Bharmour Assembly Seat: भरमौर की सियासी हांडी में असंतुष्टों और भीतरघातियों की खिचड़ी, आखिर कौन चखेगा स्वाद

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Published : Nov 23, 2022, 9:54 PM IST

Bharmour Assembly Seat Ground Report

8 दिसंबर को मतगणना के दिन पता चल पाएगा कि हिमाचल में किस पार्टी की सरकार बनती है और किस विधानसभा सीट पर किस प्रत्याशी की जीत होती है. हालांकि सभी सियासी दल के नेता अभी से अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश की हॉट सीट में शामिल भरमौर विधानसभा क्षेत्र में सीधा मुकाबला चाचा और भतीजा के बीच है. भाजपा ने नए चेहरे के तौर पर प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डॉ. जनक को अपना चेहरा बनाया, तो कांग्रेस ने दिग्गज नेता ठाकुर सिंह भरमौरी को चुनावी मैदान में उतारा था. ऐसे में अब देखना होगा कि क्या सियासी सर्जरी के लिए राजनीति में आए डॉ. जनक राज की डोज मतदाताओं पर असर कर गई है या फिर दिग्गज कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी उम्र की इस दहलीज पर अपना जलवा बरकरार रख पाएंगे. (Thakur Singh Bharmouri VS Janak Raj in bharmour ) (Bharmour Assembly Constituency profile)

भरमौर: जनजातीय विधानसभा क्षेत्र पांगी-भरमौर में इन दिनों बिगड़ैल हुए मौसम से बेशक पारा माइनस में पहुंचा दियाा हो, लेकिन मतदान प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद सियासी भट्ठी की तपिश से माहौल पूरी तरह से गर्म है. वजह साफ है कि हिमाचल प्रदेश की हॉट सीट में शामिल इस विधानसभा क्षेत्र में सीधा मुकाबला चाचा और भतीजा के बीच है. हलके से भाजपा प्रत्याशी डॉ. जनक राज रिश्ते में कांग्रेस उम्मीदवार ठाकुर सिंह भरमौरी के चाचा हैं. बड़ी बात यह है कि एंटी इनकबैंसी को खत्म करने के लिए भाजपा ने नए चेहरे के तौर पर प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डॉ. जनक को अपना चेहरा बनाया, तो कांग्रेस ने पार्टी के दिग्गज नेता ठाकुर सिंह भरमौरी को मैदान में उतारा. (Thakur Singh Bharmouri VS Janak Raj in bharmour )

ठाकुर सिंह भरमौरी हॉली लॉज के बेहद करीबी है. जीत के दावें दोनों तरफ से हो रहे हैं, लेकिन अंदर ही अंदर कांग्रेस जहां अंसतुष्टों से खौफ खाए हुए है, तो भाजपा भी कहीं न कहीं यह मानकर जरूर चल रही है कि चुनाव में भीतरघात के जख्म पार्टी को जरूर मिले हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि चुनाव में पकी पांगी-भरमौर की सियासी खिचड़ी का स्वाद भाजपा-कांग्रेस के लिए कैसा रहेगा? क्या सियासी सर्जरी के लिए राजनीति में आए डॉ. जनक राज की डोज मतदाताओं पर असर कर गई है या फिर दिग्गज कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी उम्र की इस दहलीज पर अपना जलवा बरकरार रख पाएंगे. लिहाजा अब इंतजार है, तो बस 8 दिसंबर का, जब ईवीएम में कैद हो चुके हॉट सीट का भविष्य भविष्य सबके सामने होगा. दो बड़े चेहरों के बीच पांगी-भरमौर में हो रही इस भिड़ंत के नतीजों की अब हिमाचल की नजरें टिकी हुई है. (Bharmour Congress candidate Thakur Singh Bharmauri)

भरमौर विधानसभा सीट पर 71 प्रतिशत मतदान: चंबा जिले में 2017 में 72.81 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि इस साल 73.90 मतदान दर्ज किया गया है. यानी इस साल 1.09 फीसदी अधिक मतदान हुआ है. अब भरमौर विधानसभा सीट की बात करते हैं. भरमौर विधानसभा सीट पर साल 2017 में भरमौर विधानसभा क्षेत्र में 72 फीसदी मतदान हुआ था. वहीं, इस साल भरमौर विधानसभा सीट पर 71 फीसदी मतदान हुआ है. 2017 के मुकाबले 2022 में भरमौर विधानसभा सीट पर 1 फीसदी कम मतदान हुआ है. हलके में मतदान प्रक्रिया के लिए कुल 150 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे. जहां पर क्षेत्र के कुल 78583 मतदाताओं में से 55789 ने अपने मतदाधिकार का प्रयोग किया. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 28862, जबकि 26927 महिला मतदाता शामिल रही. वहीं, वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में इस हलके में 72 फीसदी मतदान हुआ है. (Voting percentage in Bharmour assembly seat) (Chamba district voting percentage)

