भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिर होंगे पीएम नरेंद्र मोदी, अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के शुभारंभ पर आएंगे कुल्लू
Updated on: Sep 15, 2022, 10:26 PM IST

भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिर होंगे पीएम नरेंद्र मोदी, अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के शुभारंभ पर आएंगे कुल्लू
Updated on: Sep 15, 2022, 10:26 PM IST
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के शुभारंभ (International Kullu Dussehra) पर पीएम नरेंद्र मोदी कुल्लू आएंगे. कुल्लू दशहरा में पीएम मोदी के शामिल होने से जुड़ी सूचना पीएमओ से राज्य सरकार को मिली है. पढ़ें पूरी खबर...
शिमला: देश-दुनिया में अपनी अनूठी परंपराओं के लिए विख्यात कुल्लू के अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में (International Kullu Dussehra) इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है. प्रधानमंत्री कार्यालय से इस बारे में आरंभिक संकेत मिलने के बाद हिमाचल सरकार तैयारियों में जुट गई है. इस बार कुल्लू दशहरा 5 अक्टूबर से 11 अक्टूबर के दरम्यान होगा. इस उत्सव के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी पुष्टि की है कि पीएमओ से प्रधानमंत्री के इस उत्सव में शामिल होने की प्रारंभिक सूचना आई है. इधर, गुरुवार देर शाम को ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुवाई में कुल्लू दशहरा उत्सव को लेकर बैठक का आयोजन किया गया था. उसके बाद देर रात मुख्यमंत्री शिमला स्थित राज्य अतिथि गृह पीटरहाफ में हाटी समुदाय की तरफ से आयोजित सम्मान समारोह में शामिल हुए. उसी दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कुल्लू दशहरा में पीएम मोदी के शामिल होने से जुड़ी सूचना पीएमओ से राज्य सरकार को मिली है.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नब्बे के दशक में हिमाचल भाजपा के प्रभारी रहे हैं और कुल्लू से उनका गहरा लगाव है. वे बिजली महादेव के दर्शन को जाया करते थे. कुल्लू दशहरा में पीएम मोदी के शामिल होने (PM Narendra Modi will attend Kullu Dussehra) की सूचना के बाद राज्य सरकार ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. उल्लेखनीय है कि इस बार दशहरा अपने परंपरागत रूप से मनाया जाएगा. सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा जाएगा. देश भर के राज्यों से सांस्कृतिक दल यहां प्रस्तुति देंगे. उत्सव में हिमाचल के गठन से लेकर अब तक की 75 साल की यात्रा को भी चल-चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा. बता दें कि पूरे देश में जब दशहरे की समाप्ति होती है उस दिन से कुल्लू की घाटी में इस उत्सव का उत्साह अपने चरम पर रहता है. रथयात्रा, खरीदारी का उत्साह और धार्मिक परंपराओं की धूम इस उत्साह को विविधता से भर देती है.
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