हिमाचल किसान सभा का सरकार को अल्टीमेटम, 10 दिन में लंपी वायरस का किया जाए समाधान

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Published : Sep 21, 2022, 10:26 AM IST

Lampy Skin Desease in Himachal

हिमाचल किसान सभा ने हिमाचल के सिरमौर में बढ़ रहे लंपी वायरस के मामलों को लेकर प्रदेश सरकार को घेरा (Lampy Virus cases in Sirmaur) है. उन्होंने प्रदेश सरकार पर इस दिशा में कोई ठोस कदम न उठाने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जो दवाइयां घर द्वार पर उपचार करने पहुंच रहे डॉ. द्वारा दी जा रही है वह काफी महंगी है, जिससे लोगों को पशुओं का इलाज करवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा (Lampy Skin Desease in Himachal) है.

पांवटा साहिब: देशभर में इन दिनों लंपी वायरस का खतरा देखने को मिल रहा है. राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा समेत दूसरे राज्यों की तरह अब यह वायरस हिमाचल प्रदेश में भी अपने पैर पूरी तरह से पसार चुका (Lampy Skin Desease in Himachal) है. हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जिला सिरमौर की बात की जाए तो वह भी इससे अछूता नहीं रहा है. सिरमौर में लंपी वायरस के मामले एकाएक बढ़े हैं जिससे लोग परेशान है.

सरकार रही नाकाम: जिले में बढ़ते मामलों को देखते हुए मंगलवार को हिमाचल किसान सभा द्वारा पांवटा साहिब में प्रेस वार्ता का आयोजन किया (Himachal Kisan Sabha on Lampy Virus) गया. इस दौरान किसान सभा के सदस्यों ने प्रदेश सरकार व विभाग पर इसकी रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम न उठाने के आरोप लगाए. किसान सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार इस विषय को लेकर बिलकुल भी गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की तर्ज पर इस बीमारी पर लगातार निगरानी रखनी होगी.

समाधान नहीं किया तो होगा आंदोलन: हिमाचल किसान सभा के जिला सचिव तरसेम सिंह ने कहा कि उनके द्वारा प्रदेश सरकार को पत्र भेजा है और 10 दिनों के भीतर इस समस्या के समाधान की मांग की गई (Lampy Virus cases in Sirmaur) है. उन्होंने कहा कि यदि इस समस्या का समाधान नहीं होता है तो हिमाचल किसान सभा उग्र आंदोलन करेगा. उन्होंने कहा कि यह बिमारी पशुओं के लिए जानलेवा है. ऐसे में सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.

पांवटा के होम्योपैथी के डॉ. कर रहे फ्री इलाज: तरसेम सिंह ने बताया कि जिला सिरमौर के पांवटा साहिब के दो होम्योपैथी चिकित्सक पांवटा के अंदर लंपी वायरस की फ्री दवा बांट रहे हैं. साथ ही अन्य लोग भी उनका सहयोग कर रहे हैं. लेकिन प्रदेश सरकार इसमें नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि घर द्वार पर उपचार करने पहुंच रहे डॉ. लोगों से 100 रुपए फीस ले रहे हैं उसे भी सरकार को माफ करने चाहिए क्योंकि लोगों को यह महंगा पड़ रहा है.

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