नाराज होकर शिवरात्रि महोत्सव से लौटे सिराज के देव, गुर बोले- देवता को सम्मान नहीं तो आने का कोई मतलब नहीं

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Published : Mar 12, 2019, 6:34 AM IST

शिवरात्रि महोत्सव में पूर्व निर्धारित स्थान पर आसन ना मिलने से रुष्ठ हुए सराज के देवता.गुर बोले- हमारे इष्ट देवता को उचित सम्मान नहीं मिले तो शिवरात्रि में आने का मतलब नहीं.

मंडी: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के अंतिम दिन चौहटा की जातर में पूर्व निर्धारित स्थान पर आसन न मिलने की वजह से सराज के प्रमुख देवता देव बिट्ठु नारायण नाराज हो गए. जिस कारण देव बिट्ठु नारायण ने जातर में हिस्सा नहीं लिया और लोगों को उनके दर्शन करने का सौभाग्य नहीं मिला.

जानकारी के अनुसार नाराज होने के कारण देवता अपने ठहराव स्थल की ओर वापस चले गए. जब मेला कमेटी और सर्व देवता समिति मंडी के पदाधिकारी देवता तो मनाने के लिए पहुंचे तो देव ने जातर में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया.
दरअसल रजवाड़ा शाही दौर से ही जातर में देवी देवता पर आते थे तो देव बिट्ठु नारायण सबसे आगे प्रथम स्थान पर विराजमान होते थे. सदियों से ये परंपरा चली आ रही थी, लेकिन सोमवार को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 2019 के अंतिम दिन जब सुबह यात्रा का शुभारंभ हुआ तो देव बिट्ठु नारायण की जगह पर कोई और देवता विराजमान हो गए थे. जिस कारण विवाद शुरू हो गया.

देवता की नाराजगी पर बोले गुर

सूचना मिलने पर सर्व देवता सेवा समिति और मेला कमेटी के पदाधिकारी मौके पर आए और विवाद को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन देव बिट्ठु नारायण नहीं माने और अपने ठहराव स्थल बाबा भूतनाथ की सराय के लिए वापस लौट गए.

diety Bitthu Narayana
देव बिट्ठु नारायण

मेला कमेटी के तमाम प्रयासों के बावजूद देव बिट्ठु नारायण नहीं माने और जातर में हिस्सा भी नहीं लिया. देवता के गुर के परिवार के सदस्य अनूप शर्मा ने बताया कि वर्ष 2003 में लंबे अरसे के बाद देवता ने उचित सम्मान मिलने के बाद शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत की थी, लेकिन अगर इस तरह से हमारे इष्ट देवता को सम्मान नहीं मिलेगा तो उनके शिवरात्रि महोत्सव में आने का कोई मतलब नहीं है.

Intro:पूर्व निर्धारित स्थान पर आसन ना मिलने की वजह से रुष्ठ होकर चौहटा की जातर से वापस लौट गए सराज के ये देव, गुर बोले उचित सम्मान मिले तो शिवरात्रि में आने का मतलब नहीं
मंडी।
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के अंतिम दिन चौहटा की जातर में पूर्व निर्धारित स्थान पर आसन न मिलने की वजह से सराज के प्रमुख देवता देव बिट्ठु नारायण नाराज हो गए। जिस कारण देव बिट्ठु नारायण ने जातर में हिस्सा नहीं लिया और लोगों को उनके दर्शन करने का सौभाग्य नहीं मिला। नाराज होने के कारण देवता अपने ठहराव स्थल की ओर वापस चले गए। जब मेला कमेटी और सर्व देवता समिति मंडी के पदाधिकारी देवता तो मनाने के लिए पहुंचे तो देव ने जातर में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया।


Body:दरअसल रजवाड़ा शाही दौर से ही जातर में देवी देवता पर आते थे तो देव बिट्ठु नारायण सबसे आगे प्रथम स्थान पर विराजमान होते थे। सदियों से यह परंपरा चली आ रही थी। लेकिन सोमवार को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 2019 के अंतिम दिन जब सुबह यात्रा का शुभारंभ हुआ तो देव बिट्ठु नारायण की जगह पर कोई और देवता विराजमान हो गए थे। जिस कारण विवाद शुरू हो गया। सूचना मिलने पर सर्व देवता सेवा समिति और मेला कमेटी के पदाधिकारी मौके पर आए और विवाद को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन देव बिट्ठु नारायण नहीं माने और अपने ठहराव स्थल बाबा भूतनाथ की सराय के लिए वापस लौट गए।


Conclusion:मेला कमेटी के तमाम प्रयासों के बावजूद देव बिट्ठु नारायण नहीं माने और जातर में हिस्सा भी नहीं लिया। देवता के गुर के परिवार के सदस्य अनूप शर्मा ने बताया कि वर्ष 2003 में लंबे अरसे के बाद देवता ने उचित सम्मान मिलने के बाद शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत की थी लेकिन अगर इस तरह से हमारे इष्ट देवता को सम्मान नहीं मिलेगा तो उनके शिवरात्रि महोत्सव में आने का कोई मतलब नहीं है.
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