भाजपा प्रत्याशी डॉ. जनक पांच करोड़ की संपत्ति के हैं मालिक: पांगी-भरमौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी डॉ. जनक राज कुल 5.1 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं. नामाकंन पत्र दाखिल करवाने के दौरान दाखिल शपथ पत्र में डॉ. जनक ने अपनी कुल संपत्ति का ये ब्यौरा दिया है. जबकि उनके ऊपर 81.9 लाख रुपयों की देनदारियां हैं. जनक राज हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज आईजीएमसी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक पद पर सेवाएं देने के दौरान राजनीति में कूदे और ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. 42
वर्षीय डॉ. जनक राज की पृष्ठभूमि ग्रामीण परिवेश से हैं और उनका यह पहला चुनाव है. (Bharmour Assembly Constituency) (Bharmour Assembly Constituency profile)

Bharmour BJP candidate Janak Raj
भरमौर से बीजेपी प्रत्याशी डॉ. जनक राज.

ठाकुर सिंह भरमौरी के सिर पर है 96.8 लाख रूपयों की देनदारी: नामाकंन के वक्त कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर सिंह भरमौरी की ओर से दिए गए हल्फनामे में उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 10.1 करोड़ बताई है, जबकि 96.8 लाख रुपये की देनदारियां दर्शाई गई है. 75 वर्षीय ठाकुर सिंह भरमौरी पांगी-भरमौर विधानसभा क्षेत्र से छह मर्तबा चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं और वह पूर्व वीरभद्र सरकार में हिमाचल के वन एवं मतस्य मंत्री भी रह चुके हैं. मौजूदा समय में वह हिमाचल कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के तौर पर संगठन में काम कर रहे हैं. ठाकुर सिंह भरमौरी ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से बीए की है और म्यूजिक में बैचलर डिग्री हासिल की है. (bharmour Assembly Seat Ground Report )

सबसे बड़ी जीत और छोटी हार का रिकॉर्ड है ठाकुर सिंह भरमौरी के नाम: पांगी-भरमौर विस क्षेत्र से जुड़ा रोचक पहलू यह भी है कि इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए चुनावों में सबसे बड़ी जीत और छोटी हार का रिकॉर्ड पूर्व वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी के नाम है. उन्होंने वर्ष 2003 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी तुलसी राम को 9,692 मतों से पराजित किया था, जबकि वर्ष 2007 के चुनाव में वह तुलसी राम से ही महज 16 मतों के अंतर से पराजित हुए थे.

Bharmour Congress candidate Thakur Singh Bharmauri.
भरमौर से कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर सिंह भरमौरी.

भाजपा ने दो मर्तबा बदले चेहरा, कांग्रेस की ठाकुर सिंह भरमौरी बने हैं अब तक पसंद: पांगी-भरमौर विधानसभा क्षेत्र में हुए पिछले छह विधानसभा चुनावों की बात करें तो भाजपा ने दो मर्तबा अपने चेहरे बदले हैं, जबकि हलके में कांग्रेस हाईकमान की ठाकुर सिंह भरमौरी पहली पसंद बने हैं. हालांकि वर्ष 1993 में कांग्रेस ने ठाकुर सिंह भरमौरी का टिकट काट कर ब्रह्मानंद ठाकुर को अपना प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन ठाकुर सिंह भरमौरी ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ कर 1277 मतों के अंतर से अपनी जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा ने पांगी-भरमौर विस क्षेत्र में पूर्व विस अध्यक्ष का टिकट काट कर जिया लाल कपूर को चुनाव में उतारा था. लिहाजा मौजूदा समय में हो रहे विस चुनाव में पार्टी ने फिर अपना चेहरा बदल कर डॉ. जनक को अपना प्रत्याशी बनाया है.

