहले मंडी जिले से हमीरपुर आए और यही बस गए. डेढ़ साल पहले वह अचानक बीमार हुए तो झोंपड़ी में रहने वाले इस परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. दोनों बेटियों ने संघर्ष का रास्ता चुना. बड़ी बेटी नेहा सिंह ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया साईं के हॉस्टल में रहते हुए स्कूल के दौरान ही 2015 में पंजाब में सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. हिमाचल की टीम की तरफ से भी 2 नेशनल हॉकी मैच उन्होंने खेले हैं.

पिता चंद्र कुमार जब बीमार हो गए तो बेटी ने खेल और पढ़ाई दोनों ही छोड़ दिए. यह परिवार एक झोंपड़ी में रहता था और घर का मुखिया बीमार हो चुका था. उस वक्त इस समस्या को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. यही वजह है कि स्थानीय विधायक आशीष शर्मा और प्रधानमंत्री आवास योजना की मदद से इस परिवार को पक्का घर मिल गया, लेकिन दोनों बेटों का संघर्ष लगातार जारी है. नेहा के छोटी बहन निकिता कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं जबकि छोटा भाई अंकुश आठवीं कक्षा में पढ़ता है.

International Womens Day 2023
पूर्व में हॉकी की राष्ट्रीय खिलाड़ी रहीं नेहा सिंह और निकिता फास्ट फूड का कॉर्नर.

ईटीवी भारत में जब प्रमुखता से इस परिवार के समस्या को उठाया तो टाटा फाउंडेशन ने निकिता और अंकुश की पढ़ाई का खर्च उठाने की पहल की. दोनों बेटियों ने दिन रात मेहनत की और अब बीमार पिता और पूरे परिवार का पालन पोषण कर रही हैं. दोनों बेटियों के संघर्ष से पक्का मकान तो परिवार को मिल गया है, लेकिन पिता के इलाज पर हजारों रुपये खर्च होते हैं और संघर्ष का यह दौर लगातार जारी है. छोटी सी दुकान से ही परिवार का और पिता के इलाज का खर्च यह दोनों बेटियां निकाल रही हैं.

लोग सिड्डू कर रहे बेहद पसंद, फोन पर मिल रहे ऑर्डर: दोनों बहनों ने संघर्ष जारी रखा. छोटी बहन निकिता कॉलेज में पढ़ाई भी कर रही हैं और दुकान पर काम भी करती हैं. फास्ट फूड के साथ ही दोनों ने हिमाचल के पारंपरिक व्यंजन सिड्डू को बनाना भी शुरू किया. सिड्डू को अब हमीरपुर के लोग भी खूब पसंद कर रहे हैं और इस व्यंजन के लिए अब दोनों बहनें मशहूर हो गई हैं. खास बात यह है कि दोनों के पिता चंदन इस दुकान पर लगभग 20 से 25 बरस तक तली हुई मछली बेचते थे और अपने इस कार्य के लिए वह मशहूर थे. दोनों बेटियां अब फास्ट फूड के साथ ही पारंपरिक व्यंजन सिड्डू के लिए मशहूर हो गए हैं.

सबसे जरूरी है परिवार का पालन पोषण, सरकारी नौकरी मिले तो कट जाएंगे संकट: नेहा सिंह ने राष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेल कर प्रदेश का नाम चमकाया है. ऐसे में इस बेटी को उम्मीद है कि सरकार कभी ना कभी सरकारी क्षेत्र में रोजगार का मौका देगी. निकिता और नेहा कहती हैं कि बेटियों के लिए सबसे पहले परिवार होता है. पिता बीमार हुए तो उनके लिए सबसे जरूरी परिवार था. बेटियों का कहना है कि कभी भी जिंदगी में हार नहीं माननी चाहिए और निरंतर संघर्ष जारी रखना चाहिए. केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के जिला हमीरपुर की यह बेटियां उम्मीद लगाए हुए हैं कि सरकार इनके रोजगार का प्रबंध जरूर करेगी.

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Last Updated :Mar 7, 2023, 6:06 PM IST
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