हेल्थ पोर्टल पर डाटा अपलोड करने में हमीरपुर रहा अव्वल, देश में मिला पहला स्थान
Published: Nov 20, 2023, 9:48 PM


हेल्थ पोर्टल पर डाटा अपलोड करने में हमीरपुर रहा अव्वल, देश में मिला पहला स्थान
Published: Nov 20, 2023, 9:48 PM

Hamirpur First in Uploading Data On Health Portal: हमीरपुर जिला हेल्थ पोर्टल पर रियल टाइम डाटा अपलोड करने में देश भर में अव्वल रहा. बता दें कि ऑल इंडिया लेवल पर सिर्फ दो जिलों को प्रथम चुना गया है, जिसमें हमीरपुर और हरियाणा का झज्जर जिला भी शामिल है. पढ़ें पूरी खबर..
हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश का हमीरपुर जिला हेल्थ पोर्टल पर डाटा अपलोड करने में पूरे देश में पहले नंबर पर रहा है. स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर ऑनलाइन संचालन के लिए जिला को देश भर में अव्वल आना हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव की बात है. बता दें कि ऑल इंडिया लेवल पर सिर्फ दो जिलों को प्रथम चुना गया है, जिनमें हिमाचल प्रदेश का सबसे साक्षर जिला हमीरपुर और हरियाणा का झज्जर जिला शामिल है. हमीरपुर ने पीएचसी से लेकर सीएचसी और लैब का सारा डाटा ऑनलाइन अपलोड किया है. यह रोगों पर निगरानी रखने वाला पोर्टल है, जो कि साल 2021 में शुरू हुआ था. आईएचआईपी पोर्टल पर बीमारियों से संबंधित जानकारी साझा की जाती है.
हमीरपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्निहोत्री ने बताया कि आईएचआईपी पोर्टल में रियल टाइम डाटा ऑनलाइन करने में देश भर में हमीरपुर जिला अव्वल रहा है. देश भर से सिर्फ हिमाचल का हमीरपुर और हरियाणा का झज्जर जिला शामिल है. पीएचसी, सीएचसी तथा लैब से रियल टाइम डाटा पोर्टल पर अपलोड किया गया है. डॉ. अग्निहोत्री ने कहा कि हमीरपुर में आईएचआईपी में सबसे अग्रणी होने के चलते सेंटर हेल्थ मिनिस्ट्री से डॉ. आरती निर्मला हमीरपुर आई थीं. उन्होंने सीएचसी, पीएचसी और लैब का दौरा कर स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ समन्वय स्थापित किया.
बता दें कि पीएचसी या सीएचसी के बाद लैब में जांच के बाद बीमारी का डाटा रियल टाइम अपलोड किया जाता है. यह डाटा आईएचआईपी पोर्टल पर अपलोड किया जाता है. यह डाटा किसी बीमारी के संदर्भ में जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध करवाता है. इसका मुख्य उद्देश्य बीमारी को फैलने से पहले ही रोक लेना है. डाटा ऑनलाइन होने पर प्रदेश स्तर तक पता चल जाता है कि कौन सी बीमारी गंभीर है. जाहिर है कि हमीरपुर के टौणी देवी में पीलिया फैला था, तो उसका मॉनिटरिंग कर डाटा ऑनलाइन किया गया था. जिसके बाद शीघ्र उपचार की सुविधा मिलने के कारण बीमारी को कंट्रोल किया गया. हालांकि पीलिया से 350 से अधिक लोग पीड़ित हुए थे. चिकित्सकों की दिन रात की मेहनत रंग लाई और पीलिया से कोई जानी नुकसान नहीं होने दिया.