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भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों के प्रत्याशियों के भविष्य दांव पर: विधानसभा चुनाव में इस बार पांगी-भरमौर हलके से भाजपा के जनक राज और पूर्व वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी का भविष्य भी दांव पर लगा हुआ है. भाजपा प्रत्याशी न्यूरो सर्जन डॉ. जनक राज आईजीएमसी शिमला में बतौर वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक पद पर तैनात थे. लिहाजा उन्होंने सरकारी सेवा से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति में उतरे हैं, जबकि ठाकुर सिंह भरमौरी वृद्व नेता है और अगर वह विस चुनाव में पिछड़ जाते हैं, तो भरमौर की सियासत में लंबे समय तक दबदबा रखने वाले इस परिवार के भविष्य पर भी संकट खड़ा हो जाएगा. चूंकि इस मर्तबा भी हलके से शुरुआती दौर में कांग्रेस का टिकट युवा नेता सुरजीत भरमौरी को देने पर हाईकमान विचार कर रही थी, लेकिन अंतिम समय में पार्टी हाईकमान ने ठाकुर सिंह भरमौरी को अपना चेहरा बनाया. नतीजतन कहीं न कहीं इस बात की चर्चा भी क्षेत्र में है कि अगर कांग्रेस यहां से विस चुनाव हार जाती है, तो भरमौरी परिवार का यह अंतिम चुनाव होगा. ( political equation of bharmour )

गैर जनजातीय क्षेत्र का ट्राइबल का दर्जा, टनल निर्माण और स्वास्थ्य-शिक्षा अहम मुद्दे: पांगी-भरमौर विधानसभा क्षेत्र में इस वक्त 24 ग्राम पंचायतों को ट्राइबल का दर्जा न मिल पाना एक बड़ा मुद्दा बना. चूंकि विस क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से एक बड़ी संख्या इसी क्षेत्र से संबंध रखती है. 24 पंचायतों की हजारों की आबादी लंबे समय से ट्राइबल का दर्जा देने की मांग कर रही है. इसी तरह पांगी घाटी को 12 माह देश-दुनिया से जोड़े रखने के लिए चैहणी सुरंग की निर्माण भी सदियों से चली आ रही है. करीब पंद्रह हजार से अधिक मतदाता पांगी घाटी में है. नतीजतन हलके में किसी भी प्रत्याशी की जीत-हार में यह घाटी बड़ा रोल निभाती है. इसके अलावा होली-उतराला टनल निर्माण को मुददा भी क्षेत्र का बहुचर्चित है. पांगी-भरमौर विस क्षेत्र में स्वास्थ्य और शिक्षा को सदृढ ढांचा न मिल पाना भी एक बड़ा मुद्दा है. वहीं, सड़कें और दूरसंचार व्यवस्था न होने की गूंज भी विधानसभा चुनाव में सुनाई दे रही है. साथ ही क्षेत्र में चल रही जल विद्युत परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को रोजगार न मिलने का मुददा भी क्षेत्र की सियासी फिजाओं में खूब छाया रहा था. (Bharmour Assembly Constituency issues)

नितिन गडकरी ने भरमौर में की थी जनसभा, कांग्रेस से मुकेश अग्निहोत्री ने संभाला मोर्चा: पांगी-भरमौर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में एक केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उपमंडल मुख्यालय में जनसभा की, जबकि कांग्रेस की ओर से स्टार प्रचारक के तौर पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पार्टी उम्मीदवार के लिए जनसभा की. इसके अलावा भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल रहे हर्ष महाजन ने भी हलके के गैर जनजातीय क्षेत्र लिहल और पांगी घाटी में प्रचार अभियान की कमान संभाल कर जनसभाएं की. कुल-मिलाकर भाजपा ने अपने प्रत्याशी के पक्ष में एक केंद्रीय मंत्री की जनसभा करवाई, जबकि कांग्रेस की तरफ से प्रदेश के नेता ने ही चुनावी सभा की. (Himachal Pradesh elections result 2022)

पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह भरमौर से करते थे विस चुनाव के प्रचार अभियान का आगाज: विधानसभा चुनावों के प्रचार अभियान के दौरान पांगी-भरमौर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व सीएम स्वर्गीय वीरभद्र सिंह परिवार ने पूरी तरह से दूरी बना रखी और हलके में यह भी एक बड़ी चर्चा की विषय मतदाताओं के बीच में रहा कि आखिर क्यों पूर्व सीएम के परिवार ने भरमौर से दूरियां बना ली है. बता दें कि प्रदेशाध्यक्ष के पद पर ताजपोशी होने के बाद प्रतिभा सिंह ने मात्र हलके की पांगी घाटी का ही दौरा किया था, जबकि भरमौर की तरफ उन्होंने रूख नहीं किया था. इस चुनाव में सबसे बड़ी बात यह रही कि जहां पूर्व सीएम स्वर्गीय वीरभद्र सिंह अपने प्रचार अभियान का आगाज भरमौर में जनसभा के साथ करते थे, लेकिन इस मर्तबा न तो प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और न ही विक्रमादित्य सिंह ने यहां पर कोई जनसभा की, जबकि यह जगजाहिर है कि हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अपना
एक अलग ही रसूख था.

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